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    रिटायरमेंट के लिए चाहते हैं बेहतर इनकम तो PF नहीं यहां करें निवेश, मिल सकता है डबल रिटर्न

    By Ashish DeepEdited By:
    Updated: Mon, 13 Dec 2021 06:33 AM (IST)

    नौकरीपेशा के लिए रिटायरमेंट बाद की सुखद प्‍लानिंग के लिए पेंशन की दो योजनाएं हैं। इनमें एक योजना EPF खाते से जुड़ी है तो दूसरी नेशनल पेंशन सिस्‍टम से। EPF खाते से जुड़ी इम्‍प्‍लाई पेंशन स्‍कीम (EPS) का संचालन EPFO करता है जबकि NPS का PFRDA।

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    दोनों ही योजनाओं की अपनी मेरिट और डीमेरिट है।

    नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। नौकरीपेशा के लिए रिटायरमेंट बाद की सुखद प्‍लानिंग के लिए पेंशन की दो योजनाएं हैं। इनमें एक योजना EPF खाते से जुड़ी है तो दूसरी नेशनल पेंशन सिस्‍टम से। EPF खाते से जुड़ी इम्‍प्‍लाई पेंशन स्‍कीम (EPS) का संचालन EPFO करता है जबकि NPS का PFRDA। दोनों ही योजनाओं की अपनी मेरिट और डीमेरिट है।

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    क्‍या है EPS

    पर्सनल फाइनेंस एक्‍सपर्ट मनीष कुमार गुप्‍ता के मुताबिक EPFO में आने वाले खाताधारकों को हरेक माह अपने वेतन का न्यूनतम 12 प्रतिशत योगदान करना होता है। इसमें नियोक्ता भी योगदान करता है और उसका कुछ शेयर ईपीएस में भी जाता है। 58 साल पर रिटायरमेंट पर कर्मचारी को पेंशन मिलने लगती है। साथ ही PF का फंड भी मिलता है। यह टैक्‍स फ्री है।

    क्‍या है NPS

    NPS में दो तरह के खाते होते हैं। एक टियर 1 और दूसरा टियर टू। यह EPF की तरह अनिवार्य योगदान योजना नहीं है। कोई निवेशक 500 रुपये से खाता शुरू कर सकता है।

    कहां होता है निवेश

    मनीष कुमार गुप्‍ता के मुताबिक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) आपके फंड को सरकारी सिक्‍योरिटी, बांडों, कर्ज सिक्‍योरिटी आदि में निवेश करता है। ईपीएफ पर 8.5% सालाना ब्याज मिलता है। हालांकि NPS सब्सक्राइबर्स को कोई गारंटीड रिटर्न नहीं देता है। एनपीएस ट्रस्ट के आंकड़ों में इसकी इक्विटी लिंक योजना के तहत शुरुआत से मिलने वाला रिटर्न (Return Inception) 11% से 16 फीसद तक रहा है। पर्सनल फाइनेंस एक्‍सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक NPS में अच्‍छा रिटर्न मिलने का कारण इक्विटी मार्केट में तेजी आना है। इसलिए रिटर्न 16 फीसद तक पहुंच गया है। लंबे समय में रिटर्न की रफ्तार यही बनी रहेगी, यह कहना मुश्किल है। इसके बाद NPS में 40 फीसद एनुइटी भी खरीदनी पड़ती है, जो अनिवार्य है।

    कैसे EPF से जाएंगे NPS में

    आपके पास टियर 1 खाता होना चाहिए। आप अपने नियोक्ता के माध्यम से एनपीएस खाता खोल सकते हैं।

    आपको अपने नियोक्ता को ट्रांसफर फॉर्म जमा करना होगा, जो तब ईपीएफ से एनपीएस में बैलेंस ट्रांसफर शुरू करेगा।

    एक कर्मचारी के रूप में, आपको एक पत्र के लिए अनुरोध करना होगा, जिसमें कर्मचारी के एनपीएस टियर 1 खाते में जमा होने वाला फंड से ट्रांसफर रकम का उल्लेख होगा। साथ ही प्वॉइंट-ऑफ प्रेजेंस में वर्तमान नियोक्ता को अपलोड करते समय कमेंट में पीएफ से ट्रांसफर का उल्लेख करना होगा।

    अगर आप एक सरकारी कर्मचारी हैं, तो मान्यता प्राप्त पीएफ चेक या डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) से निकलेगा। इसमें नोडल कार्यालय का नाम, नियोक्ता का नाम और स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (पीआरएएन) देना होगा।

    अगर आप प्राइवेट जॉब करते हैं तो चेक या डिमांड ड्राफ्ट प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस का नाम, कलेक्शन अकाउंट-एनपीएस ट्रस्ट, सब्सक्राइबर के नाम पर बनाया जा सकता है।

    पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) की मानें तो ईपीएफ से एनपीएस में ट्रांसफर किए गए फंड को टैक्‍सेबल नहीं माना जाएगा। आप NPS में ट्रांसफर की गई रकम के लिए 80CCD के तहत कटौती का दावा भी नहीं कर सकते। इस सेक्शन के तहत आप नए निवेश के लिए डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं न कि ट्रांसफर के लिए।