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    SIP Calculation: 1000 रुपये की एसआईपी से 10 साल बाद कितना फंड बनकर तैयार होगा, पढ़ें कैलकुलेशन

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 07:03 AM (IST)

    आज ज्यादातर लोग म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए एसआईपी का चयन करते हैं। एसआईपी के जरिए आप किस्तों में पैसा निवेश कर सकते हैं। आज हम एसआईपी कैलकुलेशन की ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड में वैसे तो कई तरह से निवेश किया जा सकता है। लेकिन एसआईपी इसमें निवेश करने का सबसे आसान तरीका है। आज हम एसआईपी कैलकुलेशन की मदद से समझेंगे कि अगर कोई व्यक्ति हर महीने 1000 रुपये की एसआईपी करता है, तो उसे 10 साल बाद कितना फंड मिलेगा?

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    कैलकुलेशन

    • निवेश रकम- हर महीने 1000 रुपये
    • निवेश रिटर्न- 12 फीसदी 
    • निवेश अवधि- 10 साल

     अगर कोई व्यक्ति 10 साल के लिए हर महीने 1000 रुपये की एसआईपी करता है, तो उसे 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब से 2,32,000 रुपये मिलेंगे। इन 10 सालों में आपका मूलधन केवल 1,20,000 रुपये बनेगा। इसके साथ ही रिटर्न में 1,12,000 रुपये मिल सकते हैं। 

    म्यूचुअल फंड में निवेश करने अक्सर ये परेशानी आती है कि कौन-सा फंड हमारे लिए सही है? निवेशकों को फंड चुनने से पहले कुछ खास बातों पर गौर करने के लिए कहा है।

    किन बातों का रखें ध्यान?

     सही म्यूचुअल फंड का मतलब ये नहीं है कि पिछले रिटर्न के पीछे भागा जाए। इसके लिए कई कारकों का मूल्यांकन करना जरूरी है। सबसे पहले आपको ये देखना होगा कि निवेश करने का उद्देश्य क्या है और इसे समय-सीमा, जोखिम लेने की क्षमता का भी आकलन करना होगा।

    उदाहरण से समझें

    जैसे अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं और जोखिम सह सकते हैं, तो इक्विटी फंड सही ऑप्शन रहेगा। लेकिन अगर आप दो या तीन साल बाद निवेश कर फंड किसी कार्य में उपयोग करना चाहते हैं, जैसे शादी, पढ़ाई इत्यादि, तो हाइब्रिड और डेट फंड सही ऑप्शन रहेगा। ये आपको कम जोखिम के साथ अच्छा रिटर्न दे सकता है।

    रिटर्न नहीं, देखें रोलिंग रिटर्न

    एक बार अपने एक कैटेगरी चुन लिया, अब आपको कई अन्य फैक्टर पर ध्यान देना होगा। जैसे ये न देखें कि 1, 2 और 5 साल में फंड ने कितना रिटर्न दिया है। बल्कि इस बार ध्यान दें कि मार्केट के उतार-चढ़ाव के समय फंड कैसा रिटर्न दे रहा है। इसके साथ ही अलग-अलग रिस्क फैक्टर जैसे शार्प रेश्यो को भी ध्यान में रखना जरूरी है।

    चार्जेज का भी रखें खास ध्यान

    इसके साथ ही चार्जेज जैसे एक्सपेंस रेश्यो का ध्यान रखें। वहीं पोर्टफोलियो में कौन-कौन से सेक्टर जोड़े गए हैं, फंड मैनेजर और उसका प्रदर्शन कैसा रहा है, इन बातों का भी ध्यान रखें।

    (डिस्क्लेमर: यहां म्यूचुअल फंड पर दी गयी जानकारी निवेश की सलाह नहीं है। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। शेयर बाजार में जोखिम हो सकता है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)

     

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