निवेश या बीमा: फाइनेंशियल प्लानिंग में क्या है ज्यादा जरूरी, जानिए
इंश्योरेंस की जहां तक बात है तो यह उन आपात स्थितियों से बचाता है जो किसी व्यक्ति की वित्तीय स्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं। ...और पढ़ें

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। नए कमाने वाले युवाओं के साथ एक दिक्कत यह है कि उन्हें बीमा और निवेश के बीच निर्णय लेना पड़ सकता है। इन दोनों में से वे किसे चुनें। इसके अलावा वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करना भी जरूरी है मसलन घर खरीदना, व्यवसाय शुरू करना, शेयरों में निवेश करना, यात्रा करना या किसी के परिवार के सदस्यों के भविष्य की योजना बनाना।
यह सीखना आवश्यक है कि फाइनेंशियल प्लानिंग केवल निवेश या टैक्स कर प्लानिंग को लेकर नहीं है। इसमें मौजूदा फंड की समीक्षा करना, इमरजेंसी फंड की योजना बनाना, विविध निवेश पोर्टफोलियो का निर्माण और बीमा आवश्यकताओं की योजना बनाना शामिल है। प्रभावी फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए अपने लक्ष्यों और जरूरतों की पहचान करके शुरुआत करनी चाहिए।
इंश्योरेंस की जहां तक बात है तो यह उन आपात स्थितियों से बचाता है जो किसी व्यक्ति की वित्तीय स्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं। मेडिकल इमरजेंसी या दुर्घटना जैसी अभूतपूर्व परिस्थितियों में बीमा पॉलिसी एक बड़ी राशि का प्रबंधन करने में मदद करती है।
यदि कोई ऐसी स्थिति में है जब वह कमा नहीं सकता है, तो न केवल वे निवेश करने में सक्षम होंगे बल्कि वे आराम से अपने खर्चों को पूरा करने में सक्षम नहीं होंगे।
विभिन्न तरह की बीमा, बीमारी, दुर्घटना, विकलांगता या मृत्यु की लागत के बदले एक परिवार के लिए बहुत उपयोगी है। जिनके परिवार के आश्रित सदस्य हैं, उनके लिए जीवन बीमा आवश्यक है। बीमा में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी, मोटर दुर्घटना बीमा सारे जरूरी हैं। लंबी अवधि की बेरोजगारी या आय की हानि के कारण महत्वपूर्ण बीमा पॉलिसियों के दायरे में आने से व्यक्ति कर्ज में डूबने से बच जाएगा।

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