स्मॉल फाइनेंस बैंक और सामान्य कॉमर्शियल बैंक में क्या अंतर? क्या स्मॉल फाइनेंस बैंक में जमा होता है सुरक्षित
बैंक भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जिनमें कॉमर्शियल (Commercial Banks) और स्मॉल फाइनेंस बैंक (Small Finance Banks) शामिल हैं। कॉमर्शियल बैंक व्यापक वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हैं जबकि स्मॉल फाइनेंस बैंक छोटे व्यवसायों और असंगठित क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हैं। स्मॉल फाइनेंस बैंक ज्यादा ब्याज देते हैं लेकिन निवेश से पहले उनकी वित्तीय स्थिति जांचना जरूरी है।

नई दिल्ली। बैंक लोगों, बिजनेस को लोन, बचत सुविधाएं और अन्य वित्तीय सेवाएं से भारत के आर्थिक विकास को गति देने में खास भूमिका निभाता है। भारत में, बैंकों को कई तरह के कैटेगरी में बांटा गया है।
इसमें कॉमर्शियल बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक और सहकारी बैंक आदि शामिल हैं। इनमें कॉमर्शियल बैंकों को पब्लिक सेक्टर के बैंकों, प्राइवेट सेक्टर के बैंकों, विदेशी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) में बांटा गया है।
कुछ सालों में कॉमर्शियल बैंकों और स्मॉल फाइनेंस बैंकों के बीच अंतर चर्चा का एक प्रमुख विषय रहा है।
कॉमर्शियल बैंक क्या होते हैं?
कॉमर्शियल बैंक लोन देने, जमा स्वीकार करने और व्यक्तियों, कंपनियों और यहां तक कि सरकार को वित्तीय सहायता प्रदान करने सहित कई प्रकार की गतिविधियाँ करते हैं।
इनका संचालन बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 से नियंत्रित होता है और ये बिना किसी प्रतिबंध के एक व्यापक ग्राहक आधार की सेवा करते हैं।
स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB)
दूसरी ओर,स्मॉल फाइनेंस बैंक छोटे बिजनेस मालिकों, माइक्रो और समॉल इंटरप्राजेज, सीमांत किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर फोकस होता है। उदाहरण के लिए यह बचत और चालू खाते, जमा, लोन, ATM और लॉकर सुविधाओं जैसी सेवाए देता है।
क्या स्मॉल फाइनेंस बैंक में जमा पैसे सुरक्षित होते हैं
छोटे वित्त बैंक (SFB) ज्यादा ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बड़े वाणिज्यिक बैंकों की तुलना में अपनी FD पर ज्यादा ब्याज देते हैं।
ज्यादातर लोगों को स्मॉल फाइनेंस बैंक में अपनी जमा रकम की सुरक्षा को लेकर होती है। ऐसे में यह पता लगाने के लिए कि आपका जमा किया गया पैसा सुरक्षित है या नहीं इसके लिए आप निवेश करने से पहले उस बैंक नीचे दी गई बातों का ध्यान रखें
1. सामान्य बैंकों की तरह, स्मॉल फाइनेंस बैंक भी आरबीआई द्वारा विनियमित संस्थाएं हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि ये बैंक कड़े दिशानिर्देशों के तहत काम करते हैं, जिससे जमाकर्ताओं को एक हद तक विश्वास और सुरक्षा मिलती है।
2. जमा बीमा और लोन गारंटी निगम (DICGC) के अंतर्गत जमा राशि का बीमा किया जाता है, जो प्रत्येक बैंक के प्रत्येक जमाकर्ता को 5 लाख रुपये तक का समान बीमा कवरेज होता है।
यह बीमा छोटे जमाकर्ताओं के लिए सुरक्षा कवच की गारंटी देता है। यहां सावधानी बरतने और निवेश करने से पहले बैंक की वित्तीय स्थिति तय करने के लिए खास मानदंडों को जरूर देखें।
3. नॉन परफॉर्मेंस (NPA) का स्थायी स्तर महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे बैंक की तरलता स्थिति और डिफ़ॉल्ट के जोखिम को सीधे प्रभावित करते हैं।
4. बैंक में एक अनुभवी और स्थिर प्रबंधन टीम महत्वपूर्ण है, क्योंकि मजबूत प्रशासन के अभाव में असंगत प्रदर्शन हो सकता है।
5. क्रेडिट रेटिंग सभी मूर्त और अमूर्त कारकों पर विचार करते हुए, किसी बैंक की समग्र वित्तीय स्थिति को दर्शाती है।
सामान्य बैंकों की तुलना में यह ज्यादा ब्याज दरों के चलते, SFB में FD करना एक आकर्षक विकल्प है। हालांकि निवेश करने से पहले बैंक की वित्तीय स्थिति के बारे अच्छे से जांच पड़ताल कर लेना चाहिए।
कॉमर्शियल बैंकों और स्मॉल फाइनेंस बैंकों के बीच मुख्य अंतर
लोन: कॉमर्शियल बैंक कई प्रकार के लोन देते हैं, जबकि स्मॉल फाइनेंस बैंक आमतौर पर MSME लोन, वाहन लोन और स्वर्ण लोन जैसे बुनियादी लोन प्रदान करते हैं।
ग्राहक आधार: कॉमर्शियल बैंक सभी श्रेणियों के ग्राहकों की सेवा करते हैं, जबकिस्मॉल फाइनेंस बैंक मुख्य रूप से छोटे उधारकर्ताओं, असंगठित श्रमिकों और एमएसएमई पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
ऑनलाइन सेवाएं: दोनों प्रकार के बैंक प्रेषण और डिजिटल बैंकिंग सुविधाएं देते हैं।
धन की जरूरत: कॉमर्शियल बैंकों को संचालन के लिए बड़ी पूंजी की आवश्यकता होती है, जबकि स्मॉल फाइनेंस बैंकों के लिए न्यूनतम ₹100 करोड़ की पूंजी बनाए रखना अनिवार्य है।
संक्षेप में कहें तो जहां कॉमर्शियल बैंक व्यापक दायरे में पूरी अर्थव्यवस्था की सेवा करते हैं, वहीं स्मॉल फाइनेंस बैंक वंचित समुदायों तक बैंकिंग पहुंच बनाने पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं।
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