RBI की पहली CFO बनीं सुधा बालाकृष्णन, जानिए क्या होगी केंद्रीय बैंक में उनकी भूमिका
सुधा बालाकृष्णन आरबीआई की 12वीं कार्यकारी निदेशक होंगी और इनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड की कार्यकारी सुधा बालाकृष्णन को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की पहली चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (सीएफओ) के तौर पर नियुक्त कर दिया गया है। इनकी नियुक्ति 15 मई से प्रभावी हो चुकी है।
आपको बता दें कि सितंबर 2016 में उर्जित पटेल की बतौर आरबीआई गवर्नर नियुक्ति के बाद से यह सबसे बड़ा संगठनात्मक बदलाव है। बालाकृष्णन एक चार्टेड एकाउंटेंट हैं जिन्हें हाल ही में एनएसडीएल में वाइस प्रेजिडेंट के पद पर नियुक्त किया गया था। एनएसडीएल देश की पहली और सबसे बड़ी डिपॉजिटरी है।
सुधा बालाकृष्णन आरबीआई की 12वीं कार्यकारी निदेशक होंगी और इनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। आरबीआई इस पद के लिए योग्य उम्मीदवार की तलाश मई 2017 से कर रहा था। इस दौरान केंद्रीय बैंक ने सीएफओ पद के लिए विज्ञापन भी जारी किया था। माना जा रहा है कि इस पद के लिए एक विदेश बैंक के कार्यकारी को सेलेक्ट किया गया था, लेकिन उन्होंने रिम्यूनरेशन (मेहनताना) को लेकर इस पद के लिए इनकार कर दिया।
अक्टूबर 2017 में आरबीआई ने फिर से सीएफओ पद के लिए विज्ञापन जारी किया और लंबे चौड़ी प्रकिया के बाद बालाकृष्णन को सेलेक्ट किया। आपको बता दें कि सुधा केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट की इंचार्ज होंगी। जारी किये विज्ञापन के मुताबिक इनकी जिम्मेदारी वित्तीय स्थिति और बजटीय प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देनी भी होंगी। वह आंतरिक मामलों समेत कॉरपोरेट से जुड़ी रणनीति भी बनाएंगी। इसके अतिरिक्त वे वहां काम करने वाले कर्मचारियों की पीएफ दर भी तय करेंगी।
सबसे बड़ी बात यह है कि बालाकृष्णन सरकार और बैंक खाता विभाग की भी इंचार्ज होंगी, जो सरकारी लेनदेन जैसे कि पेमेंट्स एंड रेवेन्यू कलेक्शन (टैक्स) को प्रोसेस करेंगी।
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