SIP Calculation: 5 साल के लिए हर महीने 3000 रुपये की एसआईपी से कितना मिलेगा रिटर्न? देखें कैलकुलेशन
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए ज्यादातर एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान को चुना जाता है। क्योंकि इसके जरिए आप एक निश्चित समय पर एक निश्चित अमाउंट निवेश कर सकते हैं। आज हम जानेंगे कि अगर कोई 5 साल के लिए हर महीने 3000 रुपये की एसआईपी करता है तो उसे कितना रिटर्न मिलेगा?

नई दिल्ली। एसआईपी आज म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे प्रसिद्ध और आसान तरीका है। आप किस्तों में निवेश कर भविष्य के लिए मोटा फंड तैयार कर सकते हैं। आज हम जानेंगे कि अगर कोई 5 साल के लिए हर महीने 3000 रुपये की एसआईपी करता है, तो उसे कितना रिटर्न मिलेगा।
इसे अब कैलकुलेशन की मदद से समझेंगे
कैलकुलेशन
- निवेश रकम- 3000 रुपये हर महीने
- निवेश अवधि- 5 साल
- रिटर्न- 12 फीसदी
अगर कोई निवेशक हर महीने 5 साल के लिए 3000 रुपये की एसआईपी करता है, तो 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब से उसे 2,47,000 रुपये मिल जाएंगे। इन 5 सालों में मूलधन 1,80,000 रुपये होगा।
आप एसआईपी से बेहतर रिटर्न के लिए 7-5-3-1 नियम का उपयोग कर सकते हैं।
क्या है SIP का 7-5-3-1 नियम?
- 7- निवेश अवधि 7 साल रखें
- 5- 5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश
- जैसे इक्विटी, बॉन्ड, ईटीएफ, गोल्ड इत्यादि
- 3- तीन तरह के जोखिम से न घबराएं
- 1- हर साल अपने एसआईपी के अमाउंट को बढ़ाए
निवेश अवधि 7 साल रखें
ये माना जाता है कि एसआईपी के जरिए आपको कम्पाउंडिंग का फायदा तभी मिलेगा, जब आप 7 साल का इंतजार करेंगे। इसका मतलब है कि आपको निवेश अवधि 7 साल रखनी होगी।
5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश
इस नियम में इस्तेमाल होने वाला 5 ये बताता है कि आपको 5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश करना चाहिए। एसेट क्लास जैसे इक्विटी, बॉन्ड, रियल इस्टेट, गोल्ड इत्यादि। सरल भाषा में कहा जाए तो आपको पोर्टफोलियो को जितना हो सकें, उतना विविधीकरण करना चाहिए। ताकि आपका पोर्टफोलियो बैलेंस रह सकें।
तीन तरह के जोखिम से न घबराएं
म्यूचुअल फंड शुरू करते वक्त अक्सर निवेशक तीन अलग-अलग तरह के जोखिम से गुजरते हैं।
7 से 10 फीसदी रिटर्न मिलना
ऐसे समय में निवेशक अक्सर सोचते हैं कि इससे अच्छा रिटर्न उन्हें फिक्स्ड डिपॉजिट से मिल सकता था। लेकिन हमें ये समझने की जरूरत है कि म्यूचुअल फंड से मिलने वाला रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। इसलिए इसमें आपका लाभ या नुकसान दोनों ही बदलते रहते हैं।
0-7 फीसदी रिटर्न
इस स्थिति में अक्सर लोग निवेश करना छोड़ देते हैं, यहां दूसरे फंड की तरफ भागते हैं। लेकिन हमें ये समझना होगा हमने किस तरीके के फंड में निवेश किया है और उससे मिलने वाले रिटर्न में कितना समय लग सकता है। कुछ फंड प्रॉफिट देने में ज्यादा समय लगा सकते हैं।
नेगेटिव रिटर्न
नेगेटिव रिटर्न को देखकर कोई भी निराश हो सकता है। हमें ये ध्यान रखना होगा कि मार्केट में स्थिति बदलती रहती है। इसलिए थोड़ा इंतजार करना सही रहेगा।
हर साल अपने एसआईपी के अमाउंट को बढ़ाए
ये भी कहा जाता है कि निवेशकों को हर साल अपने एसआईपी का अमाउंट बढ़ाना चाहिए। इससे ज्यादा मुनाफा होने के चांस होते हैं। जितना ज्यादा अमाउंट होगा, उतना ही ज्यादा मुनाफा होगा।
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