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    Income Tax Notice: कमाई की गलत जानकारी देने वालों पर इनकम टैक्स विभाग सख्त, 31 मार्च तक कर लें ये काम

    अगर आपने आईटी रिटर्न फाइल किया है तो अपने मेल बॉक्स जरूर चेक करते रहे। आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए लगभग 68000 मामले पकड़े हैं जहां लोगों ने कमाई के बारे में गलत जानकारी दी है।

    By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Mon, 13 Mar 2023 05:41 PM (IST)
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    ITR for FY 2019-20: E-Verification for Income Mismatch in AIS Income Tax Notice

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Income Tax Return: आईटीआर (ITR) में अपनी इनकम के बारे में गलत जानकारी देने वालों पर आयकर विभाग जल्द ही सख्ती बरत सकता है। सीबीडीटी प्रमुख नितिन गुप्ता ने सोमवार को कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कर रिटर्न में आय की सही जानकारी नहीं देने या कम बताने के लिए आयकर विभाग द्वारा ई-सत्यापन के लिए 68,000 मामले पकड़े गए हैं।

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    ई-सत्यापन योजना (E-Verification for Income) के तहत I-T विभाग करदाताओं को वित्तीय लेनदेन और I-T रिटर्न में दाखिल किए गए वार्षिक सूचना विवरण (AIS) में गड़बड़ी के बारे में नोटिस के जरिए सूचना दे रहा है। करदाता स्पष्टीकरण देते हुए विभाग को जवाब दे सकते हैं या यदि उन्हें लगता है कि ई-सत्यापन नोटिस में वास्तव में कोई गड़बड़ी हुई है तो वे अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

    68,000 मामलों का होगा वेरिफिकेशन

    आयकर विभाग द्वारा निर्धारित जोखिम प्रबंधन मापदंडों के आधार पर 2019-20 वित्तीय वर्ष से संबंधित लगभग 68,000 मामलों को ई-वेरफिकेशन के लिए चुना गया है। सीबीडीटी प्रमुख नितिन गुप्ता ने कहा कि इनमें से 56 प्रतिशत मामलों या 35,000 मामलों में करदाता ने पहले ही संतोषजनक उत्तर दे दिया है। आधे से अधिक लोगों ने नोटिस का या तो जवाब दिया है या फिर अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर दिया है।

    उन्होंने कहा कि अब तक कुल 15 लाख अद्यतन रिटर्न दाखिल किए गए हैं और 1,250 करोड़ रुपये का कर एकत्र किया गया है। हालांकि 33,000 मामलों में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

    31 मार्च, 2023 तक दाखिल होगा अपडेटेड रिटर्न

    करदाताओं के पास वित्त वर्ष 2019-20 में अर्जित आय के लिए अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने के लिए 31 मार्च, 2023 तक का समय है। एक बार जब कोई निर्धारिती आईटीआर फाइल कर देता है, तो उसके मामले की जांच या पुनर्मूल्यांकन के लिए उठाए जाने की संभावना कम होती है।

    नहीं दिया नोटिस का जवाब तो क्या होगा

    सीबीडीटी चेयरमैन ने बताया कि यदि आप ई-सत्यापन नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो संभावना अधिक है कि मामले की जांच शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि करदाताओं को अपने एआईएस को नियमित रूप से देखना चाहिए। यदि करदाताओं को कोई बेमेल एंट्री दिखाई देती है तो उन्हें तुरंत कुछ आईटी विभाग को सूचित करना होगा।

    15 दिनों का समय

    जब विभाग करदाता को ई-सत्यापन के बारे में मेल द्वारा सूचित करता है, तो करदाता को आई-टी विभाग से सूचना का जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय दिया जाता है। ई-सत्यापन के तहत किसी विशेष मामले को पूरा करने के लिए सीबीडीटी के पास 90 दिनों की समयावधि होती है, लेकिन जटिल मामलों में अधिक समय लग सकता है।

    आपको बता दें कि ई-सत्यापन योजना को 13 दिसंबर, 2021 को अधिसूचित किया गया था और पायलट सितंबर 2022 में लॉन्च किया गया था। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2023 को समाप्त हो रही है।

    (एजेंसी इनपुट के साथ)