कैसे और किससे लें जीवन बीमा पॉलिसी
लोग मोबाइल या टीवी खरीदते वक्त तो भारी रिसर्च करते हैं। मगर जब बात रिटायरमेंट की प्लानिंग, बच्चों की शिक्षा अथवा शादी जैसे वित्तीय फैसलों की आती है त ...और पढ़ें

लोग मोबाइल या टीवी खरीदते वक्त तो भारी रिसर्च करते हैं। मगर जब बात रिटायरमेंट की प्लानिंग, बच्चों की शिक्षा अथवा शादी जैसे वित्तीय फैसलों की आती है तो लापरवाही का परिचय देते हैं। अक्सर बिना सोचे-समझे और पॉलिसी के गुण-दोषों की समीक्षा किए बगैर वे अपने दोस्तों या रिश्तेदारों के कहने पर जल्दबाजी में निर्णय ले लेते हैं।
पंकज एक 32 वर्षीय इंजीनियर है। वह सॉफ्टवेयर फर्म में काम करता है। अपनी पेशेवर व व्यक्तिगत जिंदगी को लेकर उसका रवैया बहुत सूझबूझ और समझदारी भरा है। वह हर बात की तह तक जाता है। मोबाइल फोन जैसी छोटी चीज की खरीद भी वह पूरी रिसर्च करने के बाद ही करता है। अपने बजट में सर्वश्रेष्ठ मॉडल प्राप्त करने का प्रयास करता है। मगर दुर्भाग्य से जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने जैसे वित्तीय निर्णय लेने के मामले में वह उतना ही कच्चा है।
खुद जानकारी जुटाने के बजाय उसने अपने रिश्तेदार के कहने पर एक एजेंट के मार्फत पॉलिसी खरीद ली। जबकि रिश्तेदार महोदय उस एजेंट से अपनी दोस्ती निभा रहे थे और उसे उसका टार्गेट पूरा करने में मदद कर कर रहे थे। पंकज अब फंस गया है, क्योंकि उसकी पॉलिसी उसकी बचत व सुरक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा करने में नाकाम है।
यह स्थिति अकेले पंकज की नहीं है। बहुत सारे लोग इसी तरह के झमेले में फंसे हुए हैं। ये लोग मोबाइल या टीवी खरीदते वक्त तो भारी रिसर्च करते हैं। मगर जब बात रिटायरमेंट की प्लानिंग, बच्चों की शिक्षा अथवा शादी जैसे वित्तीय फैसलों की आती है तो लापरवाही का परिचय देते हैं। अक्सर बिना सोचे-समझे और पालिसी के गुण-दोषों की समीक्षा किए बगैर वे अपने दोस्तों या रिश्तेदारों के कहने पर जल्दबाजी में निर्णय ले लेते हैं।
तो फिर आखिर हमें किस तरह अपने लिए उपयुक्त जीवन बीमा पालिसियों का मूल्यांकन करना चाहिए? यहां हम कुछ उपाय बता रहे हैं जिन्हें ध्यान में रखकर आप अपनी जरूरतों के मुताबिक
उचित जीवन बीमा पॉलिसी का चुनाव कर सकते हैं:
जीवन बीमा का मकसद तय करें
जीवन बीमा खरीदने का पहला कदम इसके उद्देश्य का निर्धारण करना है। यानी किस मकसद से आप इसे खरीदना चाहते हैं। जीवन बीमा आपके परिवार को आपकी अनुपस्थिति में वित्तीय छतरी प्रदान करता है। आपके बच्चे की शिक्षा व विवाह के लिए पैसों का इंताजाम करता है अथवा रिटायरमेंट के बाद खुद आपको आर्थिक मदद प्रदान करता है। लिहाजा मेरी सलाह है कि पॉलिसी खरीदने से पहले आप किसी वित्तीय सलाहकार अथवा बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर से परामर्श कर लें। वे आपकी बचतों और आवश्यकताओं के अनुसार सर्वाधिक उपयुक्त पॉलिसी सुनने में आपकी मदद करेंगे। ऐसा करते वक्त हमेशा विस्तृत विश्लेषण व जोखिम आकलन पर जोर दें। इससे पॉलिसी के बारे में निर्णय लेने में आपको सहूलियत होगी।
इसके साथ कुछ अन्य बातों पर भी ध्यान देना चाहिए, जैसे कि अतिरिक्त जोखिम कवर लेना। इससे जीवन बीमा समाधानों को अपनी व्यक्तिगत जरूरतों के अनुसार तैयार करवाया जा सकता है। इतना ही नहीं, बीमा क्षेत्र में प्रचलित शब्दावली के अर्थ भी समझ लेने चाहिए। जैसे कि कैश वैल्यू, मेच्योरिटी अमाउंट, प्रीमियम, इक्विटी-डेट रेशियो तथा क्लेम अमाउंट। इससे पॉलिसी के कागजात को समझने में मदद मिलेगी।
योजनाओं की पूरी जांच करें :
एक बार तय कर लिया कि कितनी और किस तरह की जीवन बीमा सुरक्षा चाहिए तो उसके बाद आपको बाजार में उपलब्ध विभिन्न प्रकार की जीवन बीमा योजनाओं का पता लगाकर उनका अध्ययन करना चाहिए। इसमें जीवन बीमा कंपनियों के पुराने ग्राहकों की राय जानना सबसे महत्वपूर्ण है। यह भी देखें कि बीमा कंपनी का वित्तीय स्थिति कितनी मजबूत है। पिछला रिकॉर्ड कैसा है। दावों के मुकाबले भुगतान का अनुपात क्या है। शर्तें व अतिरिक्त सुविधाएं कौन-कौन सी हैं। पॉलिसी में किन-किन चीजों को शामिल नहीं किया गया है। इसके लिए भी सलाहकार या रिलेशनशिप मैनेजर से परामर्श ले लेना बेहतर रहेगा। उससे उदाहरणों के साथ अच्छी तरह समझ लें कि आपको कितने प्रीमियम पर क्या-क्या मिलने जा रहा है।
विभिन्न मॉडलों का मूल्यांकन करें
बीमा पॉलिसी खरीदने के कई चैनल व मॉडल उपलब्ध हैं। बीमा कंपनी से सीधे पॉलिसी खरीदने के अलावा आप एक सलाहकार की मदद भी ले सकते हैं। वह न केवल आपके मन की पालिसी खरीदने में आपकी मदद करेगा, बल्कि आपकी तमाम शंकाओं का समाधान भी करेगा। जैसे कि क्लेम प्रक्रिया, पॉलिसी शुल्क तथा व्यक्तिगत विवरण व घोषणाएं भरने का सही तरीका। कुछ योजनाओं में महिलाओं तथा मदिरा न पीने वालों के लिए अतिरिक्त लाभों का प्रस्ताव होता है। लिहाजा, पॉलिसी खरीदने से पहले इनकी भी जांच कर लें। इसके अलावा पॉलिसी लेने से पहले उसमें अनेक नई सुविधाएं शामिल करने की अनुमति भी होती है। इसलिए देख लें कि किस राइडर से आपको अधिकतम लाभ हासिल हो सकता है। एजेंट की सलाह के अलावा आजकल सरल पॉलिसियां आनलाइन भी खरीदी जा सकती हैं। कई बीमा कंपनियां ग्राहकों को कम प्रीमियम वाले टर्म प्लान ऑनलाइन खरीदने की सुविधा प्रदान कर रही हैं। कॉरपोरेट एजेंसी अथवा ब्रोकर समझौतों के तहत बैंक और अन्य वित्तीय वितरक भी अब बीमा पॉलिसियां बेचने लगे हैं। उनके कर्मचारियों को बीमा कंपनियों की ओर से ग्राहकों की मदद के बारे में अच्छी ट्रेनिंग दी जाती है।
शर्तों और श्रेणियों को समझें
जीवन बीमा को या तो सावधि योजना, परंपरागत एंडोमेंट प्लान, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) के रूप में अथवा रिटायरमेंट या पेंशन प्लान के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
- टर्म प्लान आवश्यक रूप से पॉलिसीधारक की मृत्यु के जोखिम को कवर करता है। यह अन्य श्रेणियों के जीवन बीमा से काफी सस्ता है। यह पॉलिसीधारक की मृत्यु न होने पर मेच्योरिटी पर प्रीमियम लौटा भी सकता है और नहीं भी।
- परंपरागत एंडोमेंट पॉलिसी बाजार से असंबद्ध प्लान है। इसमें बचतों के साथ सुरक्षा का भी योग है। यह पॉलिसीधारक की मृत्यु या मेच्योरिटी पर एकमुश्त राशि प्रदान करती है।
-यूलिप बाजार से जुड़ी दीर्घकालिक बचत-सह-सुरक्षा योजनाएं हैं। मगर इनका भुगतान ढांचा तथा निवेश में इक्विटी-डेट का अनुपात थोड़ा अलग
होता है।
- रिटायरमेंट प्लान परंपरागत और यूलिप प्लेटफॉर्म दोनों प्रकार के हो सकते हैं। इनमें मेच्योरिटी की स्थिति में अनिवार्य एन्यूटी प्लान शामिल होता है।
इसलिए अपने अंतिम उद्देश्य व जोखिम क्षमता के अनुसार पॉलिसी का चुनाव करना अहम है।
आशीष वोहरा
सीनियर डायरेक्टर
व चीफ डिस्ट्रीब्यूशन ऑफिसर
मैक्स लाइफ इंश्योरेंस
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