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    SIP Calculation: 500 रुपये की एसआईपी से कब बनेगा ₹5 लाख का फंड, देखें गुणा-गणित

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 10:49 AM (IST)

    म्यूचुअल फंड में आज हर कोई बढ़-चढ़कर निवेश कर रहा है। इसमें निवेश कर आप छोटी किस्त से बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। आज हम एसआईपी कैलकुलेशन की मदद से समझ ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड आज लोगों का पसंदीदा निवेश विकल्प बन गया है। इसमें न्यूनतम अनुमानित रिटर्न 12 से 14 फीसदी मिल जाता है। हालांकि ये रिटर्न पूरी तरह से शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। म्यूचुअल फंड एसआईपी के जरिए आप छोटी-छोटी किस्त जमाकर बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। 

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    आज हम एसआईपी कैलकुलेशन की मदद से समझेंगे कि हर महीने 500 रुपये की एसआईपी से 5 लाख रुपये का फंड कब तक तैयार होगा?

    कैलकुलेशन 

    • निवेश रकम- 500 रुपये प्रति माह
    • निवेश रिटर्न- 12 फीसदी

    अगर कोई व्यक्ति हर महीने 500 रुपये की एसआईपी करता है, तो उसे 5 लाख का फंड बनाने के लिए  20 साल तक निवेश करना होगा। इन 20 सालों में उसे 5 लाख रुपये मिल सकते हैं। इसके साथ ही इतने समय में  1,20,000 रुपये का मूलधन जमा हो जाएगा। इसके अलावा केवल रिटर्न में ही आपको 3,80,000 रुपये मिल जाएंगे। 

    म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको कुछ बातों का खास तौर पर ध्यान रखना होगा। 

    निवेश से पहले इन 6 बातों को ध्यान देना जरूरी

    1. AUM (Assets Under Management): फंड का AUM कम-से-कम 1000 करोड़ रुपए होना चाहिए। छोटा AUM होने पर फंड ज्यादा रिस्क में आ जाता है और रिटर्न अस्थिर हो सकते हैं।

    2. Time Since Existence (फंड की उम्र): फंड कम-से-कम 5 साल पुराना होना चाहिए। इससे आपको पता चलेगा कि उसने मार्केट के अच्छे और बुरे दोनों समय में कैसा प्रदर्शन किया।

    3. Expense Ratio (खर्च अनुपात): जितना कम खर्च अनुपात, उतना बेहतर। कम खर्च होने का मतलब है कि आपके मुनाफ़े पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।

    4. Alpha (अल्फा): अल्फा बताता है कि आपका फंड मार्केट इंडेक्स से कितना बेहतर रिटर्न दे रहा है। उदाहरण से समझें तो मान लीजिए कि अगर इंडेक्स ने 10% रिटर्न दिया और फंड ने 15%, तो अल्फा 5 यानी फंड अच्छा परफॉर्म कर रहा है।

    5. Beta (बीटा): बीटा बताता है कि फंड मार्केट के उतार-चढ़ाव पर कितना रिएक्ट करता है। बीटा 1 से ज्यादा है तो फंड रिस्की माना जाएगा।

    6. Turnover Ratio: यह दिखाता है कि फंड का पोर्टफोलियो कितनी बार ट्रेड हो रहा है। अगर Turnover Ratio 40% से ज्यादा है तो फंड रिस्की है और 40% से कम है तो फंड अपेक्षाकृत सुरक्षित है।

     (डिस्क्लेमर: यहां म्यूचुअल फंड पर दी गयी जानकारी निवेश की सलाह नहीं है। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। म्यूचुअल फंड में जोखिम हो सकता है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)



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