बीमा पॉलिसी की हार्ड कॉपी घर मंगाना चाहते हैं ज्यादातर ग्राहक : सर्वे
बता दें कि Covid Mahamari फैलने पर तमाम बीमा कंपनियों ने Go Green का नारा बुलंद करते हुए ग्राहकों के घर बीमा पॉलिसी की हार्ड कॉपी भेजना बंद कर दिया था। हालांकि क्लेम के समय ये कंपनियां ही बीमा पॉलिसी की कॉपी मांग बैठती हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Covid Mahamari के मामले घटने के बाद अब बीमाधारक पॉलिसी की हार्ड कॉपी (Original Copy of Insurance Policy) भी चाहते हैं। एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि बीमाधारक चाहते हैं कि बीमा कंपनियां दोबारा से पॉलिसी की हार्ड कॉपी घर भेजना शुरू करें। सर्वे में 88 फीसद लोगों ने बीमा पॉलिसी की हार्ड कॉपी भेजने पर हामी भरी। उनके मुताबिक बीमा कंपनियां क्लेम के वक्त बीमा के कागजात मांगती हैं। इस सर्वे में अलग-अलग शहरों और विभिन्न आयु वर्ग के लोगों से बातचीत की गई। करीब 5000 लोगों ने सर्वे में हिस्सा लिया है।
Bombay Master Printers Association (BMPA) के सर्वे के मुताबिक 80 फीसद लोगों ने कहा कि बीमा पॉलिसी घर भेजने के मामले में बीमा नियामक IRDAI को हस्तक्षेप करना चाहिए और बीमा कंपनियों को निर्देश देना चाहिए। इससे उन पर ग्राहकों को बीमा पॉलिसी घर भेजने का दबाव बनेगा।
ग्राहकों ने कहा कि क्लेम के समय बीमा कंपनियां न सिर्फ ओरिजिनल पॉलिसी मांगती है बल्कि उसके सपोर्ट में जो दस्तावेज लगते हैं, उन्हें भी देने के लिए कहती हैं। IRDAI के नियमन के मुताबिक बीमा कंपनी को बीमा पॉलिसी की मूल कॉपी और इ कॉपी दोनों जारी करनी होती है। Covid 19 से रोकथाम के लिए इस पर अंतरिम रोक लगी थी, तब बीमा नियामक ने इलेक्ट्रानिक पॉलिसी डॉक्यूमेंट जारी करने की मंजूरी दी थी। उस दौरान हार्ड कॉपी भेजने से छूट दी गई थी। यह छूट 31 मार्च 2022 तक थी।
BMPA की मैनेजिंग कमेटी के सदस्य मेहुल देसाई ने कहा कि सर्वे से साफ है कि अब ग्राहक बीमा पॉलिसी की हार्ड कॉपी घर भेजने की प्रक्रिया दोबारा शुरू करने की चाहत रख रहे हैं। यह प्रक्रिया दोबारा शुरू करने का बड़ा मकसद मानसिक सुकून है ताकि क्लेम के समय बीमा कंपनी किसी प्रकार का उत्पीड़न न कर पाए। (Pti इनपुट के साथ )
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