सर्च करे
Home

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिचौलिये होंगे बाहर, होटल-रेस्तरां को सीधे उपज बेच सकेंगे FPO, सरकार बना रही है वेब प्लेटफॉर्म

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 06:32 PM (IST)

    कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी का कहना है कि अगर होटल और रेस्तरां सीधे किसान उत्पादक संगठनों यानी FPO से उनकी उपज की खरीद करेंगे तो इससे उन्हें तो कम दाम पर चीजें उपलब्ध होंगी ही, बिचौलियों के न रहने से किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। एक कार्यक्रम में उन्होंने किसानों की समस्याओं की भी चर्चा की और लोगों से जीआई टैग वाले प्रोडक्ट खरीदने का आग्रह किया।

    Hero Image

    सीधे किसानों से उपज खरीदेंगे होटल-रेस्तरां

    कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने होटल और रेस्तरां से कहा है कि वे सप्लाई चेन से बिचौलियों को हटाकर सीधे किसान उत्पादक संगठनों (FPO) से खरीद करें। इससे किसानों को बेहतर रिटर्न मिल सकेगा। होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ नॉर्दर्न इंडिया और कृषि मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में चतुर्वेदी ने कहा, "देश में बड़ी संख्या में होटल और रेस्तरां हैं। अगर आप सब्जियां, मसाले और दूसरी चीजें खरीदने के लिए स्थानीय कृषक समुदाय के साथ साझीदारी करते हैं, तो यह दोनों के लिए फायदेमंद होगा।"

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कृषि सचिव ने कहा कि भारत में करीब 35,000 FPO हैं, जिनमें से 10,000 सरकारी स्कीम के तहत बनाए गए हैं। मंत्रालय एक वेब प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की सोच रहा है, जहां FPO सरप्लस पैदावार को बिजनेस, होटल और रेस्तरां द्वारा सीधी खरीद के लिए रजिस्टर कर सकते हैं।

    चतुर्वेदी ने कहा, "वे (होटल और रेस्तरां चेन) वैसे भी लोकल मंडियों या कुछ रिटेल चेन से फल, सब्जियां, मसाले और अनाज खरीद रहे हैं। हम उनसे आग्रह करते हैं कि वे अपनी यूनिट के पास के FPO से सीधे खरीदना शुरू करें।"

    छोटी जोत से सौदेबाजी की क्षमता घटती है

    चतुर्वेदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र भारत की GDP में 18 प्रतिशत योगदान करता है, जबकि इसमें देश की 46 प्रतिशत वर्कफोर्स काम करती है। यह कृषि और गैर-कृषि सेक्टर के बीच आमदनी में फर्क को दिखाता है। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र को दो बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है- छोटी जोत, जिससे किसानों की सौदेबाजी की क्षमता कम होती है और खेत तथा रिटेल बाजार की कीमतों में बड़ा अंतर। कृषक समुदाय के साथ सीधी साझेदारी इस प्राइस गैप को कम करने में मदद कर सकती है।

    चतुर्वेदी ने कहा कि कीटनाशक मुक्त और ऑर्गेनिक खाने की मांग बढ़ रही है। ऑर्गेनिक या प्राकृतिक खाद्य उपजाने वाले किसान क्लस्टर सर्टिफाइड ऑर्गेनिक खरीद के लिए होटलों के साथ टाई-अप कर सकते हैं।

    जीआई-टैग वाले प्रोडक्ट खरीदने का आग्रह

    GI-टैग वाले प्रोडक्ट पर उन्होंने कहा कि भारत में बासमती चावल के अलावा भी कई रजिस्टर्ड खाद्य पदार्थ हैं, जिनमें अनाज, सब्जियां, फल और प्रोसेस्ड फूड्स शामिल हैं। उन्होंने कहा, "मैं यह भी आग्रह करूंगा कि आप उन GI प्रोडक्ट को देश भर में अपने खाने में प्रमोट करें। मुझे यकीन है कि अनेक पर्यटक यह देखकर खुश होंगे कि यह हमारे देश की GI विरासत है।" पर्यटन मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सुमन बिल्ला ने कहा कि डायरेक्ट सोर्सिंग से दोनों सेक्टर को फायदा होगा।

     

    बिजनेस से जुड़ी हर जरूरी खबर, मार्केट अपडेट और पर्सनल फाइनेंस टिप्स के लिए फॉलो करें