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    Silver Price Today: चांदी पहली बार 2 लाख के पार, अचानक क्यों भागे दाम? अजय केडिया ने बताईं एक-दो नहीं 11 वजह!

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 07:07 PM (IST)

    Silver at All-Time High: चांदी ने भारतीय बाजार में इतिहास रच दिया, MCX पर 2,01,388 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई। अजय केडिया ने इस तेजी के पीछे 11 कारण ...और पढ़ें

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    Silver Price Today: चांदी पहली बार 2 लाख के पार, अचानक क्यों भागे दाम? अजय केडिया ने बताईं एक-दो नहीं 11 वजह!

    Silver at All-Time High: शुक्रवार, 12 दिसंबर को चांदी ने भारतीय बाजार में इतिहास रच दिया। MCX और IBJA, दोनों जगहों पर चांदी के दाम अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़कर नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए। IBJA पर चांदी 1,95,180 रुपए प्रति किलो तक चढ़ गई और पिछले दिन के मुकाबले कीमत में 8192 रुपए में तगड़ा उछाल देखने मिला। जबकि MCX पर चांदी पहली बार 2 लाख रुपए के जादुई आंकड़े के पार निकल गई। MCX पर इसने 2,01,388 रुपए प्रति किलो (Silver price today) का ऑल टाइम हाई बनाया और खबर लिखे जाने तक 2,00,510 रुपए पर ट्रेड (silver rate today) कर रही थी। पिछले सत्र के मुकाबले इसमें 0.79% यानी 2067 रुपए की बढ़त दर्ज हुई।

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    अब बड़ा सवाल: चांदी इतनी तेज क्यों भाग रही है? (Why are silver prices rising rapidly?)

    केड़िया एडवाइजरी के फाउंडर-डायरेक्टर अजय केडिय ने बताया कि चांदी में रिकॉर्ड तेजी के पीछे एक-दो नहीं बल्कि 11 वजह शामिल हैं। चलिए एक-एक कर समझते हैं।

    1. चांदी की सप्लाई में कमी (Shortage in silver supply)

    MCX पर चांदी 2,01,388 रुपए के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। इसकी मुख्य वजह है- सिल्वर मार्केट में लगातार बढ़ता स्ट्रक्चरल डेफिसिट, यानी सप्लाई की कमी का वर्षों से बनता दबाव, जो चांदी की कीमतों को लगातार बढ़ा रहा है।

    2. ग्लोबल इन्वेंट्री ऐतिहासिक लो पर (Global inventories at historic lows)

    लंदन की सिल्वर इन्वेंट्री 2021 के पीक से लगातार गिरती गई और 2025 में कई सालों के नए लो पर पहुंच चुकी है। यह बताता है कि फिजिकल सिल्वर की उपलब्धता बहुत कम हो गई है।

    3. चीन के 2026 एक्सपोर्ट कंट्रोल से बढ़ी प्री-बाइंग (China's 2026 export controls boost pre-buying)

    यह भी पढ़ें- Silver Price Hike: चांदी के दाम बढ़ते ही किसने बेची 100 टन चांदी? एक्सपर्ट बोले- 2026 में ₹2.40 लाख के पार होगी कीमत

    चीन ने 2026 से सिल्वर निर्यात पर नियंत्रण लगाने का ऐलान किया है। इसके बाद दुनियाभर की इंडस्ट्रीज और ट्रेडर्स ने सप्लाई कम होने से पहले स्टॉक बढ़ाना शुरू कर दिया, जिससे कीमतों में और उछाल आ गया।

    4. सप्लाई ठहरी, इंडस्ट्रियल डिमांड लगातार बढ़ी (Silver Supply stagnated, industrial demand continued to rise)

    चांदी की माइनिंग और रीसाइक्लिंग पिछले 10 साल से लगभग स्थिर है। लेकिन डिमांड लगातार बढ़ रही है। क्योंकि चांदी का इस्तेमाल सोलर पैनल (PV), इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) और सेमीकंडक्टर्स समेत कई सेक्टर्स में तेजी से बढ़ी है। यानी मांग तो बढ़ी, लेकिन सप्लाई नहीं। लिहाजा कीमतें ऊपर चली गईं।

    5. बाजार लगातार पांचवें साल डेफिसिट में (The market is in deficit for the fifth consecutive year)

    साल 2025 में सिल्वर मार्केट लगातार पांचवे साल भी डेफिसिट में रहेगा। इस बार कमी 125 मिलियन औंस (35,43,690 किलोग्राम) रहने का अनुमान है। 2021 से अब तक कुल कमी 800 मिलियन औंस (2,26,79,618.5) के करीब पहुंच चुकी है। यह बेहद बड़ी संख्या है।

    6. फेड के रेट कट से मिला सपोर्ट (Silver gets support from Fed rate cut)

    अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने हाल ही में ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर रेंज 3.50%-3.75% कर दी। रेट कट का सीधा असर यह हुआ कि सोना-चांदी जैसे सेफ-हेवन एसेट्स की मांग बढ़ गई। हालांकि चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि आगे कटौती के लिए "हाई थ्रेशहोल्ड" रहेगा।

    7. चीन में स्टॉकपाइल 10 साल के लो पर (Stockpiles in China are at a 10-year low)

    शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज में सिल्वर स्टॉक 2015 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। शंघाई गोल्ड एक्सचेंज पर ट्रेडिंग वॉल्यूम भी 9 साल के लो पर है। यह बताता है कि चीन में भी सप्लाई काफी टाइट है।

    8. चीन के रिकॉर्ड सिल्वर एक्सपोर्ट (China records silver exports)

    अक्टूबर 2024 में चीन ने 660 टन से अधिक सिल्वर निर्यात किया, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसका बड़ा हिस्सा लंदन भेजा गया ताकि वहां की भारी सप्लाई कमी को कुछ राहत मिल सके।

    9. लंदन में ऑक्शन और इनफ्लो के बाद भी लिक्विडिटी टाइट (Liquidity tight despite London auctions and inflows)

    चीन से भारी मात्रा में सिल्वर आने के बाद भी लंदन में बॉरोइंग कॉस्ट (Borrowing Cost) ऊंची बनी हुई है, यानी बाजार में लिक्विडिटी तनाव अभी भी खत्म नहीं हुआ है।

    10. अमेरिका की नई नीति का खतरा (The danger of America's new policy)

    यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने हाल ही में सिल्वर को क्रिटिकल मिनरल्स की सूची में शामिल किया है। इससे बाजार में यह आशंका बढ़ गई है कि अमेरिका सिल्वर पर नए टैरिफ या स्ट्रैटेजिक कंट्रोल लगा सकता है।

    11. LBMA वॉल्ट होल्डिंग में तेजी (LBMA vault holdings surge)

    नवंबर में लंदन वॉल्ट (London Bullion Market Association) की सिल्वर होल्डिंग बढ़कर 27,187 टन हो गई, जो पिछले महीने से 3.5% ज्यादा है। गोल्ड होल्डिंग भी बढ़कर 8,907 टन पहुंच गई। यह बताता है कि बड़े निवेशक अभी भी कीमती धातुओं में पैसा डाल रहे हैं।

    यानी यह साफ है कि चांदी के दामों में यह रैली किसी एक वजह से नहीं, बल्कि वैश्विक सप्लाई दबाव, इंडस्ट्रियल डिमांड, चीन की नीतियों, अमेरिकी रेट कट और डेफिसिट जैसी कुल 11 बड़ी वजहों का संयुक्त असर है। विशेषज्ञों की मानें तो जब तक सप्लाई की स्थिति नहीं सुधरती, चांदी में तेजी का रुझान जारी रह सकता है।

    SOURCE- MCX & IBJA

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