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रिजर्व बैंक के कदम तय करेंगे बाजार की दिशा

कंपनियों के नतीजों का सीजन समाप्त होने के साथ ही अब बाजार के और नीचे जाने की संभावनाएं भी कम हो गई हैं। बीएसई 500 में दर्ज कंपनियों के रेवेन्यू और मुनाफे में क्रमश: 11 और 20 फीसद की कमी दर्ज की गई है। हमें लगता है अगले छह महीने

By Edited By: Published: Mon, 01 Jun 2015 03:13 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2015 03:24 AM (IST)
रिजर्व बैंक के कदम तय करेंगे बाजार की दिशा

कंपनियों के नतीजों का सीजन समाप्त होने के साथ ही अब बाजार के और नीचे जाने की संभावनाएं भी कम हो गई हैं। बीएसई 500 में दर्ज कंपनियों के रेवेन्यू और मुनाफे में क्रमश: 11 और 20 फीसद की कमी दर्ज की गई है। हमें लगता है अगले छह महीने में अर्थव्यवस्था में सुधार की तस्वीर दिखने लगेगी। ये सुधार कंपनियों के नतीजों में मुनाफे की वृद्धि के रूप में दिखाई देगी। नतीजतन शेयर बाजार में भी बढ़त आने की संभावनाएं अब स्पष्ट हो रही हैं।

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बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 7.5 फीसद की आर्थिक विकास दर अनुमानों के अनुरूप है। अब भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं। माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक कम से कम 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती अपनी प्रमुख ब्याज दरों में कर सकता है। रिजर्व बैंक की तरफ से इस तरह के कदम को बाजार पहले ही डिस्काउंट कर चुका है। कारोबारियों को उम्मीद है कि अब केंद्रीय बैंक सीआरआर में कटौती जैसा कदम उठाकर अर्थव्यवस्था को अतिरिक्त ईंधन दे सकता है। रिजर्व बैंक दो जून को अपनी कर्ज नीति की समीक्षा करेगा। सोमवार को एचएसबीसी का मैन्यूफैक्र्चंरग का पीएमआइ डाटा आएगा।

इसमें सुधार की गुंजाइश है। बुधवार को सेवा क्षेत्र के पीएमआइ आंकड़े जारी होंगे। इसमें कुछ कमी की आशंका व्यक्त की जा रही है। पहली तारीख को ऑटोमोबाइल कंपनियां अपने बिक्री आंकड़े जारी करेंगी। लिहाजा इस सप्ताह इन कंपनियों के शेयरों में गतिविधियां तेज रहेंगी। ग्लोबल स्तर पर सोमवार को यूरोजोन, चीन और अमेरिका से मैन्यूफैक्र्चंरग के पीएमआइ आंकड़े जारी होंगे। स्पेन और जर्मनी से मंगलवार को बेरोजगारी के आंकड़े आएंगे। साथ ही यूके से कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के पीएमआइ आंकड़े आएंगे।

बुधवार को यूरोजोन से सेवा क्षेत्र के पीएमआइ आंकडे़ जारी होंगे। गुरुवार को बैंक ऑफ इंग्लैंड अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा करेगा। इन सभी आंकड़ों का वहां के शेयर बाजारों पर असर होता है। शेयर बाजारों की ये उठापटक भारतीय शेयर बाजार से भी जुड़ी रहती है। लिहाजा निवेशकों के लिए इन आंकड़ों पर नजर बनाए रखना भी जरूरी होता है।
संदीप पारवाल
एमडी
एसपीए
कैपिटल्स
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