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    Pension सिस्‍टम को लेकर बड़ी खबर, जानिए रिटायरमेंट बाद प्‍लानिंग पर क्‍या कहती है रिपोर्ट

    By Ashish DeepEdited By:
    Updated: Thu, 21 Oct 2021 09:42 AM (IST)

    भारत की पेंशन प्रणाली (Indian pension system) 43 व्यवस्थाओं की रैंकिंग (overall index ranking) में 40वें स्थान पर है। वहीं पेंशन के मामले में पर्याप्त फायदे से जुड़े पर्याप्तता उप-सूचकांक (adequacy sub-index) के मामले में निचले पायदान पर है।

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    मर्सर सीएफए वैश्विक पेंशन सूचकांक (MCGPI) ने रिपोर्ट जारी की है।

    नई दिल्‍ली, पीटीआइ। भारत की पेंशन प्रणाली (Indian pension system) 43 व्यवस्थाओं की रैंकिंग (overall index ranking) में 40वें स्थान पर है। वहीं पेंशन के मामले में पर्याप्त फायदे से जुड़े पर्याप्तता उप-सूचकांक (adequacy sub-index) के मामले में निचले पायदान पर है। मंगलवार को जारी मर्सर सीएफए वैश्विक पेंशन सूचकांक (MCGPI) में यह कहा गया है। इसके अनुसार देश में सेवानिवृत्ति (Retirement) के बाद पर्याप्त आय सुनिश्चित करने को लेकर पेंशन प्रणाली को बेहतर बनाने लिये रणनीतिक सुधारों की जरूरत है।

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    रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सामाजिक सुरक्षा का दायरा मजबूत और पर्याप्त नहीं होने से कार्यबल को पेंशन की व्यवस्था को लेकर स्वयं बचत करनी होती है। इसमें कहा गया है, ‘‘देश में निजी पेंशन व्यवस्था में कवरेज केवल छह प्रतिशत है। 90 प्रतिशत से अधिक कार्यबल असंगठित क्षेत्र में हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में कार्यबल को पेंशन बचत के दायरे में लाने के लिये कदम उठाये जाने की जरूरत है।’’

    सर्वे के अनुसार विश्लेषण में शामिल देशों में भारत का कुल सूचकांक मूल्य 43.3 रहा। सूचकांक के तहत तीन-उप सूचकांकों...पर्याप्तता, स्थिरता और उपयुक्तता (एडिक्वेसी, सस्टेनेबिलिटी और इंटिग्रिटी) के आधार के पर पेंशन व्यवस्था की मजबूती को रेखांकित किया गया है। तीनों उप सूचकांकों...पर्याप्तता, स्थिरता और उपयुक्तता...के मामले में भारत को क्रमश: 33.5, 41.8 और 61 अंक मिले हैं।

    Adequacy sub-index प्रदान किए जा रहे लाभों के पर्याप्त होने को बताता है जबकि स्थिरता उप-सूचकांक यह बताता है कि वर्तमान प्रणाली भविष्य में लाभ प्रदान करने में सक्षम है। वहीं उपयुक्तता उप-सूचकांक में कई विधायी आवश्यकताएं शामिल हैं जो प्रणाली की संचालन व्यवस्था और परिचालन को प्रभावित करती हैं।’’