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    किडनी डैमेज, लिवर खराब जैसी बीमारियों से बचने के लिए ले रहे हैं Health Plan? इन बातों का रखें ध्यान

    आज के समय में मेडिकल खर्चे बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में हेल्थ प्लान या इंश्योरेंस लेना काफी जरूरी है। ताकि जरूरत पड़ने पर आप पर किसी भी तरह का आर्थिक बोझ न हो। खराब दिनचर्या के चलते कब-कौन सी बीमारी का शिकार हो जाए पता नहीं रहता। अगर आप भी हेल्थ प्लान लेने का सोच रहे हैं तो ये लेख आपके लिए है।

    By Mansi Bhandari Edited By: Mansi Bhandari Updated: Thu, 28 Aug 2025 01:32 PM (IST)
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    किडनी डैमेज, लिवर खराब जैसी बीमारियों से बचने के लिए ले रहे हैं Health Plan?

     नई दिल्ली। बढ़ते मेडिकल खर्चों का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के जीवन में मेडिकल इमरजेंसी हुई तो उसकी सालों की सेविंग खत्म हो सकती है। वह व्यक्ति कर्ज के तले डूब सकता है। इसलिए आज हेल्थ प्लान या हेल्थ इंश्योरेंस काफी जरूरी बन गया है।

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    अगर आप भी हाल-फिलहाल में हेल्थ प्लान लेने का सोच रहे हैं, तो नीचे दिए बातों का ध्यान रखें।

    इन बातों का रखें ध्यान

    अस्पताल के कमरे का किराया

    कई ऐसे हेल्थ प्लान भी होते हैं, जिनमें अस्पताल के कमरे का किराया शामिल नहीं होता। ऐसे में बिल का आधा अमाउंट खुद ही चुकाना पड़ जाता है।

    बीमारियों पर दें ध्यान

    हेल्थ प्लान में कुछ ऐसी बीमारियां या उपचार शामिल होते हैं, जिनमें आपको आधा अमाउंट देना पड़ सकता है। इसलिए प्लान लेने से पहले इन बीमारियों के बारे में जरूर चेक कर लें। 

     बोनस ऑफर

    हेल्थ प्लान के तहत 100% से 1000% तक बोनस ऑफर किया जाता है। वहीं कुछ पॉलिसी कंपनियां अनलिमिटेड बोनस ऑफर करती है, फिर चाहें क्लेम अमाउंट कितना भी हो।

    कैशलेस सुविधा

    ये जरूर देखें कि आपका हेल्थ प्लान में आने वाला अस्पताल कैशलेस क्लेम की सुविधा दे रहा हो। इससे क्लेम करना और आसान हो जाता है।

    छोटे खर्च शामिल या नहीं

    कई इंश्योरेंस प्लान में सैनिटाइजर और ग्लव्स जैसे छोटी मोटी वस्तु के इस्तेमाल का खर्चा शामिल नहीं होता। इससे हमें बिल का 5 से 10 फीसदी भरना पड़ जाता है। इसलिए ये सुनिश्चित करें कि प्लान में हर एक चीज शामिल हो।

    प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन

    वैसे तो प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन (Pre and Post Hospitalization) 30 से 60 दिन का होता है। लेकिन कुछ स्कीम में ये 90 से 120 दिन तक बढ़ाया जा सकता है।

    इसके साथ ही ये सुनिश्चित करें कि प्लान के अंतर्गत ऐसे उपचार भी शामिल हो, जिसमें 24 घंटे अस्पताल में भर्ती हुई हो या घर में इलाज चल रहा हो।