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अपने बिजनेस का कराएं रजिस्ट्रेशन मिलेंगे कई फायदे, यह है तरीका

जानिए किस तरह से बिना रजिस्ट्रेशन वाले बिजनेस का रजिस्ट्रेशन कराया जाए ताकि आप आयकर विभाग एवं राजस्व विभाग की ओर से होने वाली किसी भी कार्रवाई से बच सके

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 10 Jan 2017 01:18 PM (IST)Updated: Tue, 10 Jan 2017 01:32 PM (IST)
अपने बिजनेस का कराएं रजिस्ट्रेशन मिलेंगे कई फायदे, यह है तरीका

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद अब व्यापारी वर्ग यह समाधान तलाशने में जुटा है कि किस तरह से बिना रजिस्ट्रेशन वाले बिजनेस का रजिस्ट्रेशन कराया जाए ताकि वह आयकर विभाग एवं राजस्व विभाग की ओर से होने वाली किसी भी कार्रवाई से बच सके और रजिस्टर्ड बिजनेस के फायदों को उठा सके।

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ई-मुंशी (ईमुंशी डॉट कॉम) के टैक्स एक्सपर्ट अंकित गुप्ता ने एक आम व्यापारी से जुड़ी इसी समस्या का हल देने की कोशिश की है और यह बताने की कोशिश की है कि आयकर और वैट अधिनियम के अंतर्गत निर्दिष्ट नियमों को पालन कर कैसे आप अपनी राह आसान बना सकते हैं। जानिए कितनी आसानी से आप अपने बिजनेस को रजिस्टर्ड करवा सकते हैं और उसके फायदे उठा सकते हैं।

1. एक रजिस्टर्ड व्यापारी के रूप में काम करने के लाभ
• ई वाणिज्य व्यवसाय की तरह वैश्विक मंच पर अपने व्यापार को बढ़ाने के अधिक अवसर
• उधार लेने के अधिक विकल्पों की उपलब्धता हैं, विशेष रूप से एमएसएमई रजिस्ट्रेंट के लिए (लघु और मध्यम पैमाने के कारोबार पर)
• नियार्त बढ़ाने के अवसर यहां होते हैं लेकिन इंपोर्ट-एक्सपोर्ट कोड लेने की जरूरत
• राजस्व प्राधिकरण के दंड और अभियोजन पक्ष की कार्यवाही से राहत।
• अपने अनन्य व्यापार को पेटेंट करवाएं

2. अपने बिजनेस को कहां रजिस्टर्ड करवाएं
• बहुत सारे बिजनेसमैन और सर्विस प्रोवाइडर इस तथ्य से अनजान होते हैं कि वो सरकार को मामूली शुल्क भुगतान कर अपने बिजनेस को रजिस्टर्ड (पंजीकृत) करवा सकते हैं।
• आप चाहे ट्रेडर हो या होलसेलर या एक्सपोर्टर या फिर सामान की खरीद या बिक्री में संलग्न कोई भी व्यक्ति आपको अपने राज्य के वैट अधिनियम के तहत अपने बिजनेस को रजिस्टर करवाने की जरूरत होती है।
• समझिए अगर आप दिल्ली में बिजनेस कर रहे हैं तो आप मात्र 1025 रुपए के भुगतान पर अपने बिजनेस को रजिस्टर्ड करवा सकते हैं।
• अगर आप सर्विस प्रोवाइडर हैं तो आप बिना किसी शुल्क भुगतान के सेंट्रल बोर्ड और उत्पाद एवं सीमा शुल्क (सीबीईसी) की साइट www.aces.gov.in पर जाकर अपना बिजनेस रजिस्टर्ड करवा सकते हैं।
• अगर आप एक मैन्युफैक्चरर हैं, उत्पाद शुल्क योग्य वस्तुओं के निर्माण करते हैं और आपका लेन-देन 90 लाख रुपए से अधिक है तो आप केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
• अगर आप वस्तुओं और सेवाओं के निर्यातक के रूप में अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको विदेश व्यापार महानिदेशक कार्यालय से इंपोर्ट-एक्सपोर्ट कोड लेने की जरूरत होगी।

3. कौन करवा सकता है रजिस्ट्रेशन
• केंद्र सरकार और किसी भी राज्य सरकार से रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को न ही कंपनी का गठन करने की जरूरत होती है और न ही फर्म को बनाने की व्यक्ति अपने नाम पर मालिकाना हक के तौर पर रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर सकता है।
• रजिस्ट्रेशन करवाने वाले व्यक्ति को एक फोटो, पेन, आधार, बैंक अकाउंट डिटेल और एड्रेस प्रूफ देना पड़ता है।
• वहीं अगर काफी सारे लोग एक बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो वो एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी या लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप का गठन कर रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर सकते हैं। कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के माध्यम से ऐसा किया जा सकता है।
• एक इनकॉरपोरेशन का खर्च उससे जुड़े पार्टनर्स की संख्या और पूंजी पर निर्भर करता है, जिस भी कंपनी का रजिस्ट्रेशन वो करवाना चाहते हैं।


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