Silver Price: रॉकेट की रफ्तार से भाग रहे चांदी के दाम, 1.5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है कीमत
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने चांदी की कीमतों (Silver Price) को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक अगले 12 महीनों में चांदी की कीमतें 1.5 लाख रुपये प्रति किलो के स्तर तक जा सकती है। चांदी की कीमतों में दिनो-दिन बढ़ोतरी देखी जा रही है। अलग-अलग देशों के केंद्रीय बैंक भी इस धातु को खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं।

नई दिल्ली। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले महीनों में मजबूत औद्योगिक मांग, कमजोर डॉलर और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सुरक्षित निवेश प्रवाह के कारण चांदी की कीमतें (Silver Price) 1.5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती हैं। चांदी की कीमतें रॉकेट की रफ्तार से भाग रही हैं। अगले 12 महीनों में एक किलो चांदी 1.5 लाख रुपये को पार कर सकती हैं।
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि ग्लोबल मार्केट में चांदी की कीमतें 50 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस के स्तर को छू सकती है, ऐसा अनुमान है। मोतीलाल ओसवाल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस साल अब तक चांदी 37 फीसदी का रिटर्न (Silver Return) दे चुकी है। आने वाले समय में इसकी कीमतें और भाग सकती हैं।
12 महीने में इस स्तर तक पहुंच जाएगी चांदी
ब्रोकरेज फर्म ने अपने रिपोर्ट में कहा, "अपने पिछले लक्ष्यों को हासिल करने के बाद, हमारा मानना है कि चाँदी में आगे भी तेजी की संभावना बनी रहेगी। हमें उम्मीद है कि घरेलू मोर्चे पर कीमतें छह महीनों में धीरे-धीरे 1,35,000 रुपये प्रति किलोग्राम और फिर 12 महीनों में 1,50,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाएंगी, बशर्ते रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.5 के आसपास कारोबार करे।"
अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड को उम्मीद है कि कॉमेक्स चांदी वायदा शुरुआत में 45 डॉलर प्रति औंस और तेजी के अगले चरण में 50 डॉलर प्रति औंस के स्तर को छू सकता है।
क्यों भाग रही चांदी की कीमतें?
रिपोर्ट में बताया गया है कि चांदी के तेजी के रुझान के पीछे कई कारक हैं। अमेरिका स्थित सिल्वर इंस्टीट्यूट का अनुमान है कि 2025 में औद्योगिक मांग कुल उत्पादन का लगभग 60 प्रतिशत हो सकती है, और सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और 5जी बुनियादी ढांचे जैसी हरित प्रौद्योगिकियों की मांग अगली कुछ तिमाहियों में चांदी के लिए सकारात्मक तस्वीर पेश करती रहेगी।
सोने के साथ चांदी खरीदने में भी रुचि दिखा रहे हैं केंद्रीय बैंक
साथ ही, 2025 में एक्सचेंज-ट्रेडेड उत्पादों में निवेश प्रवाह, और भंडार में विविधता लाने में केंद्रीय बैंक की रुचि, मांग को बढ़ा रही है। रूस हाल ही में अपने राज्य भंडार के लिए चांदी की खरीद की स्पष्ट घोषणा करने वाला पहला देश बन गया है, जिसने अगले तीन वर्षों में 535 मिलियन डॉलर आवंटित किए हैं।
इस बीच, सऊदी अरब के केंद्रीय बैंक ने भी इस साल चांदी से जुड़े एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) में लगभग 4 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है।
भारत ने खूब खरीदी चांदी
घरेलू मोर्चे पर, भारत ने 2025 की पहली छमाही में 3,000 टन से अधिक चांदी का (India Import Silver) आयात किया है, जो उद्योग और निवेशकों दोनों की अच्छी रुचि को दर्शाता है।
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