Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जीएसटी काउंसिल की दरों से महंगा होगा केंद्र सरकार का सफाई अभियान

    By Surbhi JainEdited By:
    Updated: Sat, 27 May 2017 02:15 PM (IST)

    साफ सफाई और हाइजीन में इस्तेमाल होने वाली चीजों पर जीएसटी की उंची दर लगने का प्रस्ताव है

    जीएसटी काउंसिल की दरों से महंगा होगा केंद्र सरकार का सफाई अभियान

    नई दिल्ली (जेएनएन)। ‘स्वच्छ भारत’ अभियान के जरिये भले ही सरकार स्वच्छता पर जोर दे रही हो, मगर साफ-सफाई की चीजों पर कर भार कम करने की दिशा में वह कोई कदम नहीं उठा रही है। जीएसटी काउंसिल ने अलग-अलग वस्तुओं के लिए जीएसटी की जो दरें तय की हैं, उन्हें देखकर लगता है कि आने वाले दिनों में साफ-सफाई के कई सामान महंगे हो सकते हैं। शौचालय में इस्तेमाल होने वाले सामानों से लेकर पर्सनल हाइजीन के उत्पादों पर ऊंची दर से जीएसटी लगाने का प्रस्ताव किया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में काउंसिल की 18-19 मई को श्रीनगर में हुई 14वीं बैठक में अलग-अलग सेवाओं और वस्तुओं के लिए जीएसटी की दरें तय की गईं। ऐसा लगता है कि काउंसिल ने दरें तय करते समय हाइजीन और सेनिटेशन के संबंध में केंद्र सरकार की प्राथमिकता को भुला दिया है। सरकार एक ओर देशभर में शौचालय निर्माण पर जोर दे रही है, जबकि इसमें लगने वाली चीजों पर जीएसटी की उच्चतम दर तय की गई है। मसलन टायलेट बैग से लेकर सेनिटरीवेयर तक सब पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया गया है। बाथरूम में लगने वाले सिरामिक के बाथ बेसिन और टॉयलेट शीट पर भी 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का प्रस्ताव है। इसी तरह हाइजीन के लिए इस्तेमाल होने वाली चीजों पर भी जीएसटी की दरें 18 और 28 प्रतिशत रखी गई हैं। इन चीजों में टॉयलेट पेपर और नैपकिन भी शामिल हैं। सबसे चौंकाने वाली दरें तो सेनिटरी पैड के संबंध में हैं।

    जीएसटी काउंसिल ने एक ओर तो सिंदूर और बिंदियों को जीएसटी से छूट दी है, जबकि दूसरी ओर सेनिटरी पैड पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का प्रस्ताव किया है। काउंसिल के इस फैसले का सोशल मीडिया में चौतरफा विरोध भी हुआ है। यह निर्णय इसलिए अटपटा लगता है, क्योंकि केंद्र और राज्य स्तर पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जबकि महिलाओं की बुनियादी जरूरत वाली पर्सनल हाइजीन की चीजों पर टैक्स की दर काफी अधिक रखी गई है।

    काउंसिल ने ओरल हाइजीन के लिए इस्तेमाल होने वाले उत्पादों पर भी 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का प्रस्ताव किया है। इसी तरह वैक्सीनों पर भी पांच फीसद जीएसटी लगाने की निर्णय किया गया है। सरकार ने एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू करने का लक्ष्य रखा है। हालांकि जीएसटी लागू होने से पहले काउंसिल ने जो दरें तय की हैं, उनकी अधिसूचना जारी की जाएगी। हालांकि सूत्रों का कहना है कि जीएसटी की जो दरें तय की गई हैं, उनमें तीन जून को होने वाली काउंसिल की बैठक में बदलाव भी किया जा सकता है।

    यह भी पढ़ें: GST काउंसिल ने स्कूली बस्ते 28 फीसद टैक्स लगाने का किया फैसला