सरकारी गोदाम चावल से भर गए! रिकॉर्ड 5.75 करोड़ टन स्टॉक; MSP और किसानों से जुड़ी वजह हैरान कर देगी
Government rice storage: देश में चावल का भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, जो 5.75 करोड़ टन है। सरकारी खरीद में तेजी के कारण स्टॉक पिछले साल से 12% ...और पढ़ें
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सरकारी गोदाम चावल से भर गए! रिकॉर्ड 5.75 करोड़ टन स्टॉक; MSP और किसानों से जुड़ी वजह हैरान कर देगी
एजेंसी, नई दिल्ली| देश में चावल का भंडार अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। सरकारी गोदामों में जमा चावल (government rice storage) पिछले साल के मुकाबले करीब 12 प्रतिशत बढ़कर दिसंबर की शुरुआत में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है। इसकी बड़ी वजह सरकारी एजेंसियों द्वारा धान की खरीद में तेजी मानी जा रही है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 1 दिसंबर 2025 तक चावल का कुल भंडार जिसमें कच्चा धान भी शामिल है, 5.75 करोड़ टन पर पहुंच गया है। यह मात्रा सरकार द्वारा 1 जनवरी के लिए तय 76.1 लाख टन के बफर स्टॉक लक्ष्य से कई गुना ज्यादा है। यानी जरूरत से कहीं अधिक चावल इस वक्त सरकारी गोदामों में जमा है।
सरकार को किसानों से बड़ी मात्रा में खरीद करनी पड़ रही
धान कारोबारियों का कहना है कि सरकार को किसानों से बड़ी मात्रा में खरीद करनी पड़ रही है। इसकी वजह यह है कि खुले बाजार में धान के दाम सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे बने हुए हैं। ऐसे में किसानों को नुकसान से बचाने के लिए सरकारी एजेंसियां ज्यादा खरीद करने को मजबूर हैं।
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किसानों से 4.22 करोड़ टन धान की खरीद कर चुकी सरकार
एक व्यापारी के मुताबिक, "जब बाजार भाव एमएसपी से नीचे चले जाते हैं, तो किसान सरकारी खरीद पर ज्यादा निर्भर हो जाते हैं। इस बार भी यही स्थिति देखने को मिल रही है।" सरकारी खरीद के आंकड़े भी इसी ओर इशारा करते हैं।
एक अक्टूबर से शुरू हुए मौजूदा विपणन वर्ष में अब तक सरकार किसानों से 4.22 करोड़ टन धान की खरीद कर चुकी है। यह आंकड़ा बताता है कि इस सीजन में खरीद की रफ्तार काफी तेज रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे चावल भंडार से सरकार के सामने भंडारण और प्रबंधन की चुनौती बढ़ सकती है। हालांकि, इसका सकारात्मक पहलू यह है कि खाद्य सुरक्षा के मोर्चे पर देश की स्थिति फिलहाल मजबूत बनी हुई है।

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