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    घरेलू बाजार में चीनी की सप्लाई बढ़ने के आसार, इंडस्ट्री ने की निर्यात कोटा बढ़ाने की मांग

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 03:47 PM (IST)

    India Sugar Exports: भारत वर्ष 2022-23 तक लगातार पांच साल तक दूसरा सबसे बड़ा चीनी निर्यातक था। उन वर्षों के दौरान हर साल औसतन 68 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया। लेकिन सूखे के कारण सरकार को 2023-24 में चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा। उसके बाद पिछले साल केवल 10 लाख टन निर्यात की अनुमति दी गई। 

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    चीनी निर्यात कोटा दोगुना करने की मांग

    India Sugar Exports: चीनी उद्योग ने 1 अक्टूबर से शुरू हुए नए सीजन में चीनी निर्यात के लिए आवंटन दोगुना करने की मांग की है। इसने निर्यात कोटा 20 लाख टन करने की जरूरत बताई है, क्योंकि इथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी का कम इस्तेमाल होने से घरेलू बाजार में चीनी सप्लाई बढ़ने की उम्मीद है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है। यहां से ज्यादा निर्यात होने से न्यूयॉर्क और लंदन वायदा बाजार में भाव पर दबाव पड़ सकता है, जहां दाम 5 साल के निचले स्तर के आसपास हैं।

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    भारत 2022-23 तक लगातार पांच वर्षों तक दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी निर्यातक था। तब हर साल औसतन 68 लाख टन चीनी का निर्यात होता था। लेकिन सूखे के कारण सरकार को 2023-24 में चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा और पिछले साल केवल 10 लाख टन निर्यात की अनुमति दी गई।

    भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "अगर आप इस सीजन के संभावित निर्यात की बात करें, तो हम देश से 20 लाख टन तक चीनी निर्यात की उम्मीद कर रहे हैं।"

    इथेनॉल के लिए 34 लाख टन चीनी का उत्पादन

    ISMA के अनुसार, अक्टूबर से शुरू हुए 2025-26 सीजन के लिए भारत का चीनी उत्पादन 309.5 लाख टन होने का अनुमान है। इसमें से लगभग 34 लाख टन चीनी का इथेनॉल उत्पादन के लिए उपयोग किया जाएगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 18.5% अधिक है। उद्योग बॉडी ने पिछले वर्ष इथेनॉल के लिए 45-50 लाख टन चीनी के उपयोग की उम्मीद की थी। लेकिन पिछले वर्ष सिर्फ 28% इथेनॉल चीनी से बनाया गया। बाकी इथेनॉल अनाज से बना।

    जल्दी निर्यात की अनुमति देने का आग्रह

    राष्ट्रीय सहकारी चीनी फैक्टरी महासंघ (NFCSF) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने कहा कि उद्योग ने सरकार से मिलों को चीनी निर्यात जल्दी शुरू करने की अनुमति देने का आग्रह किया है, ताकि वे विदेशी शिपमेंट के लिए सीजन की शुरुआत में कच्ची चीनी का उत्पादन कर सकें। ब्राजील से नए सीजन की आपूर्ति शुरू होने से पहले भारत के पास निर्यात के लिए लगभग तीन महीने का समय होगा।

    फिलहाल घरेलू दाम वैश्विक स्तर से ज्यादा

    बल्लानी ने कहा कि घरेलू बाजार में चीनी की कीमतें वर्तमान में वैश्विक कीमतों से अधिक हैं, लेकिन भारतीय मिलों को दिसंबर की शुरुआत तक निर्यात पैरिटी की उम्मीद है क्योंकि नए सीजन की आपूर्ति स्थानीय बाजारों पर दबाव डालना शुरू कर देगी। बल्लानी ने कहा, "पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिश्रण के सरकार के प्रयास के बाद कई मिलों ने अपनी क्षमता का विस्तार किया है। इससे इथेनॉल की बड़ी अप्रयुक्त क्षमता के कारण चीनी मिलों को नुकसान होगा और उन्हें अधिक चीनी का उत्पादन करना पड़ेगा।"