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    Budget 2023: पूंजीगत व्यय 10 लाख करोड़ करने से अर्थव्यवस्था को मिलेगा सहारा, इन सेक्टरों में दिखेगा असर

    Budget 2023 वित्त वर्ष 2023-24 का बजट केंद्र सरकार की ओर से पेश कर दिया गया है। बजट में पूंजीगत व्यय 10 लाख करोड़ करने का ऐलान कर दिया है जिसका असर हमें अर्थव्यवस्था के अन्य सेक्टरों में भी देखने को मिलेगा। (जागरण ग्राफिक्स)

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Wed, 01 Feb 2023 04:19 PM (IST)
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    Dr Niranjan Hiranandani comment on budget (जागरण ग्राफिक्स)

    नई दिल्ली, डॉ. निरंजन हीरानंदानी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से बजट 2023 पेश कर दिया है। ये मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट था। इस कारण सरकार ने अर्थव्यवस्था के सभी सेक्टरों को लेकर ऐलान किए हैं। इस बजट में एक प्रमुख ऐलान पूंजीगत व्यय को लेकर किया गया और इसमें 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। इसके बाद पूंजीगत खर्च जीडीपी का 3.3 प्रतिशत हो गया है।

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    इसके बाद बजट को लेकर काफी सारी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। वहीं, उद्योगों का कहना है कि पूंजीगत खर्च बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी।

    सरकार ने बैलेंस बजट पेश किया

    नारेडको के वाइस चेयरपर्सन डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने इसे राजकोषीय रूप से 'बैलेंस' बजट करार देते हुए इसे 8/10 पर रेट किया है। बुनियादी ढांचे में पर 10 लाख करोड़ का पूंजीगत व्यय होने से देश के विकास को रफ्तार मिलेगी, जोकि जीडीपी के 3.3 प्रतिशत के हिस्से के आसपास है।

    इसके साथ उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से किए जाने इस पूंजीगत व्यय का असर रेजिडेंशियल, कॉमर्शियल इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक सेक्टर में देखने को मिलेगा। लास्ट माइल कनेक्टिविटी से लॉजिस्टिक कॉस्ट में काफी कमी आएगी, जिससे भारत का स्थान वैश्विक प्रतिस्पर्धा और निवेश सूचकांक में बढ़ेगा।

    किफायती घरों खरीदारों को होगा फायदा

    उनकी ओर से कहा गया कि पीएम आवास योजना के लिए 79,000 करोड़ रुपये के आवंटन से किफायती घरों को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही आयकर में छूट बढ़ने से करदाता अपनी आय को पहले के मुकाबले घर में निवेश कर पाएंगे।

    कौशल विकास से होगा लाभ

    हीरानंदानी ने आगे कहा कि कौशल विकास को बढ़ावा मिलने से अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। रियल एस्टेट अधिक नौकरियों वाले सेक्टर को कुशल कार्यबल मिल पाएगा। वहीं, ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलने से लो कार्बन वाली अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी।

    (लेखक नारेडको के वाइस चेयरपर्सन हैं और ये उनके निजी विचार हैं।)

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