Top Mutual Fund: एक साल में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला फंड, निवेशकों को 50% से ज्यादा फायदा; देखें डिटेल
म्यूचुअल फंड (Top Mutual Fund) के आकर्षक रिटर्न को देखते हुए इसमें हर कोई निवेश करना चाहता है। इसमें न्यूनतम अनुमानित रिटर्न 12 से 14 फीसदी है। हालांकि ये रिटर्न कम या ज्यादा हो सकता है। आज हम ऐसे फंड की बात करने वाले हैं जिसने एक साल में सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है। हालांकि केवल पिछला रिटर्न देखकर कभी किसी फंड में निवेश न करें।

नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड के आकर्षक रिटर्न को देखते हुए इसमें हर कोई निवेश करना चाहता है। इसमें न्यूनतम अनुमानित रिटर्न 12 से 14 फीसदी है। हालांकि ये रिटर्न शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। आज हम ऐसे फंड की बात करने वाले हैं, जिसने एक साल में सबसे ज्यादा रिटर्न (Top Mutual Fund) दिया है।
इस फंड ने निवेशकों की छपड़-फाड़ कमाई करा दी है।
एक साल में सबसे ज्यादा रिटर्न
निप्पॉन इंडिया ताइवान इक्विटी फंड ने एक साल में सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है। इसने बीते एक साल में 52.33 फीसदी रिटर्न दिया। इसका एक्सपेंस रेश्यो 1.04 फीसदी का है। इसका AUM 389.09 करोड़ रुपये का है।
आइए अब कुछ ऐसे फंड की बात कर लेते हैं, जिन्होंने एक साल में सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है।
नाम | AUM | एक्सपेंस रेश्यो | रिटर्न (एक साल में) |
निप्पॉन इंडिया ताइवान इक्विटी फंड | 389.0869 | 1.04 | 52.32935425 |
ICICI प्रू नैस्डैक 100 इंडेक्स फंड | 2378.604033 | 0.61 | 32.5446407 |
आदित्य बिरला SL Intl. इक्विटी फंड | 249.7501 | 2.07 | 28.52451387 |
मोतीलाल ओसवाल निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स फंड | 3417.7132 | 0.43 | 25.3733625 |
आदित्य बिरला SL निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स फंड | 651.029 | 0.31 | 24.82806716 |
अगर आप किसी फंड में निवेश कर रहे हैं, तो केवल रिटर्न देखकर फंड का चयन न करें। कुछ रिस्क फेक्टर्स को भी ध्यान में रखना जरूरी है।
अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं, तो जोखिम का आकलन कैसे कर सकते हैं।
कैसे करें जोखिम का पता?
बेटा (Beta)
अगर ये बेंचमार्क 1 से कम हो, तो आपके द्वारा चुना गया फंड कम जोखिम वाला है। वहीं अगर ये एक से ज्यादा हो तो इसे रिस्की माना जाता है।
स्टैंडर्ड डेविएशन (Standard Deviation)
जब हम किन्हीं दो फंड्स की तुलना करते हैं, उस समय स्टैंडर्ड डेविएशन देखा जाता है। इसका प्रतिशत जितना कम हो, फंड को उतना कम जोखिम वाला माना जाता है। मान लीजिए एक फंड का स्टैंडर्ड डेविएशन 5 फीसदी है और दूसरे का 10 फीसदी, तो पहला फंड कम जोखिम वाला होगा।
शार्प रेश्यो (Sharpe Ratio)
शार्प रेश्यो के जरिए आप म्यूचुअल फंड में जोखिम का आराम से पता लगा सकते हैं। अगर शार्प रेश्यो 1.00 से कम है, तो रिस्क कम होगा। अगर यहीं शार्प रेश्यो 1.00 से 1.99 के बीच है, तो रिस्क सामान्य रहेगा। ऐसे ही अगर शार्प रेश्यो 2.00 से 2.99 है, तो रिस्क काफी हाई रहेगा।
(डिस्क्लेमर: यहां म्यूचुअल फंड पर दी गयी जानकारी निवेश की सलाह नहीं है। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। शेयर बाजार में जोखिम हो सकता है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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