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    Tax Exemption: इन फंड्स में निवेश कर बचा सकते हैं अधिकतम Income Tax, जानें एक्सपर्ट्स का नजरिया

    By Ankit KumarEdited By:
    Updated: Sun, 14 Feb 2021 07:24 AM (IST)

    Income Tax अगर आपने पुराने टैक्स सिस्टम को चुना है और अब तक टैक्स सेविंग के लिए पर्याप्त निवेश नहीं किया है तो आपके पास अब कुछ समय बचा है और आप विभिन्न फंड्स में निवेश के जरिए अधिकतम टैक्स बचा सकते हैं।

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    PPF पर अन्य सेविंग स्कीम्स की तुलना में बेहतर ब्याज मिलता है।

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त वर्ष 2020-21 के खत्म होने में अब दो महीने से भी कम समय बचा है। प्रायः यह देखा जाता है कि टैक्स बचाने के लिए लोग इस समय अधिकतम निवेश करते हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि लगभग इसी समय अधिकतर कंपनियां अपने कर्मचारियों से इंवेस्टमेंट से जुड़े प्रुफ मांगती है। अगर आपने पुराने टैक्स सिस्टम को चुना है और अब तक टैक्स सेविंग के लिए पर्याप्त निवेश नहीं किया है, तो आपके पास अब कुछ समय बचा है और आप विभिन्न फंड्स में निवेश के जरिए अधिकतम टैक्स बचा सकते हैं। इसके साथ ही आप कुछ खास मद में खर्च राशि पर भी इनकम टैक्स क्लेम कर सकते हैं।

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    (यह भी पढ़ेंः आप जल्द ही अपनी बीमा पॉलिसियों को डिजिलॉकर में कर सकते हैं स्टोर, जानिए क्या है तरीका) 

    PPF: टैक्स और इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन बताते हैं कि अगर आपने अब तक पर्याप्त निवेश नहीं किया है तो आपको सबसे ज्यादा प्राथमिकता पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस फंड में आप 1.5 लाख रुपये तक का सलाना निवेश कर सकते हैं और सेक्शन 80C के तहत प्राप्त छूट की पूरी सीमा का लाभ उठा सकते हैं। दूसरी ओर, इस पर अन्य सेविंग स्कीम्स की तुलना में बेहतर ब्याज मिलता है। इसके अलावा निवेश, ब्याज और मेच्योरिटी अवधि पर प्राप्त धनराशि पर किसी तरह का टैक्स देय नहीं होता है। 

    NSC: जैन ने कहा कि National Saving Certificate भी निवेश के लिहाज से बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि इसमें पांच साल का लॉक-इन पीरियड होता है। इसकी खास बात यह है कि निवेश के साथ ही पूरे पांच साल के लिए इंवेस्टमेंट के समय चल रही ब्याज दर लागू हो जाती है। इसके अलावा आप इस फंड में निवेश से प्राप्त ब्याज पर भी 80C के तहत छूट प्राप्त कर सकते हैं।  

    NPS: बकौल जैन इस फंड में भी 50,000 रुपये का निवेश किया जा सकता है क्योंकि इस पर अलग से टैक्स छूट मिलती है और इसका दूसरा कोई वैकल्पिक इंस्ट्रुमेंट भी नहीं है। 

    Medical Insurance: फाइनेंशियल प्लानर शिल्पी जौहरी ने कहा कि अगर आपने अब तक मेडिकल इंश्योरेंस नहीं लिया है तो इसे जरूर ले लेना चाहिए। यह कोविड-19 के इस काल में काफी अहम है। साथ ही इस पर टैक्स में अलग से छूट भी मिलती है। सेक्शन 80D में आपको 50 हजार रुपये तक की छूट मिल सकती है। इसमें 25 हजार रुपये तक की छूट पति, पत्नी, बच्चे के लिए कराए गए मेडिकल इंश्योरेंस पर मिल जाती है। साथ ही अगर आपने माता-पिता के नाम से मेडिकल इंश्योरेंस लिया हुआ है तो आपको अतिरिक्त 25 रुपये तक की छूट मिल जाती है।  

    जौहरी ने जोर देकर कहा कि लोगों को निवेश और जीवन बीमा को अलग-अलग रखना चाहिए। वह भी बलवंत जैन के इस राय से काफी सहमत दिखीं कि पीपीएफ के जरिए मिल रहे बेनिफिट्स का अधिकतर लाभ उठा लेना चाहिए।  

    जैन ने बताया कि कोई भी व्यक्ति हेल्थ इंश्योरेंस या टर्म इंश्योरेंस पर देय जीएसटी पर भी टैक्स छूट का लाभ उठा सकता है। इसके अलावा अगर आपने इसी वित्त वर्ष में नया फ्लैट या मकान खरीदा है तो स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज पर भी टैक्स छूट का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।   

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