क्या सोने की कीमत और बढ़ेगी, अभी खरीदें या रुकें? कब तक चलेगी यह तेजी
पिछले एक साल में सोने की कीमतों में भारी उछाल आया है। भू-राजनीतिक अनिश्चितता, खुदरा निवेश में वृद्धि और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी जैसे कारणों से सोने की मांग बढ़ रही है। बैंक ब्याज दरों का प्रभाव और गोल्ड ईटीएफ का बढ़ता आकर्षण भी सोने की कीमतों को बढ़ा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कीमतें और बढ़ सकती हैं, इसलिए निवेशक खरीदारी (gold investment tips) के लिए प्रेरित हो रहे हैं।

नई दिल्ली। पिछले एक साल में सोना 79 हजार प्रति 10 ग्राम से 1.31 लाख प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गया है। सोने की कीमतों में यह तेजी क्यों आ रही है और क्या यह तेजी आगे भी जारी रहेगी, इन तमाम विषयों पर बैंक आफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सब्नवीस से राजीव कुमार की बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश..
प्रश्न: सोने की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह क्या है?
उत्तर: भू-राजनीतिक हालात के कारण अभी वैश्विक अनिश्चितता का माहौल बन गया है। इस साल फरवरी के बाद से अमेरिका की तरफ टैरिफ नीति में बदलाव के बाद अनिश्चितता और बढ़ती गई, जिससे लोग शेयर बाजार की जगह सोने जैसे सुरक्षित निवेश की तरफ बढ़ने लगे। भारत और चीन में सोने का खुदरा निवेश (gold investment tips) बढ़ा है। इन दोनों देशों में सोने के प्रति लोगों में अधिक चाहत है और दुनिया में सोने की सबसे अधिक खपत इन्हीं दोनों देशों में होती है।
दूसरी बात, भारत में इन दिनों बैंकों में जमा पर काफी कम ब्याज मिल रहा है। इससे भी सोने में निवेश के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। लोग बचत खाते में जमा रखने से बेहतर सोने की खरीदारी को मान रहे हैं। गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के प्रति भी आकर्षण तेजी से बढ़ रहा है। इसके माध्यम से कम राशि भी सोने पर लगाई जा सकती है और उसका फायदा सोने की दर के हिसाब से मिलता है। आजकल अपने निवेश के पोर्टफोलियो में सोना प्रमुख हिस्सा बन गया है। इसके अलावा दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की ओर से खरीदारी के कारण भी तेजी से सोने की मांग बढ़ रही है। अमेरिका, चीन, पोलैंड, भारत जैसे कई देशों के केंद्रीय बैंक सोने की अधिक खरीदारी कर रहे हैं।
प्रश्न: सोने की कीमत में गिरावट का भी अनुमान लगाया जा रहा है?
उत्तर: कोरोना काल के बाद यह देखने में आया है कि एक बार सोने का दाम बढ़ गया तो उस स्तर के आगे ही जाता है, भाव थोड़ा-बहुत ही कम हो पाता है। कोरोना से पहले सोने के दाम में 10 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई है। इसलिए सोना के मूल्य में कमी को लेकर कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। दूसरी बात है कि अमेरिका अपने निर्यात को समर्थन देने के लिए डालर को कमजोर करना चाहता है। पिछले कुछ दिनों से डालर में कमजोरी देखी जा रही है। जब भी डालर कमजोर होगा, सोने के दाम बढ़ेंगे। अमेरिका में अभी काफी उथल-पुथल है जिससे डालर के कमजोर होने की आशंका है। ऐसे में सोने की मांग में तेजी जारी रह सकती है।
प्रश्न: क्या सीमित उत्पादन भी कीमतों में बढ़ोतरी का कारण है?
उत्तर: बिल्कुल। मांग के मुताबिक कच्चे तेल व सोने जैसे आइटम का उत्पादन नहीं बढ़ाया जा सकता है। ऐसा नहीं है कि इनकी मांग बढ़ जाने पर उनका उत्पादन भी बढ़ाया जा सकता है। निश्चित जगहों पर सोने की खनन हो रही है।
प्रश्न: कीमत में तेजी आने पर क्या सोने की खरीदारी में तेजी आ जाती है?उत्तर: ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ग्राहकों को लगता है कि कहीं सोने का दाम और अधिक न बढ़ जाए, इसलिए वे खरीदारी के लिए निकल पड़ते हैं। भारत में शादी-विवाह में सोने का काफी इस्तेमाल होता है। ऐसे में जिनके यहां शादी होने वाला है, वे दाम में तेजी देख कर खरीदारी करने लगते हैं।
प्रश्न: ऊंची कीमतों को देखते हुए आम आदमी तो सोना खरीद ही नहीं पाएगा?
उत्तर: ऐसा नहीं है। भारत में सोने की खरीदारी करने के बहुत तरीके हैं। जिनके पास 1000 रुपये की बचत है, वे भी सोने की खरीदारी कर सकते हैं। ईटीएफ में निवेश या फिर विभिन्न स्कीम के जरिये उस छोटी-छोटी बचत से भी सोने की खरीदारी की जा सकती है। भारत में सोना लोगों की भावना से जुड़ा है। वे कम मात्रा में ही सही, इसकी खरीदारी करेंगे।
प्रश्न: इन दिनों चांदी में भी काफी तेजी चल रही है, क्या वजह है?
उत्तर: जब भी सोने की कीमत तेज होगी, चांदी में भी तेजी आएगी। दोनों साथ-साथ चलते हैं। सोना तेज होने पर लोग सोचते हैं कि चलो, चांदी ही खरीद लेते हैं। इससे भी उनकी मांग बढ़ने लगती है। भारत में हर छोटे-छोटे मौके पर चांदी के सिक्के व अन्य सामान देने का रिवाज है। इससे भी चांदी की मांग को मजबूती मिलती है। चांदी का इन दिनों औद्योगिक इस्तेमाल भी बढ़ता जा रहा है।
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