GST on Mutual fund: SIP शुरू करने से लेकर पैसा निकालने तक लगता है जीएसटी, कैसे करें चार्जिस से अपना बचाव?
आज निवेशक म्यूचुअल फंड की ओर रूझान ले रहे हैं। इसमें किसी भी सुरक्षित प्लेटफॉर्म से ज्यादा रिटर्न मिल जाता है। हालांकि ये रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। अब तक आपने अलग-अलग प्रोडक्ट पर लगने वाले जीएसटी को लेकर कई लेख पढ़ें होंगे। लेकिन क्या आपको म्यूचुअल फंड पर लगने वाले जीएसटी का पता है?

नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड आज निवेशकों के बीच काफी पॉपुलर प्लेटफॉर्म बन गया है। अब तक आपने अलग-अलग प्रोडक्ट पर लगने वाले जीएसटी को लेकर कई लेख पढ़ें होंगे। आपको बता दें कि म्यूचुअल फंड पर भी जीएसटी लगाया जाता है। हम यहां प्रॉफिट पर लगने वाले टैक्स की बात नहीं कर रहे हैं।
म्यूचुअल फंड में मिलने वाली सेवाओं पर जीएसटी लगाया जाता है। इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
Mutual Fund में कहां-कहां लगता है GST?
ये सभी चार्जिस डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप से आपके पोर्टफोलियो पर असर डालते हैं। जैसे अगर मैनेजमेंट और एडवाइजरी फीस पर लगने वाला जीएसटी अगर बढ़ता है, तो इससे एक्सपेंस रेश्यो और बढ़ जाएगा।
ऐसे ही अगर एग्जिट लोड पर लगने वाला जीएसटी बढ़ जाता है, तो पैसे निकालते वक्त ज्यादा पैसे कटेंगे।
GST Council में हुआ कोई बदलाव?
आपको बात दें कि इस बार के हुए जीएसटी काउंसिल की बैठक में म्यूचुअल फंड पर लगने वाले जीएसटी को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई।
कैसे करें अपना बचाव?
ऐसे फंड का चयन करें, जो बेहतर प्रदर्शन के साथ कई तरह की गुणवत्ता रखता हो। ऐसा फंड जिसमें एग्जिट लोड और एक्सपेंस रेश्यो कम हो। हालांकि म्यूचुअल फंड से मिलने वाला रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। इसमें निवेश करने से पहले वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें।
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(डिस्क्लेमर: यहां म्चूचुअल फंड दी गयी जानकारी निवेश की सलाह नहीं है। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। शेयर बाजार में जोखिम हो सकता है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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