Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Petronet अब पेट्रोकेमिकल बिजनेस में उतरेगी, ओडीशा में करेगी बड़ा निवेश

    देश में LNG की सबसे बड़ी आयातक कंपनी पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड गुजरात के दहेज में एक पेट्रोरसायन कारखाना लगाने की योजना बना रही है। कंपनी की गैस के कारोबार में होने वाले जोखिम को कम करने के लिये ऊंचे मार्जिन वाले पेट्रोरसायन कारोबार में उतरने पर नजर है।

    By Ashish DeepEdited By: Updated: Sat, 04 Sep 2021 09:41 AM (IST)
    Hero Image
    कंपनी ओडीशा के गोपालपुर बंदरगाह में एक तैरने वाला समुद्री टर्मिनल बनाने की योजना बना रही है।

    नई दिल्‍ली, पीटीआइ। देश में तरल प्राकृतिक गैस (LNG) की सबसे बड़ी आयातक कंपनी पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड गुजरात के दहेज में एक पेट्रोरसायन कारखाना लगाने की योजना बना रही है। कंपनी की गैस के कारोबार में होने वाले जोखिम को कम करने के लिये ऊंचे मार्जिन वाले पेट्रोरसायन कारोबार में उतरने पर नजर है। पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर ने कहा कि पेट्रोनेट के दहेज और केरल के कोच्चि में प्राकृतिक गैस आयात करने के टर्मिनल हैं। कंपनी इसके साथ ही अब ओडीशा के गोपालपुर बंदरगाह में एक तैरने वाला समुद्री टर्मिनल बनाने की योजना बना रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पेट्रोनेट एलएनजी के चेयरमैन

    कपूर पेट्रोलियम सचिव के साथ ही पेट्रोनेट एलएनजी के चेयरमैन भी हैं। कंपनी की ताजा सालाना रिपोर्ट में कपूर ने कहा कि कंपनी अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को व्यापक बनाना चाहती है और उसमें बड़ा विविधीकरण लाने जा रही है। कंपनी दहेज टर्मिनल में एथेन..प्रोपेन आयात सुविधा विकसित करने की संभावनाओं को भी तलाश रही है।

    पेट्रोरसायन परिसर भी स्थापित करने की योजना

    उन्होंने कहा कि पेट्रोनेट दहेज टर्मिनल में आयातित प्रोपेन पर आधारित एक पेट्रोरसायन परिसर भी स्थापित करने की योजना बना रही है। हालांकि, उन्होंने प्रस्तावित पेट्रोरसायन परिसर के बारे में ज्यादा विवरण नहीं दिया। पेट्रोरसायन में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल होता है और इसमें प्लास्टिक के लिये कच्चा माल, पैकेजिंग सामग्री और व्यक्तिगत देखभाल के उत्पाद तैयार होते हैं।

    PSUs की कुल मिलाकर 50 प्रतिशत हिस्सेदारी

    पेट्रोनेट एलएनजी में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों इंडियन आयल कार्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन, गेल इंडिया और ओएनजीसी की कुल मिलाकर 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। चारों कंपनियां पेट्रोनेट के बोर्ड में शामिल है और पेटोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव इसके प्रमुख हैं।