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    Life Insurance Policy को करना चाहते हैं सरेंडर? जानिए क्‍या है प्रक्रिया और कौन से दस्‍तावेज हैं जरूरी

    By NiteshEdited By:
    Updated: Fri, 12 Nov 2021 06:43 AM (IST)

    पॉलिसी को सरेंडर करने पर उसके फायदे लेने के लिए पॉलिसीधारक को बीमा कंपनी द्वारा तय की गई सरेंडर प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और सरेंडर शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। यह बीमाकर्ता से बीमाकर्ता अलग हो सकता है।

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    How To surrender life insurance policy Know charges documents required and other details

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अगर पॉलिसीधारक को बीमा योजना से जुड़े सभी लाभ नहीं मिलते तो वह जीवन बीमा पॉलिसी को सरेंडर कर सकता है। ऐसा इसलिए हो सकता है, क्योंकि वह पॉलिसी की कमिटमेंट अवधि को पूरा नहीं कर पा रहा है और योजना के लाभों का फायदा लेने के लिए बीमा कंपनी द्वारा लगाए गए निश्चित प्रीमियम का भुगतान नहीं कर पा रहा है। पॉलिसी को सरेंडर करने पर उसके फायदे लेने के लिए, पॉलिसीधारक को बीमा कंपनी द्वारा तय की गई सरेंडर प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और सरेंडर शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। यह बीमाकर्ता से बीमाकर्ता अलग हो सकता है। इसलिए अगर आप मध्यावधि में एक पॉलिसी सरेंडर करते हैं, तो आपको बचत और कमाई के लिए आवंटित राशि का एक योग (सरेंडर वैल्यू) मिलेगा। इसके अलावा इस राशि से एक सरेंडर चार्ज भी काटा जाता है, जो हर पॉलिसी में अलग-अलग होता है।

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    सरेंडर वैल्यू वह राशि है जो एक पॉलिसीधारक जीवन बीमाकर्ता से तब लेता है जब वह किसी पॉलिसी को उसकी मैच्योरिटी अवधि से पहले बंद करने का निर्णय लेता है। मान लीजिए कि पॉलिसीधारक मध्यावधि सरेंडर का निर्णय लेता है, उस स्थिति में कमाई और बचत के लिए आवंटित राशि उसे दी जाएगी। इसमें से पॉलिसी के आधार पर सरेंडर चार्ज काटा जाता है।

    कितने तरह के होते हैं सरेंडर वैल्यू

    सरेंडर वैल्यू दो तरह की होती है

    गारंटीड सरेंडर वैल्यू और स्पेशल सरेंडर वैल्यू

    गारंटीड सरेंडर वैल्यू

    गारंटीड सरेंडर वैल्यू पॉलिसीधारक को तीन साल पूरे होने के बाद ही दिया जाता है। यह मूल्य योजना के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम का केवल 30% तक बनता है। इसके अलावा इसमें पहले वर्ष के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम, राइडर्स के लिए भुगतान की गई अतिरिक्त लागत और बोनस (आपको मिल सकता है) शामिल नहीं है।

    स्पेशल सरेंडर वैल्यू

    इसे समझने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि पेड-अप वैल्यू क्या है। मान लीजिए कि पॉलिसीधारक एक विशिष्ट अवधि के बाद प्रीमियम का भुगतान करना बंद कर देता है, तो पॉलिसी जारी रहेगी, लेकिन कम बीमित राशि पर जिसे पेड-अप मूल्य कहा जाता है। पेड-अप मूल्य की गणना मूल बीमित राशि को भुगतान किए गए प्रीमियमों की संख्या और देय प्रीमियमों की संख्या के भागफल से गुणा करके की जाती है। पॉलिसी को बंद करने पर आपको एक विशेष सरेंडर वैल्यू मिलती है, जिसकी गणना पेड-अप वैल्यू के योग के रूप में की जाती है और कुल बोनस को सरेंडर वैल्यू फैक्टर से गुणा किया जाता है।

    क्या है चार्ज

    शुल्क पॉलिसी के सरेंडर के समय काटा जाता है और शेष राशि का भुगतान पॉलिसीधारक को किया जाता है।

    क्या लगते हैं कागजात

    एक पॉलिसी सरेंडर रिक्वेस्ट भरना होगा और बीमा कंपनी को जमा करना होगा। आवेदन के साथ मूल पॉलिसी दस्तावेज, एक रद चेक और केवाईसी दस्तावेजों की एक सेल्फ अटेस्टेड कॉपी जोड़ना होगा। फॉर्म में सरेंडर का कारण भी बताना पड़ सकता है। एक बार सरेंडर आवेदन जमा करने के बाद इसे 7-10 कार्य दिवसों के भीतर प्रोसेस में लाया जाता है।

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