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    Flexi Cap vs Multi Cap vs ELSS: कहां निवेश करने पर मिलेगा बेहतर रिटर्न, यहां जानें सबकुछ

    Updated: Sat, 07 Sep 2024 02:00 PM (IST)

    Flexi Cap vs Multi Cap vs ELSS निवेश में म्युचुअल फंड (Mutual Fund) काफी पॉपुलर ऑप्शन हो गया है। म्युचुअल फंड के निवेशकों की संख्या में लगातार तेजी देखने को मिली है। म्युचुअल फंड में भी निवेश करने के कई तरीके हैं। इन तरीकों में से तीन Flexi Cap Multi Cap और ELSS है। इन तीनों ऑप्शन में से किसमें बेहतर रिटर्न मिलेगा? आइए आर्टिकल में इसका जवाब जानते हैं।

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    Flexi Cap vs Multi Cap vs ELSS: निवेश के लिए कौन-सा ऑप्शन रहेगा बेस्ट

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। इन्वेस्टमेंट के लिए मार्केट में कई ऑप्शन मौजूद हैं। निवेशक वेल्थ क्रिएशन के लिए रिस्क लेकर निवेश करते हैं। अगर बात निवेश ऑप्शन की करें तो मार्केट में Flexi Cap, Multi Cap और ELSS काफी पॉपुलर ऑप्शन में से एक हैं।

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    इन सभी ऑप्शन में निवेश करके कई निवेशकों को लाभ भी मिला है। लेकिन जो निवेशक अभी इन्वेस्टमेंट सेक्टर में नए हैं उनके मन में हमेशा सवाल रहता है कि इनमें से कौन-सा ऑप्शन उनके लिए बेस्ट रहने वाला है। आज हम आपको इन तीनों विकल्पों के अंतर को समझाने की कोशिश करेंगे।

    वैसे बता दें कि अगर आप इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के साथ प्रॉफिट कमाना चाहते हैं तो आपको फ्लेक्सी कैप, मल्टी कैप और इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) में से किसी एक में निवेश करना चाहिए।

    मल्टी कैप फंड

    म्युचुअल फंड में ही मल्टी कैप फंड (Multi Cap Fund) आता है। यह इक्विटी म्युचुअल फंड है। अब बात करें कि मल्टी कैप फंड क्या है तो इसके नाम से ही समझ गए हैं कि इसका पोर्टफोलियो काफी डायवर्ज रहता है। यानी निवेशक के फंड में लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप तीनों सेगमेंट के शेयर है। निवेशक इन तीनों सेगमेंट में कम से कम 25 फीसदी तक का निवेश करता है।

    इसे ऐसे समझिए कि अगर किसी निवेशक को 1 लाख रुपये का निवेश करना है तो वह 1 लाख का 25 फीसदी यानी 25,000 रुपये लार्ज-कैप में , 25 हजार रुपये स्मॉल कैप में और 25,000 रुपये मिड-कैप में निवेश करता है। बाकी के 25,000 रुपये को वो अपने मन पसंद के किसी भी फंड में निवेश कर सकता है।

    फ्लेक्सी कैप फंड

    फ्लेक्सी कैप फंड (Flexi Cap Fund) भी इक्विटी म्यूचुअल फंड में ही आता है। इस फंड की खास बात यह है कि निवेशक या फंड मैनेजर को किस फंड में निवेश करना है यह उसका फैसला है। इसमें निवेश की कोई सीमा फिक्सड नहीं है। कोई सीमा न होने की वजह से निवेशक ग्रोथ की उम्मीद के हिसाब से निवेश कर सकता है।

    उदाहरण के तौर पर अगर निवेशक 1लाख रुपये का निवेश करना चाहता है तो वह अपने हिसाब से लार्ज-कैप , मिड-कैप या स्मॉल-कैप में निवेश कर सकता है। यानी वो चाहे तो लार्ज कैप में 70,000 रुपये, मिड-कैप में 20,000 रुपये और स्मॉल कैप में 10,000 रुपये का निवेश कर सकता है। हालांकि, निवेश से पहले निवेशक को ग्रोथ को आंकलन कर लेना चाहिए।

    इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम

    मार्केट में इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) काफी पॉपुलर है। बाजार नियामक के अनुसार निवेशक को ELSS के तहत का कम से कम 85 फीसदी निवेश शेयर्स में करना होता है। हालांकि, इसमें भी किस सेगमेंट में कितना निवेश करना है इसका फैसला निवेशक ही लेता है।

    ELSS के पॉपुलर होने के पीछे इसका बेनिफिट है। यह एक टैक्स सेविंग स्कीम (Tax Saving Scheme) है। इसमें आयकर अधिनियम 1961 के 80सी धारा के तहत निवेशक 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बचा सकते हैं। हालांकि, इस स्कीम में 3 साल का लॉक इन पीरियड होता है। यानी निवेश के तीन साल तक निवेशक फंड से निकासी नहीं कर सकता है।

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    आपके लिए कौन-सा ऑप्शन है सही?

    अगर आप पोर्टफोलियो में डायवर्जन चाहते हैं तब आप मल्टी कैप फंड में निवेश करने का सोच सकते हैं। वहीं, टैक्स सेविंग करना चाहते हैं तो ELSS काफी अच्छा विकल्प रहेगा। इसके अलावा आपको पता है कि किस समय किस सेगमेंट में निवेश करना चाहिए तो ऐसे में आप फ्लेक्सी कैप फंड में निवेश करने का विचार कर सकते हैं।

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