ई-रिटर्न के लिए हो जाएं तैयार
आयकर रिटर्न की इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग ने टैक्स भरने और रीफंड मिलने की पूरी प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत की है। इसने करदाताओं और कर विभाग दोनों के लिए सहूलियत के नए द्वार खोल दिए हैं। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी बजट भाषण में इसका जिक्र किया है। वित्त मं˜
आयकर रिटर्न की इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग ने टैक्स भरने और रीफंड मिलने की पूरी प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत की है। इसने करदाताओं और कर विभाग दोनों के लिए सहूलियत के नए द्वार खोल दिए हैं। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी बजट भाषण में इसका जिक्र किया है।
वित्त मंत्री ने अधिक बैंकों के जरिये इलेक्ट्रॉनिक भुगतान सुविधा शुरू करने, 50 हजार रुपये से अधिक रिफंड के लिए भी रिफंड बैंकर प्रणाली का विस्तार करने और करदाताओं की नई श्रेणियों के लिए ई-फाइलिंग को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव किया था। वर्तमान में दस लाख रुपये से अधिक सालाना आय होने पर ई-फाइलिंग अनिवार्य है। अब इसका विस्तार करते हुए पांच लाख रुपये से अधिक आय वाली श्रेणी को भी अनिवार्य ई-फाइलिंग के दायरे में लाने का प्रस्ताव है। इसका जिक्र सीबीडीटी चेयरमैन पूनम किशोर सक्सेना और राजस्व सचिव सुमित बोस कर चुके हैं।
आयकर रिटर्न की इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग के कई फायदे हैं। पहला फायदा तो यह कि अब आपको देश के किसी भी कोने से किसी भी वक्त अपना आइटी रिटर्न भरने की सुविधा है। यानी अब आयकर विभाग के चक्कर लगाने की नौबत से छुटकारा।
दूसरा फायदा यह है कि आपसे संबंधित सारी जानकारी कर विभाग के आईटी सिस्टम में चली जाती है। इनका विभाग के पास दूसरी सूचनाओं से मिलान किया जाता है। इसके बाद आपका रिफंड तुरंत जारी कर दिया जाता है। इसे पाने के लिए भी आपको कर विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। रिफंड बैंकर सिस्टम की शुरुआत होने के बाद रिटर्न में आप जिस बैंक की जानकारी देते हैं रीफंड उसी अकाउंट में सीधे पहुंच जाता है। हां, अगर आपका रीफंड 50,000 रुपये से ज्यादा हुआ तो आपके पते पर चेक के जरिये रिफंड पहुंचेगा, जो आपके उसी अकाउंट में जमा हो पाएगा जिसे आपने आयकर विभाग के पास जमा किए गए रिटर्न में लिखा है। अगर आपने सभी बातों पर ध्यान दिया है तो कोई दिक्कत नहीं होगी।
कैसे करें ई फाइलिंग:
1. रजिस्टर करें आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूइंकमटैक्सइंडियाडॉटजीओवीडॉटइन।
2. अपना पैन नंबर और पासवर्ड तय करने के बाद ई-फाइलिंग शुरू करें।
3. उचित फॉर्म डाउनलोड करें और अपनी आमदनी, बचत और निवेश की पूरी जानकारी सावधानी से भरें।
4. फॉर्म को एक्सएमएल फॉरमेट में बदलकर इसे अपलोड कर दें।
5. आपका रिटर्न फॉर्म स्वीकार होने के बाद आपके ईमेल पर इसकी प्राप्ति और आइटीआर-वी (वेरिफिकेशन) भेजा जाएगा।
6. अगर आपने रिटर्न पर डिजिटल हस्ताक्षर नहीं किए हैं तो 120 दिनों के भीतर आइटीआर-वी हस्ताक्षर कर सीपीसी बेंगलूर कार्यालय भेजें।
7. इसके बाद आपके रिटर्न को सफल प्राप्ति की सूचना ईमेल और फोन पर एसएमएस के जरिये आपको मिल जाएगी।
आपके काम की हेल्पलाइन:
ई-फाइलिंग के लिए: 1800-4250-0025
आयकर नियमों से संबंधित उलझन के लिए:
1800-180-1961
रिफंड और रिटर्न में बदलाव के लिए:
1800-425-2229
फैक्टशीट:
-मार्च 2013 तक 26954261 करदाताओं ने ई फाइलिंग के लिए पंजीकरण कराया।
-34 फीसदी रिटर्न करदाताओं ने आफिस अवधि के बाद दाखिल किए।
-महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में सबसे ज्यादा ई रिटर्न मिले।
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