Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बाजार में गिरावट का नहीं दिख रहा कोई भय! SIP इनफ्लो में सितंबर महीने में बना नया रिकॉर्ड, पहली बार 29000 करोड़ के पार

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 03:32 PM (IST)

    सितंबर में भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग ने शानदार बढ़त हासिल की, जिसमें एसआईपी निवेश ₹29,361 करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। खुदरा निवेशकों का दीर्घकालिक संपत्ति निर्माण पर भरोसा और बाजार की अस्थिरता के बावजूद एसआईपी के माध्यम से खरीदारी जारी रखने से यह उछाल आया है। कुल संपत्ति प्रबंधन ₹75.61 लाख करोड़ हो गया, जबकि गोल्ड ईटीएफ में निवेश में भी तेजी देखी गई।

    Hero Image
    25_04_2023-mfund_1_23394893

    नई दिल्ली। भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने सितंबर में गजब की ग्रोथ हासिल की है। इस बार SIP इनफ्लो यानी निवेश पहली बार ₹29,361 करोड़ पहुंच गया। यह अब तक का सबसे ज्यादा है।

    हालांकि नेट इक्विटी इनफ्लो अगस्त के मुकाबले सितंबर में ₹33,417 करोड़ से घटकर ₹30,405 करोड़ रहा। वहीं कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) बढ़कर 75.61 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स में निवेश धीमा रहा, वहीं गोल्ड ETF में निवेशकों में बढ़त देखने को मिली है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्यों आई SIP में इतनी बड़ी उछाल

    SIP में निवेश का रिकॉर्ड इसलिए टूटा क्योंकि रिटेल निवेशक लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन पर भरोसा बनाए हुए हैं। सितंबर में SIP इनफ्लो ₹29,361 करोड़ रहा। अगस्त में यह करीब ₹28,000 करोड़ था।

    यह लगातार तीसरे महीना है जब SIP कलेक्शन ₹28,000 करोड़ से ऊपर है। बाजार की अस्थिरता के बावजूद निवेशक गिरावट में SIP खरीदारी कर रहे हैं।


    कुल AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) कितना रहा?

    सितंबर में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कुल AUM ₹75.61 लाख करोड़ रहा,जो अगस्त के ₹75.18 लाख करोड़ से बढ़ा है।यह दर्शाता है कि म्यूचुअल फंड्स में नेट इनवेस्टमेंट फ्लो और मार्केट अपमूव दोनों का असर रहा।

    एएमएफआई के मुख्य कार्यकारी वेंकट एन. चालसानी के मुताबिक "म्यूचुअल फंड उद्योग ने सितंबर में अपनी विकास गति बनाए रखी, अग्रिम कर भुगतान से जुड़े अस्थायी आउट फ्लो के बावजूद कुल संपत्ति बढ़कर ₹75.61 लाख करोड़ हो गई। इक्विटी फंडों में लगातार 55वें महीने सकारात्मक निवेश देखा गया, जो दीर्घकालिक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में इक्विटी में निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।

    एसआईपी ने ₹29,361 करोड़ के रिकॉर्ड मासिक योगदान और 9.25 करोड़ सक्रिय खातों के साथ एक नया मील का पत्थर हासिल किया, जिससे खुदरा निवेशकों की अनुशासित और व्यवस्थित निवेश के प्रति बढ़ती रुचि की पुष्टि हुई।

    30 लाख से अधिक नए फोलियो के जुड़ने से, कुल संख्या 25 करोड़ से अधिक हो गई है, जो धन सृजन के एक प्रमुख साधन के रूप में म्यूचुअल फंडों की बढ़ती पहुंच और विश्वास को दिखाता है। एक उद्योग के रूप में, हम निवेशकों की जागरूकता बढ़ाने और भारत के विविध निवेशक आधार में भागीदारी को मजबूत करने पर केंद्रित हैं।"

     

    सैमको म्यूचुअल फंड के सीईओ विराज गांधी के मुताबिक एम्फी डेटा से पता चला है कि शुद्ध इक्विटी प्रवाह 30,405 करोड़ रुपये रहा, जो अगस्त में 33,417 करोड़ रुपये से कम है, जो बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच सतर्क निवेशक भावना को दिखाता है।

    थीमैटिक फंड संग्रह में आई मंदी, निवेश प्रवाह में आई कमी का प्रमुख कारण रही। पिछले 12 महीनों और 36 महीनों की अवधि में, इस श्रेणी ने म्यूचुअल फंड क्षेत्र के एयूएम में वृद्धि में सबसे अधिक योगदान दिया था। इस श्रेणी का कुल फंड संग्रह में लगभग 27% योगदान रहा। इस अवधि के दौरान नए फंड ऑफरिंग (एनएफओ) की कमी के कारण यह मंदी आई है। पिछले 12 महीनों के औसत ₹6,345 करोड़ की तुलना में, यह सितंबर 2025 तक केवल ₹1,221 करोड़ था।

    गोल्ड ETF में आई बढ़त?

    सोने की कीमतें $4,000/oz के रिकॉर्ड के करीब हैं। महंगाई और ग्लोबल अनिश्चितता के बीच निवेशक अब “सेफ हेवन” एसेट की ओर रुख कर रहे हैं। इससे गोल्ड ETF में इनफ्लो तीन गुना से ज्यादा बढ़ा है।