GST Council Meet Live: GST काउंसिल का बड़ा फैसला, हेल्थ इंश्योरेंस ही नहीं लाइफ इंश्योरेंस भी हुआ टैक्स फ्री
जीएसटी काउंसिल (GST council meeting) ने आम जनता को राहत देते हुए व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों को जीएसटी से पूरी तरह मुक्त करने का निर्णय (health insurance GST exemption) लिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि बीमा प्रीमियम पर लगने वाला 18% टैक्स अब नहीं लगेगा जिससे करोड़ों नागरिकों के लिए बीमा सुरक्षा सुलभ होगी। यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

नई दिल्ली। आम जनता को बड़ी राहत देते हुए जीएसटी काउंसिल (GST council meeting) ने आज अपनी बैठक में व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों को GST से पूरी तरह छूट देने का ऐलान (insurance premium reduction) किया। यह निर्णय बीमा प्रीमियम को सस्ता बनाकर देश के करोड़ों नागरिकों के लिए बीमा सुरक्षा को अधिक सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
वित्त मंत्री का ऐलान
बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी कि अब से सभी व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों पर GST नहीं लगेगा। बीमा प्रीमियम पर अब तक लगने वाला 18% टैक्स खत्म हो जाएगा।
Individual Health/Life Insurance Now GST Free!#NextGenGST pic.twitter.com/UCrGQgxkJ3
— Nirmala Sitharaman Office (@nsitharamanoffc) September 3, 2025
"इंश्योरेंस फॉर ऑल बाय 2047" लक्ष्य के अनुरूप
यह निर्णय केंद्र सरकार के "2047 तक सभी के लिए बीमा (Insurance for All)" के विजन के साथ पूरी तरह मेल खाता है। सरकार का लक्ष्य है कि देश के हर नागरिक तक बीमा सुरक्षा पहुंचाई जाए और यह कदम उसी दिशा में एक बड़ा प्रोत्साहन है।
बीमा उद्योग ने किया फैसले का स्वागत
बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO डॉ. तपन सिंघल ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि जब देश में मेडिकल महंगाई तेजी से बढ़ रही है, तब यह निर्णय सीधे तौर पर नागरिकों को फायदा पहुंचाता है और परिवारों पर वित्तीय बोझ को कम करता है। यह निर्णय बीमा क्षेत्र की पहुंच को बढ़ाने और देश की स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करेगा।"
क्या होगा असर?
बीमा प्रीमियम अब पहले से 18% तक सस्ता हो जाएगा। सस्ता होने से अधिक लोग स्वास्थ्य और जीवन बीमा खरीदने के लिए आगे आएंगे। वहीं ग्रामीण और कम आय वाले वर्गों में बीमा की पहुंच बीमा तक बढ़ेगी। इससे स्वास्थ्य खर्चों पर निर्भरता कम होगी, आर्थिक सुरक्षा बढ़ेगी।
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