SIP Calculation: 15 साल तक हर महीने 7000 रुपये की एसआईपी से कितना बनेगा फंड, देखें पूरा गुणा-गणित
म्यूचुअल फंड को आज हर कोई अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहता है। एक बेहतर पोर्टफोलियो वही होता है जिसमें सुरक्षित और असुरक्षित दोनों स्कीम का मिश्रण हो। म्यूचुअल फंड में अक्सर लोग निवेश के लिए एसआईपी का ही चयन करते हैं। आज हम जानेंगे कि 15 साल तक हर महीने 7000 रुपये की एसआईपी कितना फंड बनकर तैयार होगा।

नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड अपने आकर्षक रिटर्न के चलते निवेशकों के बीच काफी चर्चा में हैं। हर कोई बेहतर रिटर्न के लिए आज इसमें निवेश करना चाहता है। म्यूचुअल फंड में न्यूनतम रिटर्न 12 से 14 फीसदी है। हालांकि ये रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर भी निर्भर करता है।
म्यूचुअल फंड में अक्सर लोग निवेश के लिए एसआईपी का ही चयन करते हैं। आज हम जानेंगे कि 5 साल तक हर महीने 7000 रुपये की एसआईपी कितना फंड बनकर तैयार होगा।
कैलकुलेशन
- निवेश रकम- 7000 रुपये
- रिटर्न- 12 फीसदी
म्यूचुअल फंड में निवेश कर हमें कितना रिटर्न मिलेगा, ये हम एसआईपी कैलकुलेशन की मदद से आसानी से समझ सकते हैं। अगर कोई निवेशक 15 साल तक हर महीने 7000 रुपये की एसआईपी करता है, तो उसे 35,32,000 रुपये मिलेंगे। इन 15 सालों में आपका मूलधन 12,60,000 रुपये का होगा।
अगर आप पहली बार म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, तो नीचे दी गई जानकारी आपके काम आ सकती है। आज हमारे एक्सपर्ट बताएंगे कि पहली बार निवेश करने पर आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। नीचे दिए गए सुझाव टाटा एसेट मैनेजमेंट की प्रमुख उत्पाद, शैली गैंग द्वारा दिए गए है।
किन बातों का रखें ध्यान
निवेश के पीछे न भागे
शैली गैंग द्वारा निवेशकों को ये सुझाव दिया है कि उन्हें रिटर्न के पीछे नहीं भागना चाहिए। बल्कि सही एसेट एलोकेशन पर बने रहना चाहिए। अक्सर निवेशक उन एसेट क्लास में निवेश करते हैं, जिन्होंने हाल ही में बेहतर प्रदर्शन किया हो। हालांकि अच्छे रिटर्न के पीछे भागने से आपके पोर्टफोलियो को नुकसान पहुंचता है।
एक अच्छा पोर्टफोलियो वहीं होगा, जिसमें कुछ फंड अच्छा प्रदर्शन कर रिटर्न बढ़ाए और कुछ स्थिर रिटर्न देकर पोर्टफोलियो को कम जोखिम वाला बनाए।
अपने फंड के हिसाब से निवेश अवधि चुने
म्यूचुअल फंड के जरिए आप अलग-अलग फंड में निवेश कर सकते हैं। ये अलग-अलग फंड अलग-अलग अवधि पर अच्छा रिटर्न दे सकते हैं। क्योंकि इन सभी का स्वभाव अलग होता है। इसलिए फंड के हिसाब से निवेश अवधि का चयन करें।
टाटा एसेट मैनेजमेंट की प्रमुख उत्पाद, शैली गैंग बताती है कि
● 1 महीने से कम: ओवरनाइट फंड
● 1-3 महीने: लिक्विड फंड
● 3 महीने-1 वर्ष: मनी मार्केट और आर्बिट्रेज फंड
● 1-3 वर्ष: शॉर्ट-टर्म बॉन्ड और कॉरपोरेट बॉन्ड फंड
● 3 वर्ष से अधिक: इक्विटी, हाइब्रिड और डेट एक्रुअल फंड
इमरजेंसी फंड है जरूरी
शैली गैंग ने निवेशकों को ये सुझाव दिया है कि मुख्य निवेश पोर्टफोलियो बनाने से पहले, अपनी मासिक आय का 9-12 महीने का हिस्सा इमरजेंसी फंड के रूप में रखे। अगर आप ऐसा करते हैं तो इमरजेंसी पड़ने पर आपका पोर्टफोलियो खराब नहीं होगा। ऐसा करने पर आप लंबे समय के लिए पोर्टफोलियो मेंटेन रख पाएंगे।
(डिस्क्लेमर: यहां म्यूचुअल फंड दी गयी जानकारी निवेश की सलाह नहीं है। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। शेयर बाजार में जोखिम हो सकता है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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