SIP Calculation: 5 साल तक 6000 रुपये की एसआईपी करने पर कितना बनेगा फंड? देखें कैलकुलेशन
आज हर कोई एसआईपी के जरिए भविष्य के लिए पैसा इकट्ठा कर रहा है। अगर आप भी एसआईपी करने का प्लान बना रहे हैं तो ये आर्टिकल आपकी मदद कर सकता है। आज हम जानेंगे कि अगर कोई 5 साल के लिए 6000 रुपये की एसआईपी करते हैं तो रिटर्न में कितना पैसा मिलेगा?

नई दिल्ली। आज हर कोई म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहा है। इसका कारण है, इसमें मिलने वाला आकर्षक रिटर्न। म्यूचुअल फंड में न्यूनतम अनुमानित रिटर्न 12 से 14 फीसदी है। म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए अक्सर एसआईपी का ही चयन किया जाता है।
अगर आप भी म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए निवेश कर रहे हैं, तो ये आर्टिकल आपकी मदद कर सकता है। आज हम जानेंगे कि अगर कोई 5 साल के लिए 6000 रुपये की एसआईपी करते हैं, तो रिटर्न में कितना पैसा मिलेगा?
कैलकुलेशन
- निवेश रकम- 6000 रुपये प्रतिमाह
- रिटर्न- 12 फीसदी
अगर कोई व्यक्ति 5 साल के लिए हर महीने 6000 रुपये की एसआईपी करता है, तो उसे 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब से 4,9,5,000 रुपये मिलेंगे। इन 5 सालों में मूलधन 3,60,000 रुपये होगा।
अब जानते हैं कि कैसे पता लगाए कि कौन-सा फंड हमारे लिए सही है? इसे लेकर हमने एक्सपर्ट से बातचीत की है। आइए जानते हैं कि फंड चुनने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसे लेकर एक्सपर्ट क्या कहते हैं।
हमने इसे लेकर यूटीआई एएमसी के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट एंड हेड ऑफ प्रोडक्ट्स, फरहाद गादीवाला से बातचीत की थी। उन्होंने निवेशकों को फंड चुनने से पहले कुछ खास बातों पर गौर करने के लिए कहा है।
किन बातों का रखें ध्यान?
फरहाद गादीवाला का कहना है कि सही म्यूचुअल फंड का मतलब ये नहीं है कि पिछले रिटर्न के पीछे भागा जाए। इसके लिए कई कारकों का मूल्यांकन करना जरूरी है। सबसे पहले आपको ये देखना होगा कि निवेश करने का उद्देश्य क्या है और इसे समय-सीमा, जोखिम लेने की क्षमता का भी आकलन करना होगा।
उदाहरण से समझें
जैसे अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं और जोखिम सह सकते हैं, तो इक्विटी फंड सही ऑप्शन रहेगा। लेकिन अगर आप दो या तीन साल बाद निवेश कर फंड किसी कार्य में उपयोग करना चाहते हैं, जैसे शादी, पढ़ाई इत्यादि, तो हाइब्रिड और डेट फंड सही ऑप्शन रहेगा। ये आपको कम जोखिम के साथ अच्छा रिटर्न दे सकता है।
रिटर्न नहीं, देखें रोलिंग रिटर्न
एक बार अपने एक कैटेगरी चुन लिया, अब आपको कई अन्य फैक्टर पर ध्यान देना होगा। जैसे ये न देखें कि 1, 2 और 5 साल में फंड ने कितना रिटर्न दिया है। बल्कि इस बार ध्यान दें कि मार्केट के उतार-चढ़ाव के समय फंड कैसा रिटर्न दे रहा है। इसके साथ ही अलग-अलग रिस्क फैक्टर जैसे शार्प रेश्यो को भी ध्यान में रखना जरूरी है।
चार्जेस का भी रखें खास ध्यान
इसके साथ ही चार्जेस जैसे एक्सपेंस रेश्यो का ध्यान रखें। वहीं पोर्टफोलियो में कौन-कौन से सेक्टर जोड़े गए हैं, फंड मैनेजर और उसका प्रदर्शन कैसा रहा है, इन बातों का भी ध्यान रखें।
(डिस्क्लेमर: यहां म्यूचुअल फंड पर दी गयी जानकारी निवेश की सलाह नहीं है। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। शेयर बाजार में जोखिम हो सकता है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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