लेना चाहते हैं Health Insurance, पर सरकारी और निजी कंपनी में है कन्फ्यूजन; चेक करें सभी डिटेल
Government vs Private Medical Health Insurance हेल्थ इंश्योरेंस प्लान सरकारी और निजी कंपनियों दोनों की ओर से पेश किए जाते हैं। हमने इस रिपोर्ट में कुछ मापदंडों पर दोनों की तुलना की है जिससे आप बेहतर विकल्प का चयन कर सकते हैं। (जागरण ग्राफिक्स)

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आज के समय में मेडिकल के खर्चों को देखते हुए इंश्योरेंस कराना काफी जरूरी हो गया है। हेल्थ इंश्योरेंस क्षेत्र में सरकारी और निजी कंपनियां दोनों हैं। ऐसे में लोगों के मन में इस बात को लेकर कंफ्यूजन बना रहता है कि सरकारी कंपनी या फिर किसी निजी कंपनी से हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहिए।
आज हम अपनी रिपोर्ट में सरकारी और निजी कंपनियों के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान की कुछ मापदंडों पर तुलना कर जा रहे हैं जिससे कि आप जान सकें कि आपके लिए कौन-सा लेना बेहतर रहेगा।
प्रीमियम और डिस्काउंट
सरकारी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के प्लान का प्रीमियम निजी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की अपेक्षा कम होता है। इसके साथ सरकारी कंपनियों के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान पर कुछ अवसरों पर डिस्कांउट भी मिल जाता है। वहीं, निजी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां अपने प्लान के प्रीमियम को बाजार के हिसाब से तय करती हैं। इन पर डिस्कांउट सरकारी की तुलना में कम होता है।
NCB बेनिफिट
एनसीबी यानी नो क्लेम बोनस बेनिफिट आपको सरकारी कंपनियों के प्लान के साथ नहीं मिलता है, जबकि सभी निजी कंपनियों अपने प्लान के साथ एनसीबी का फायदा देती हैं।
कवरेज
सरकारी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के प्लान में आपको काफी सारी लिमिट्स भी दी जाती हैं। वहीं, निजी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों में सभी मेडिकल खर्च को कवर किया जाता है, हालांकि ये काफी हद तक आपकी ओर से चुने हुए प्लान पर निर्भर करता है।
सम एश्योर्ड और टैक्स बेनिफिट्स
इसमें आपको सम एश्योर्ड सीमित मिलता है, जबकि आप निजी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों में आप जितना प्रीमियम भरते हैं उसके मुताबिक सम एश्योर्ड मिलता है। इनकम टैक्स की धारा 80D के तहत आप अपने और परिवार के लिए दिए गए प्रीमियम पर 25000 रुपये और साथ ही आप अपने माता पिता के हेल्थ इंश्योरेंस का भी प्रीमियम भरते हैं तो आप 50000 रुपये की छूट का दावा आईटीआर में कर सकते हैं।
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