वेल्थ क्रिएशन को आसान बनाएं: पहले बचत करें, नियमित रूप से निवेश करें और निवेशित रहें
शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेश के जरिए वेल्थ क्रिएशन के बारे में PhonePe ग्रुप की कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन हेड Priya Patankar ने कोटक म्यूचुअल फंड के मैनेजिंग डायरेक्टर Nilesh Shah के साथ बातचीत की। इसमें उन्होंने वेल्थ क्रिएशन SIP की जटिलताओं को समझने और सफल तरीके से निवेश करने के लिए जरूरी माइडसेट जैसे विषयों पर जानकारी साझा की।

नई दिल्ली। वेल्थ क्रिएशन का मतलब मार्केट की टाइमिंग के बारे में कम और अनुशासन, धैर्य और प्रतिबद्धता के बारे में ज्यादा है। कॉम्प्लेस इंवेस्टमेंट इकोसिस्टम के जरिए निवेशकों की मदद करने के लिए PhonePe के वेल्थ मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म, Share.Market ने एक पॉडकास्ट सीरीज शुरू किया है, जिसका मकसद है निवेश करने के तरीकों को सरल बनाया जाए। इसके पहले एपिसोड में PhonePe ग्रुप की कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन हेड Priya Patankar ने कोटक म्यूचुअल फंड के मैनेजिंग डायरेक्टर Nilesh Shah के साथ बातचीत की।
उन्होंने वेल्थ क्रिएशन, SIP की जटिलताओं को समझने और सफल तरीके से निवेश करने के लिए जरूरी माइडसेट जैसे विषयों पर जानकारी साझा की। उनके विचार पूरे भारत में निवेशकों के लिए एक मार्गदर्शन बन सकता है, खासकर आज के समय में, जहां जानकारी तो बहुत है लेकिन क्लियरिटी कम है। वेल्थ क्रिएशन और SIP पर नीलेश शाह ने निवेशकों को क्या सलाह दी, देखें पूरा एपिसोड
SIP के बारे में गलतफहमियां
नीलेश शाह ने बताया कि कई निवेशक SIP को लेकर अभी भी गलतफहमियों में जी रहे हैं। उन्होंने इसे तीन मुख्य भागों में विभाजित किया:
SIP केवल इक्विटी तक सीमित नहीं हैं: सबसे बड़ी गलतफहमियों में से एक यह है कि SIP केवल इक्विटी के लिए ही है। जबकि ऐसा नहीं है, SIP डेट फंड, हाइब्रिड फंड, गोल्ड या सिल्वर फंड के लिए भी किए जा सकते हैं। बहुत से लोग अभी भी सोचते हैं कि SIP का मतलब इक्विटी निवेश है, लेकिन SIP एक ऐसा साधन है जिसका उपयोग निवेशक पूरे एसेट क्लास में निवेश करने के लिए करते हैं।
छोटी SIP: एक आम मिथ यह है कि SIP के लिए न्यूनतम 5000 रुपये का निवेश आवश्यक है। लेकिन आज, बाजार में ऐसे उत्पाद उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से निवेशक 50 रुपये जितनी कम राशि से अपनी इक्विटी यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं। एक उत्सुक निवेशक 250 रुपये प्रति माह की SIP से भी शुरुआत कर सकता है।
निवेशित रहें: मार्केट के गिरने के बावजूद SIP के माध्यम से निवेश जारी रखना महत्वपूर्ण है। SIP का फायदा उठाना है तो निवेशक इसे शुरू करने के बाद लॉन्ग-टर्म के लिए भूल जाए और कोई निर्णय न ले।
निवेश के सामान्य नियम
पहले बचत करें, बाद में खर्च करें: पहली बार निवेश करने वालों के लिए सबसे सरल और सबसे प्रभावशाली सिद्धांत है: आय - बचत = खर्च (Income - Savings = Expenses)। खर्चों से पहले बचत को प्राथमिकता देने से न केवल फाइनेंशियल डिसिप्लिन आता है, बल्कि इससे फाइनेंशियल फ्रीडम की नींव भी पड़ती है।
जल्दी, नियमित रूप से और लंबी अवधि के लिए बचत करें: फाइनेंशियल फ्रीडम का मतलब जल्द से जल्द लाभ कमाना नहीं होता, बल्कि इसका संबंध अनुशासन से है। पैसा कहां निवेश करें, इस बारे में एक साधारण निर्णय लॉन्ग टर्म में बहुत बड़ा अंतर ला सकता है। उदाहरण के लिए, PPF में 25 साल तक सालाना 1.5 लाख रुपये का निवेश 8% कंपाउंड रिटर्न के साथ लगभग 1.1 करोड़ रुपये हो जाएगा, लेकिन एक इक्विटी स्कीम में यही राशि 14% बढ़कर 4.4 करोड़ रुपये हो जाएगी।
रिटर्न बनाम प्रोसेस
निवेश में, लोग अक्सर शॉर्ट-टर्म रिटर्न पर बहुत ज्यादा ध्यान देते हैं और सही प्रोसेस का पालन करने के महत्व को भूल जाते हैं। बीरबल की खिचड़ी की तरह, वेल्थ क्रिएशन में समय और धैर्य लगता है। अगर कोई बाजार में गिरावट के दौरान SIP को देखेगा, तो आंकड़े निराशाजनक दिखाई देंगे। लेकिन अनुशासित रहकर और उस दौरान निवेशित रहने से अक्सर बाद में डबल डिजिट का स्ट्रांग रिटर्न मिलता है। यहां समझने वाली बात यह है कि शॉर्ट-टर्म रिटर्न के पीछे न भागें और उस प्रोसेस पर ध्यान दें, जो बेहतर परिणाम देगा।
रिस्क प्रोफाइल को समझें
प्रत्येक निवेशक को फाइनेंशियल डिसीजन लेने से पहले अपनी रिस्क प्रोफाइल को समझना चाहिए। जोखिम लेने वाले निवेशक लीवरेज्ड इन्वेस्टमेंट चुन सकते हैं, खासकर तब, जब बाजार सस्ते हों और रिटर्न अधिक निश्चित हो, लेकिन यह तरीका हर किसी के लिए नहीं है। उदाहरण के लिए - यदि कोई छोटा व्यक्ति किसी लंबे व्यक्ति के साथ दौड़ने की कोशिश करता है, तो उसके लड़खड़ाने की संभावना है। इसी तरह, जोखिम लेने वाला और जोखिम से बचने वाला एक ही गति से आगे नहीं बढ़ सकते। कोविड-19 महामारी के दौरान, जिन लोगों ने इक्विटी जैसे एसेट खरीदें, वे रिस्क लेने वाले थे, जबकि जिन लोगों ने अपने निवेश को रिडीम किया, वे रिस्क से बचने वाले थे। महत्वपूर्ण बात यह है कि खुद के प्रति निष्पक्ष रहें और इन्वेस्टमेंट को अपनी रिस्क कैपेसिटी के अनुसार बनाएं।
सोने में निवेश
सोना हमेशा से एक लोकप्रिय इन्वेस्टमेंट क्लास रहा है। इसे अक्सर शादियों, जन्मदिनों, अक्षय तृतीया, दिवाली, लक्ष्मी पूजा आदि के दौरान खरीदा जाता है। यह खरीदारी इस बात का एहसास किए बिना की जाती है कि इसका ट्रांजैक्शन कोस्ट 20%-40% तक हो सकता है, जो तीन से चार साल का रिटर्न है। ऐसे में गोल्ड में निवेश करने का बेहतर तरीका Sovereign Gold Bonds या Gold ETF है, जहां लागत बहुत कम है, और इक्विटी की तरह, सोना भी लॉन्ग-टर्म निवेश पर बेहतर रिटर्न देता है।
प्रतिबद्ध और अनुशासित बने रहें
निवेश, जीवन की तरह है, शॉर्ट-नतीजों के बजाय प्रोसेस पर आधारित है। भगवद् गीता का ज्ञान, “कर्म करो, फल की आशा मत करो", वेल्थ क्रिएशन पर सटीक बैठता है।
निवेशकों के लिए, अनुशासन ही "कर्म" है। SIP में नियमित निवेश करना, निवेश को लंबे समय तक बनाए रखना और पैसों को अपने लॉन्ग-टर्म गोल्स जैसे शिक्षा, रिटायरमेंट या घर खरीदने के साथ एलाइन करना– यही लॉन्ग-टर्म वेल्थ क्रिएशन की कुंजी है। इसका परिणाम, यानी निवेश से मिलने वाला लाभ, शॉर्ट-टर्म में उतार-चढ़ाव भरा हो सकता है, लेकिन दस या बीस वर्षों में, शानदार फल दे सकता है।
वेल्थ क्रिएशन केवल विशेषज्ञों या धनी लोगों तक सीमित नहीं है। इसे हर वो व्यक्ति स्टेप बाय स्टेप कर सकता है, जो नियमित रूप से सरल नियमों का पालन करता है।
खर्च करने से पहले बचत करें, एक छोटी राशि के साथ SIP की शुरुआत करें, और अपने इन्वेस्टमेंट को बढ़ाने के लिए आवश्यक समय दें। बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे, लेकिन अनुशासन और धैर्य भरोसा देते हैं कि आपका पैसा आपके लिए काम कर रहा है। आप जितनी जल्दी शुरुआत करेंगे और जितने लंबे समय तक निवेशित रहेंगे, कंपाउंडिंग इफेक्ट उतना ही अधिक होगा जो समय के साथ छोटे और नियमित निवेश को सार्थक फाइनेंशियल फ्रीडम में बदल देगा।
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