SIP Calculation: 1500 रुपये एसआईपी से कब बनेगा 3 लाख रुपये का फंड? देखें गुणा-गणित
म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए एसआईपी सबसे आसान और पॉपुलर तरीका है। इसके जरिए आप छोटी किस्तों से बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। आज कई लोग अलग-अलग उद्देश्य जैसे शादी पढ़ाई इत्यादि के लिए एसआईपी कर रहे हैं। आज हम जानेंगे कि 1500 रुपये एसआईपी से 3 लाख रुपये का फंड बनने में कितना समय लगेगा?

नई दिल्ली। एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान को म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए अक्सर चुना जाता है। एसआईपी के जरिए आप 100 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकते हैं। आज हम जानेंगे कि 1500 रुपये एसआईपी से 3 लाख रुपये का फंड बनने में कितना समय लगेगा? इसे हम एक कैलकुलेशन की मदद से समझेंगे।
कैलकुलेशन
- निवेश रकम- 1500 रुपये प्रति माह
- रिटर्न- 12 फीसदी
अगर कोई निवेशक हर महीने 1500 रुपये की एसआईपी करता है, तो उसे 3 लाख रुपये का फंड बनाने में 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब से 10 साल का समय लेगगा। हर महीने 1500 रुपये की एसआईपी से 10 साल बाद आपको 3,49,000 रुपये मिल जाएंगे। इन 10 सालों में आपका मूलधन 1,80,000 रुपये होगा।
आप अपने एसआईपी में 7-5-3-1 नियम अपना सकते हैं।
क्या है SIP का 7-5-3-1 नियम?
- 7- निवेश अवधि 7 साल रखें
- 5- 5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश
- जैसे इक्विटी, बॉन्ड, ईटीएफ, गोल्ड इत्यादि
- 3- तीन तरह के जोखिम से न घबराएं
- 1- हर साल अपने एसआईपी के अमाउंट को बढ़ाए
निवेश अवधि 7 साल रखें
ये माना जाता है कि एसआईपी के जरिए आपको कम्पाउंडिंग का फायदा तभी मिलेगा, जब आप 7 साल का इंतजार करेंगे। इसका मतलब है कि आपको निवेश अवधि 7 साल रखनी होगी।
5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश
इस नियम में इस्तेमाल होने वाला 5 ये बताता है कि आपको 5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश करना चाहिए। एसेट क्लास जैसे इक्विटी, बॉन्ड, रियल इस्टेट, गोल्ड इत्यादि। सरल भाषा में कहा जाए तो आपको पोर्टफोलियो को जितना हो सकें, उतना विविधीकरण करना चाहिए। ताकि आपका पोर्टफोलियो बैलेंस रह सकें।
तीन तरह के जोखिम से न घबराएं
म्यूचुअल फंड शुरू करते वक्त अक्सर निवेशक तीन अलग-अलग तरह के जोखिम से गुजरते हैं।
7 से 10 फीसदी रिटर्न मिलना
ऐसे समय में निवेशक अक्सर सोचते हैं कि इससे अच्छा रिटर्न उन्हें फिक्स्ड डिपॉजिट से मिल सकता था। लेकिन हमें ये समझने की जरूरत है कि म्यूचुअल फंड से मिलने वाला रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। इसलिए इसमें आपका लाभ या नुकसान दोनों ही बदलते रहते हैं।
0-7 फीसदी रिटर्न
इस स्थिति में अक्सर लोग निवेश करना छोड़ देते हैं, यहां दूसरे फंड की तरफ भागते हैं। लेकिन हमें ये समझना होगा हमने किस तरीके के फंड में निवेश किया है और उससे मिलने वाले रिटर्न में कितना समय लग सकता है। कुछ फंड प्रॉफिट देने में ज्यादा समय लगा सकते हैं।
नेगेटिव रिटर्न
नेगेटिव रिटर्न को देखकर कोई भी निराश हो सकता है। हमें ये ध्यान रखना होगा कि मार्केट में स्थिति बदलती रहती है। इसलिए थोड़ा इंतजार करना सही रहेगा।
हर साल अपने एसआईपी के अमाउंट को बढ़ाए
ये भी कहा जाता है कि निवेशकों को हर साल अपने एसआईपी का अमाउंट बढ़ाना चाहिए। इससे ज्यादा मुनाफा होने के चांस होते हैं। जितना ज्यादा अमाउंट होगा, उतना ही ज्यादा मुनाफा होगा।
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