Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या गंभीर बीमारी के बाद भी बीमा करवाया जा सकता है?

    By Edited By:
    Updated: Mon, 03 Aug 2015 06:09 AM (IST)

    अर्ज कीजिए कि आपकी मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द है। लगातार थकान महसूस हो रही है। आप कमजोर भी लग रहे हैं। डॉक्टर आपके खून की जांच करवाता है। रिपोर्ट में हेपेटाइटिस-बी होने का पता चलता है। क्या आप अब भी जीवन बीमा करवा सकते हैं? मैं यहां हेपेटाइटिस बी

    अर्ज कीजिए कि आपकी मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द है। लगातार थकान महसूस हो रही है। आप कमजोर भी लग रहे हैं। डॉक्टर आपके खून की जांच करवाता है। रिपोर्ट में हेपेटाइटिस-बी होने का पता चलता है। क्या आप अब भी जीवन बीमा करवा सकते हैं? मैं यहां हेपेटाइटिस बी का ही उदाहरण लूंगा, क्योंकि पिछले ही दुनिया भर में हेपेटाइटिस बी दिवस का आयोजन किया गया है। इससे जागरूकता फैलाने में मदद मिल रही है, लेकिन साथ ही हमें जीवन बीमा के जरिये इस बीमा से अपने व परिवार की वित्तीय सुरक्षा के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जैसा कि हम सब जानते हैं कि हेपेटाइटिस लीवर से जुड़ी ऐसी बीमारी है, जिससे दुनिया में हर कोने के लोग परेशान है। यह हेपेटाइटिस बीमा नाम के एक वायरस से होता है, जो खून या यौन संक्रमण से फैल सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के मुताबिक अभी दो सौ करोड़ लोग ऐसे हैं, जिनके इस बीमारी के संक्रमण में आने का खतरा है। इनमें से 35 करोड़ ऐसे हैं जो इस वायरस के संक्रमण में आ चुके हैं। भारत व एशिया प्रशांत क्षेत्र के कई इलाकों में इस बीमारी के संक्रमण में आने वाले और इससे मरने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा है। हर साल भारत में इस बीमारी से एक लाख लोगों की मौत हो जाती है। जबकि दस लाख बच्चों के इस बीमारी से ग्रसित होने का खतरा है।

    बहरहाल, अच्छी खबर यह है कि आप जीवन बीमा पॉलिसियों के जरिये इस बीमारी का कवरेज हासिल कर सकते हैं। अगर आपको बीमारी है तब भी आप बीमा पॉलिसी खरीद सकते हैं। वैसे इसका प्रीमियम कई चीजों पर निर्भर करेगा मसलन, आपका मेडिकल परीक्षण कैसा है, बीमारी पर वास्तविक खर्च कितना आ रहा है, वगैरह। बीमारी का संक्रमण जितना ज्यादा होगा प्रीमियम की राशि भी उसी हिसाब से ज्यादा होगी। यहां पर बीमा एजेंट या कंपनी के प्रतिनिधि की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है। कई जानकारियों को हासिल करने के बाद ही बीमा की लागत और प्रीमियम के बारे में बताया जा सकता है। इस बारे में हर जानकारी सही देनी चाहिए, नहीं तो इसका खामियाजा बाद में भुगतना पड़ सकता है।

    कुछ सवाल जो हेपेटाइटिस बी से संक्रमित रोगी को पॉलिसी देने से पहले पूछे जाते हैं, उसमें सबसे अहम है किस उम्र में संक्रमण हुआ। लीवर जांच रिपोर्ट कैसी है। लीवर में फाइब्रोसिस या सिरोसिस की जांच की गई या नहीं? अभी तक कैसा इलाज करवाया है? कितनी अवधि में जांच वगैरह करवाई गई हैं? किस तरह की दवाइयां आप ले रहे हैं?

    सवालों के जबाव के आधार पर आपकी रेटिंग करके बीमा पॉलिसी के बारे में अंतिम फैसला होगा। अगर परीक्षण में स्थिति स्थिर है यानी बीमारी का संक्रमण नहीं बढ़ रहा है तो आपको बेहतर विकल्प मिलेंगे। प्रीमियम की राशि संक्रमण पर निर्भर करती है। अगर संक्रमण ज्यादा है तब भी आप बीमा करवा सकते हैं। ज्यादा जोखिम ज्यादा प्रीमियम मांगेगा। शराब व तंबाकू सेवन की आदतों का भी कंपनी के फैसले पर प्रभाव पड़ता है।
    सुब्रत मोहंती
    हेड (मार्केटिंग)
    बजाज अलायंज लाइफ इंश्योरेंस

    संबंधित अन्य सामग्री पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें