जॉब करते हैं तो ITR फाइल करने से पहले जान लें सभी बातें, आयकर विभाग ने बदल दिए हैं कई नियम
सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम सीमा से ज्यादा आय वाले व्यक्ति को हर साल आईटीआर फाइल करना होता है। आपको आईटीआर फाइल करने के बाद आयकर विभाग आपकी डिटेल्स वेरिफाइ करता है। अगर आप सैलरीड क्लास हैं तो ITR फाइल करने से पहले ये खबर जरूर पढ़ें।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 23 के लिए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारिख 31 जुलाई रखी है। अगर आपने बकाया से ज्यादा टैक्स दिया है तो आपको वो रिफंड मिल जाएगा और अगर कम भुगतान हुआ है तो आपको बाकी का टैक्स भरना पड़ेगा।
आईटीआर फाइल करना काफी जिम्मेदारी भरा काम होता है इसलिए आप इसमें गलतियां नहीं कर सकते। आपको वक्त से पहले अपना आईटीआर फाइल कर देना चाहिए ताकि कोई जल्दबाजी ना करनी पड़े। आज हम आपको बताएगें की आपको आईटीआर फाइल करने से पहले किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए।
फॉर्म -16 से चेक करें पात्रता
सैलरीड एम्पलाई के लिए फार्म 16, आईटीआर फाइल करने के लिए एक जरूरी दस्तावेज है। फॉर्म -16 मिलने के बाद आप आयकर विभाग की ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर यह जानकारी ले सकते हैं कि आप कौन सा ITR फॉर्म भरने के पात्र हैं। आपको बता दें कि वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए ITR-1 और ITR-2 फॉर्म होते हैं।
ITR फॉर्म में बदलाव
इस साल आयकर विभाग ने आईटीआर फाइल करने के लिए फॉर्म में कुछ बदलाव किया है। अब आपको अपनी रेगुलर डिटेल के अलावा कुछ और एडिशनल डिसक्लोजर की जरूरत होगी। अगर आपके पास तीन देश यूएस, यूके और कनाडा में रिटायरमेंट अकाउंट है तो आपको इस बात की जानकारी ITR-1 और ITR-2 फॉर्म में देना होगा।
इसके अलावा आपको एम्प्लॉई फंड कॉन्ट्रीब्यूशन की जानकारी भी देनी है क्योंकि EPF पर सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के कॉन्ट्रीब्यूशन पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर टैक्स लगता है।
क्या है ITR-1 और ITR-2 फॉर्म?
आयकर विभाग के अनुसार ITR-1 उस व्यक्ति के लिए बना है जिसकी एक वित्त वर्ष में आमदनी 50 लाख रुपये से ज्यादा ना हो। इस 50 लाख रुपये में सैलरी, पेंशन का पैसा, या अन्य सोर्स से कामाई जैसे प्रॉपर्टी, सेविंग अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज, FD पर मिलने वाला ब्याज, 5000 रुपए तक की कृषि से आय, इत्यादि शामिल है।
ITR-2 फॉर्म का उपयोग आप तब कर सकते हैं जब आपकी आय बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम से नहीं आ रही है और आप ITR-1 फॉर्म भरने के लिए पात्र नहीं हैं। अगर आपकी इनकम 50 लाख रुपये से ज्यादा है तो आप ITR-1 से आईटीआर फाइल नहीं कर सकते।
इक्विटी शेयर, म्युचुअल फंड या प्रॉपर्टी बेच कर आय प्राप्त की है तो उसके लिए भी आपको ITR-2 फॉर्म ही इस्तेमाल करना होगा। अगर आपकी फॉरेंन में कोई संपत्ति है या फिर आप विदेश में किसी कंपनी के डायरेक्ट हैं तो इस स्थिति में भी आपको ITR-2 फॉर्म को ही चुनना होगा। अगर आप गलत आईटीआर फॉर्म का चयन करते है तो आपका रिटर्न इनवैलिड माना जाएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।