Lowest Return: Nippon से लेकर ICICI तक इन 10 म्यूचुअल फंड ने डुबोया पैसा, कहीं आप भी तो नहीं गए फंस?
म्यूचुअल फंड में लोग आजकल जमकर निवेश कर रहे हैं। इसमें मिलने वाला आकर्षक रिटर्न निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। हर कोई टॉप म्यूचुअल फंड्स के बारे में बात करता है, लेकिन आज हम आपको ऐसे फंड्स के बारे में बताएंगे, जिन्होंने एक साल में निवेशकों के लगभग करोड़ों रुपये डूबा दिए।

नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड आज निवेशकों के बीच काफी पॉपुलर बन चुका है। इसमें मिलने वाले आकर्षक रिटर्न को देखकर आज लोग जमकर इसमें निवेश कर रहे हैं। लेकिन म्यूचुअल फंड में मिलने वाला रिटर्न शेयर बाजार पर निर्भर करता है।
इसलिए इसमें आपका पैसा डूबने का भी खतरा रहता है। आपको हर कोई टॉप म्यूचुअल फंड्स के बारे में बताता होगा, लेकिन आज हम आपको ऐसे फंड के बारे में बताएंगे, जिन्होंने एक साल में नेगेटिव रिटर्न दिया है। इन म्यूचुअल फंड ने निवेशकों के करोड़ों रुपये डूबा दिए हैं।
| फंड | कितना पैसा डूबा? |
| सैमको ELSS टैक्स सेवर फंड | -16.40% |
| बंधन निफ्टी आईटी इंडेक्स फंड | -14.20% |
| एक्सिस निफ्टी आईटी इंडेक्स फंड | -14.20% |
| ICICI प्रूडेंशियल निफ्टी आईटी इंडेक्स फंड | -14.10% |
| निप्पॉन इंडिया निफ्टी आईटी इंडेक्स फंड | -14.00% |
| नवी निफ्टी आईटी इंडेक्स फंड | -14% |
| मिराए एसेट निफ्टी स्मॉलकैप 250 मोमेंटम क्वालिटी 100 ईटीएफ एफओएफ | -12.80% |
| DSP निफ्टी स्मॉलकैप 250 क्वालिटी 50 इंडेक्स फंड | -12.20% |
क्वांट टेक फंड | -12.00% |
ये कहा जाता है कि केवल रिटर्न देखकर नहीं,रिस्क फैक्टर्स को ध्यान में रखकर भी निवेश करना चाहिए। अगर आप ऊपर बताए गए फंड में निवेश करने जा रहे हैं, तो कुछ रिस्क फैक्टर्स का ध्यान रखें-
कौन-से रिस्क फैक्टर्स का रखें ध्यान
बेटा (Beta)
अगर ये बेंचमार्क 1 से कम हो, तो आपके द्वारा चुना गया फंड कम जोखिम वाला है। वहीं अगर ये एक से ज्यादा हो तो इसे रिस्की माना जाता है।
स्टैंडर्ड डेविएशन (Standard Deviation)
जब हम किन्हीं दो फंड्स की तुलना करते हैं, उस समय स्टैंडर्ड डेविएशन देखा जाता है। इसका प्रतिशत जितना कम हो, फंड को उतना कम जोखिम वाला माना जाता है। मान लीजिए एक फंड का स्टैंडर्ड डेविएशन 5 फीसदी है और दूसरे का 10 फीसदी, तो पहला फंड कम जोखिम वाला होगा।
शार्प रेश्यो (Sharpe Ratio)
शार्प रेश्यो के जरिए आप म्यूचुअल फंड में जोखिम का आराम से पता लगा सकते हैं। अगर शार्प रेश्यो 1.00 से कम है, तो रिस्क कम होगा। अगर यहीं शार्प रेश्यो 1.00 से 1.99 के बीच है, तो रिस्क सामान्य रहेगा। ऐसे ही अगर शार्प रेश्यो 2.00 से 2.99 है, तो रिस्क काफी हाई रहेगा।
अगर शार्प रेश्यो 3 से भी ज्यादा है, तो ऐसे फंड में रिस्क बहुत ज्यादा हाई रहता है।
(डिस्क्लेमर: यहां म्यूचुअल फंड पर दी गयी जानकारी निवेश की सलाह नहीं है। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। म्यूचुअल फंड में जोखिम हो सकता है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)

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