खरीद लिया है महंगा फोन तो उसका इंश्योरेंस भी कराना है जरूरी, जानिए आखिर क्यों
ज्यादातर बीमा कंपनियां फोन पर 6 महीने की इंश्योरेंस देती हैं और अगर फोन में कुछ होता है तो फोन को बदलने की जगह रिपेयरिंग का विकल्प रहता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आमतौर पर लोग अपने मोबाइल फोन के बीमा (इंश्योरेंस) को गंभीरता से नहीं लेते हैं। लेकिन स्मार्टफोन का इंश्योरेंस कराना कई बार फायदेमंद साबित हो सकता है। मान लीजिए कभी ऐसा हो जब आपका कोई महंगा मोबाइल फोन खो जाए और अभी भी आप उसकी ईएमआई भर रहे हों तो ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे। हम इस खबर में आपको मोबाइल फोन के इंश्योरेंस के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।
क्यों कराना चाहिए मोबाइल फोन का बीमा?
फोन का टूट जाना: मान लीजिए आपने कोई महंगा फोन खरीदा है। लेकिन इससे पहले की आप फोन का इस्तेमाल करें अगर गिर जाए तो आपके सारे पैसे बर्बाद हो सकते हैं। इंश्योरेंस के जरिए आप अपने फोन के गिरने पर हुए नुकसान की भरपाई कर सकते हैं।
फोन के चोरी होने पर: अगर आपका फोन चोरी हो जाता है तो इंश्योरेंस के जरिए आप अपने नुकसान की भरपाई कर सकते हैं। फोन के चोरी होने पर आपको कितनी राशि मिलेगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका फोन कितना पुराना हो चुका है।
पानी में गिरने पर: अगर आपका फोन पानी में गिरने की वजह से खराब हो गया है तो इसकी भरपाई केवल इंश्योरेंस के जरिए हो सकती है।
ज्यादातर बीमा कंपनियां फोन पर 6 महीने की इंश्योरेंस देती हैं और अगर फोन में कुछ होता है तो फोन को बदलने की जगह रिपेयरिंग का विकल्प रहता है। इसलिए इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त या देख लें कि आपको कौन सा प्लान मिल रहा है।
इसके अलावा कुछ केस ऐसे हैं जिनमें फोन की कॉलिंग का कवर भी नहीं मिलता है। जैसे मान लीजिए आपका फोन चोरी हो गया हो और इससे कॉलिंग की गई है, तो इस कॉलिंग का बिल आपको खुद भरना पड़ेगा। इसलिए इंश्योरेंस लेते वक्त पॉलिसी के बारे में अच्छे से जान समझ लें।
मोबाइल फोन बीमा के लिए कितना करना होगा पेमेंट?
आपको फोन के बीमा के लिए लिए कितना पेमेंट करना है यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका फोन कैसा है, कितना महंगा है।
कौन सा इंश्योरेंस रहेगा सही?
आजकल ज्यादातर नेटवर्क ऑपरेटर्स फोन पर इंश्योरेंस कवर दे रहे हैं। आप अपने हिसाब से कोई सा भी इंश्योरेंस चुन सकते हैं। इसके अलावा बैंक की ओर से भी इंश्योरेंस कवर दिया जाता है। आप चाहें तो थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी भी ले सकते हैं।