Mutual Fund Investment: नवंबर में म्यूचुअल फंड्स की बड़ी खरीदारी, किसने झोंके 43465 करोड़? बाजार को मिला सहारा
Mutual Fund Investment: नवंबर में म्यूचुअल फंड्स ने शेयर बाजार में 43,465 करोड़ रुपये की खरीदारी की, जो अक्टूबर से दोगुनी है। निवेशकों के भरोसे और एसआ ...और पढ़ें

Mutual Fund Investment: नवंबर में म्यूचुअल फंड्स की बड़ी खरीदारी, किसने झोंके 43465 करोड़? बाजार को मिला सहारा
Mutual Fund Investment: नवंबर महीने में म्यूचुअल फंड्स ने शेयर बाजार में जमकर खरीदारी की है। दरअसल, बाजार में बेहतर सेंटीमेंट और निवेशकों से लगातार बढ़ते फ्लो के कारण फंड हाउस आक्रामक खरीदारी मोड में रहे। सेबी के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, म्यूचुअल फंड्स ने नवंबर में कुल 43,465 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे, जो अक्टूबर में हुई खरीदारी 20,718 करोड़ रुपए के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा है।
मार्केट डेटा बताता है कि फंड हाउस लगभग पूरे महीने खरीदार बने रहे। सिर्फ दो दिनों में उन्होंने 2,473 करोड़ रुपए की निकासी की। लगातार हुई इस मजबूत खरीदारी का असर शेयर बाजार की चाल पर भी दिखा और बेंचमार्क इंडेक्स को ऊपर चढ़ने में मदद मिली।
इक्विटी की ओर रुख कर रहे फंड हाउस
हालांकि इक्विटी में निवेश बढ़ने के साथ ही डेट फंडों में भारी निकासी देखने को मिली। नवंबर में डेट कैटेगरी से फंड हाउस ने 72,201 करोड़ रुपए की निकासी की, जबकि अक्टूबर में यह निकासी 12,771 करोड़ रुपए रही थी। यानी डेट फंडों से पैसे निकालकर फंड हाउस ने बड़े पैमाने पर इक्विटी की ओर रुख किया।
यह भी पढ़ें- अपने लिए सही Mutual Fund का चयन कैसे करें? निवेश करने से पहले एक्सपर्ट से जान लें सब कुछ
यह मजबूत घरेलू निवेश ऐसे समय में आया है, जब खुदरा निवेशक पहले से ही SIP के जरिए लगातार निवेश कर रहे हैं। एएमएफआई के अनुसार, अक्टूबर में एसआईपी निवेश 29,529 करोड़ रुपए के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो सितंबर में 29,361 करोड़ रुपए था। इससे साफ है कि खुदरा निवेशकों का भरोसा लगातार बना हुआ है।
सोने की ओर बढ़ रहे कुछ निवेशक
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों की यह अनुशासित रणनीति उद्योग के कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) को बढ़ा रही है और शेयर बाजार को भी स्थिर समर्थन दे रही है। साथ ही, विश्लेषक बताते हैं कि जहां एक तरफ शेयरों में भरोसा मजबूत है, वहीं दूसरी तरफ कुछ निवेशक वैश्विक अनिश्चितता को देखते हुए धीरे-धीरे डेट योजनाओं और सोने (Gold Investment) की ओर भी बढ़ रहे हैं। यह ट्रेंड बताता है कि भारतीय निवेशक अब ज्यादा परिपक्व हो रहे हैं और लंबी अवधि में संपत्ति बनाने के साथ जोखिम प्रबंधन पर भी ध्यान दे रहे हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।