आने वाले सालों में दो अंकों में बढ़ेगी स्टील की मांग, सरकारी प्रोजेक्ट से ऐसे मिलेगा लाभ
केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा के अनुसार भारत में स्टील की मांग आने वाले वर्षों में दो अंकों में बढ़ेगी। सरकारी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का इसमें मुख्य योगदान होगा। उन्होंने इंडियन स्टील एसोसिएशन के कार्यक्रम में कहा कि सरकार की पहलें इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को बढ़ावा दे रही हैं जिससे स्टील की खपत बढ़ रही है। 2030 तक 30 करोड़ टन स्टील उत्पादन क्षमता प्राप्त करने तक यह वृद्धि जारी रहेगी।

नई दिल्ली। केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा का कहना है कि देश में आने वाले वर्षों में स्टील की मांग दो अंकों में बढ़ेगी। इसमें सरकार की ओर से संचालित इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का प्रमुख योगदान रहेगा।
इंडियन स्टील एसोसिएशन (आइएसए) के कान्क्लेव को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार पहलों ने देशभर में इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को आगे बढ़ाया है।
इससे देश में स्टील की खपत बढ़ी है। बीते तीन वर्षों में स्टील की मांग दो अंकों की दर से बढ़ रही है और 2030 तक 30 करोड़ टन स्टील उत्पादन क्षमता लक्ष्य हासिल करने तक मांग की यह वृद्धि दर जारी रहेगा।
स्टील उद्योग सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महत्वपूर्ण योगदान देता है और आत्मनिर्भर भारत के ²ष्टिकोण को प्राप्त करने में इसकी एक प्रमुख भूमिका है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन, मेक इन इंडिया जैसे प्रमुख कार्यक्रम स्टील की मांग को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा रहे हैं और घरेलू स्टील की खपत को प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्टील उद्योग के लिए कुछ प्राथमिकताएं भी हैं।
इसमें डीकार्बनाइजेशन और ग्रीन स्टील मिशन को आगे बढ़ाना, क्षेत्र की दीर्घकालिक स्थिरता और प्रतिस्पर्धात्मकता सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी अपनाना, कच्चे माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रमुख हैं। बीते वित्त वर्ष 2024-25 में देश की स्टील खपत 15 करोड़ टन रही है।
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