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    एमएसएमई मंथन 2025: डिजिटल सशक्तिकरण और वित्तीय सहयोग की नई दिशा

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 04:51 PM (IST)

    चेम्बर ऑफ इंडियन माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (CIMSME) द्वारा नई दिल्ली में एमएसएमई मंथन 2025 का भव्य आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र में Google और Redington के वरिष्ठ अधिकारियों ने MSMEs के लिए डिजिटल समाधानों पर जोर दिया। इस दौरान Google Pay for Business के लिए Google और CIMSME के बीच समझौता हुआ।

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    दिल्ली के होटल ले-मेरिडियन में एमएसएमई मंथन 2025 का आयोजन किया गया।

    नई दिल्ली। चेम्बर ऑफ इंडियन माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (CIMSME) द्वारा नई दिल्ली के होटल ले-मेरिडियन में एमएसएमई मंथन 2025 का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य MSMEs को डिजिटल समाधान, वित्तीय सहयोग और नीतिगत समर्थन प्रदान करना था।

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    कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुआ। दीप प्रज्वलन का अर्थ है अंधकार पर प्रकाश की विजय और ज्ञान के प्रसार की शुरुआत।

    इस अवसर पर अतीश कुमार सिंह (संयुक्त सचिव, MSME मंत्रालय), तारू दहिया (प्रबंध निदेशक, Google Cloud JAPAC SMB & Scaled Services), सचिन दुबे (क्लाउड BU हेड, Redington Limited), आकाश पवार (SIDBI) समेत कई गणमान्य हस्तियाँ उपस्थित रहीं।

    डिजिटल समाधान और उद्घाटन सत्र

    उद्घाटन सत्र में Google और Redington के वरिष्ठ अधिकारियों ने MSMEs के लिए डिजिटल समाधानों पर जोर दिया। Google Workspace को MSMEs की उत्पादकता और सहयोग बढ़ाने का साधन बताया गया। Google Pay for Business को सुरक्षित डिजिटल भुगतान और बिज़नेस एनालिटिक्स का नया युग कहा गया।

    डिजिटल सशक्तिकरण के लिए MoU साइनिंग

    कार्यक्रम की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक रही CIMSME द्वारा दो महत्वपूर्ण MoU पर हस्ताक्षर –

    Google Pay for Business के लिए Google और CIMSME के बीच समझौता। Google Workspace के लिए Redington और CIMSME के बीच समझौता।

    इन साझेदारियों से MSMEs को मिलेगा:

    सुरक्षित और त्वरित डिजिटल लेन-देन,

    रियल-टाइम सेटलमेंट और बिज़नेस एनालिटिक्स,

    ग्राहक प्रमोशन टूल्स,

    आसान ऋण सुविधा,

    और आधुनिक क्लाउड वर्कस्पेस के जरिए उत्पादकता एवं सहयोग बढ़ाने के अवसर शामिल हैं CIMSME ने घोषणा की कि अपने 34,000+ MSME मित्र नेटवर्क के जरिए इन पहलों को देशभर में लागू किया जाएगा।

    वित्तीय सहयोग पर पैनल चर्चा : MSMEs के लिए नई संभावनाएँ

    पैनल का विषय था – “Timely and Adequate Finance to MSMEs”। इसमें वित्तीय संस्थानों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

    बिना कोलैटरल लोन (SIDBI): रामचन्द्रन नटराजन (GM, SIDBI) ने बताया कि SIDBI ने कई ऐसी योजनाएँ बनाई हैं जिनके तहत उद्यमियों को बिना कोलैटरल भी ऋण उपलब्ध है।

    ग्रीन प्रोजेक्ट लोन (Union Bank): अरुण कुमार (GM, यूनियन बैंक) ने Green Project Loans की जानकारी दी और MSMEs को सतत विकास की दिशा में प्रोत्साहित किया।

    क्रेडिट गैप: चर्चा में यह तथ्य सामने आया कि देश में MSMEs के लिए अब भी लगभग ₹30 लाख करोड़ का क्रेडिट गैप है, जिसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स और सरकारी योजनाओं से पाटा जा सकता है।

    सरकारी गारंटी योजनाएँ (CGTMSE):

    CGTMSE जैसी योजनाएँ बैंकों का भरोसा बढ़ाने और MSMEs को सुरक्षित ऋण उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभा रही हैं।

    डिजिटल अकाउंटिंग : Tally Solutions 

    अचिन जैन (Tally Solutions) ने बताया कि कैसे Tally MSMEs के लिए अकाउंटिंग, कंप्लायंस और GST प्रबंधन को सरल बना रहा है।

    NSIC और GeM द्वारा मार्केट लिंकज और अवसर

    विद्यासागर सिंह ने NSIC की योजनाओं जैसे स्किल डेवलपमेंट, मार्केटिंग असिस्टेंस, क्रेडिट सुविधा और डिजिटल सेवाएँ प्रस्तुत कीं। उन्होंने विशेष रूप से msmemart.com और ondc.org की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।

    GeM (Government e-Marketplace): GeM टीम ने MSMEs को समझाया कि वे सरकारी विभागों को सीधे उत्पाद और सेवाएँ कैसे बेच सकते हैं। इससे MSMEs को सरकारी टेंडर्स तक आसान पहुँच और समय पर भुगतान मिलता है।

    सरकारी दृष्टिकोण और नीतिगत समर्थन : MSMEs को नई मजबूती

    डॉ. राजनीश (IAS), अतिरिक्त सचिव एवं विकास आयुक्त, MSME मंत्रालय ने कहा कि MSMEs वास्तव में भारत की “Micro Engine of Growth” हैं। पिछले दो वर्षों में MSME रजिस्ट्रेशन 1.6 करोड़ से बढ़कर 6.7 करोड़ हो गया है। CGTMSE गारंटी कवर पिछले दो वर्षों में ही ₹6.5 लाख करोड़ तक पहुँच गया है। सरकार का लक्ष्य अगले पाँच वर्षों में ₹2 लाख करोड़ का अतिरिक्त गारंटी कवर देना है।26 करोड़ से अधिक लोगों को MSME सेक्टर में रोजगार प्राप्त है। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार MSMEs का कंप्लायंस बोझ कम करने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर लगातार काम कर रही है। इसके बाद प्रो. राम सिंह (DSE, RBI) ने वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों पर प्रकाश डाला। भारत की विकास दर 6% से ऊपर बनी रहेगी। पहली तिमाही में 7.8% ग्रोथ भारत की आर्थिक मजबूती दर्शाती है। RBI के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है, जिससे महंगाई पर असर नहीं होगा। सरकार निर्यात प्रोत्साहन, कम ब्याज ऋण और गारंटी पैकेज जैसे कदमों पर विचार कर रही है।

    उन्होंने MSMEs से अपील की कि वे किसी भी आर्थिक चुनौती के समय कर्मचारियों की छंटनी न करें और गुणवत्ता, नवाचार व रोजगार सृजन पर ध्यान दें। पूंजी बाज़ार और MSMEs : BSE का दृष्टिकोण

    कार्यक्रम के अंतिम चरण में BSE (Bombay Stock Exchange) के प्रतिनिधियों ने MSMEs को पूंजी बाज़ार से जुड़ने की प्रक्रिया समझाई। BSE-SME प्लेटफ़ॉर्म MSMEs को निवेशकों से सीधे जोड़ता है।

    लिस्टिंग से MSMEs की ब्रांड वैल्यू, पारदर्शिता और निवेश आकर्षण बढ़ता है। जुटाई गई पूंजी MSMEs को विस्तार, आधुनिकीकरण और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मदद करती है।

    निष्कर्ष

    एमएसएमई मंथन 2025 ने यह साबित किया कि MSMEs भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

    डिजिटल समाधान (Google Pay, Google Workspace, Tally, NSIC, GeM)

    वित्तीय सहयोग (SIDBI, Union Bank, CGTMSE)

    पूंजी बाज़ार व नीति समर्थन (BSE और MSME मंत्रालय)

    ये सभी मिलकर MSMEs को “Finance for Growth, Finance for All” और Digital Empowerment की नई ऊँचाइयों तक ले जाएँगे।