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    Gold Price Analysis: अभी गोल्ड महंगा या बहुत सस्ता, कब खरीदें? NYU प्रोफेसर ने दो पॉइंट में समझा दिया

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 01:40 PM (IST)

    Gold Price Analysis: न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने सोने की कीमतों को लेकर दो महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। उन्होंने कहा कि कीमतों का अनुमान लगाना मुश्किल है, लेकिन ब्याज दरें, मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक तनाव जैसे कारक महत्वपूर्ण हैं। निवेशकों को इन पर ध्यान रखकर और अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार निवेश करना चाहिए।    

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    अभी गोल्ड महंगा या हो गया बहुत सस्ता, खरीदने का सही समय कब? 

    नई दिल्ली| साल 2025 में सोने के दाम ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। जहां अंतराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड की कीमतें 4000 डॉलर प्रति औंस (28.34 ग्राम) को पार कर गईं तो वहीं घरेलू बाजार में 1.30 लाख का आंकड़ा छूकर इतिहास रच दिया। हालांकि, त्योहारी सीजन खत्म होने के बाद से इसमें लगातार कमी देखी जा रही है। लेकिन सवाल यह है कि क्या सच में सोना अब भी 'सेफ इन्वेस्टमेंट' है या बस महंगे भाव की चमक बनकर रह गया है।

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    इसे लेकर न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और वैल्यूएशन एक्सपर्ट अस्वथ दामोदरन (Aswath Damodaran) ने अपने ताजा विश्लेषण (Gold Price Analysis) में कहा है कि 2025 का सोना इतिहास के मुकाबले काफी महंगा हो चुका है। उन्होंने दो पैमानों- महंगाई और सोना-चांदी रेशियो से साबित किया कि कीमतों में उछाल सिर्फ बाजार की भावनाओं से भी जुड़ा है। यानी, जो सोना आज सुरक्षा लग रहा है, वो शायद अब प्रीमियम पर बिक रहा है।

    2025 में सोने की ऐतिहासिक छलांग

    सोने की कीमत इस साल अक्टूबर तक 57% से ज्यादा बढ़कर 4,000 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गई, जो मुद्रास्फीति समायोजित अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। यह उछाल खास है क्योंकि शेयर और बॉन्ड मार्केट भी इस साल मजबूत रहे, फिर भी सोने ने उम्मीदों के विपरीत शानदार प्रदर्शन किया। दामोदरन ने चेतावनी दी कि सोने की मौजूदा वैल्यूएशन को सिर्फ प्राइस लेवल से नहीं बल्कि गहराई से देखना होगा, ताकि यह समझा जा सके कि क्या निवेशक इतिहास के हिसाब से ज्यादा प्रीमियम तो नहीं चुका रहे हैं।

    यह भी पढ़ें- Gold Investment: सोने के बिस्किट, सिक्के या फिर ज्वैलरी, निवेश के लिए क्या है सबसे सही?

    'सोना नकदी नहीं कमाता लेकिन...'

    दामोदरन ने कहा कि सोना एक ऐसा एसेट है जो कोई कैश फ्लो नहीं देता, इसलिए इसकी वैल्यू मूल रूप से कलेक्टिबल की तरह होती है। इसका दाम मांग-आपूर्ति, बाजार की भावना और मूड पर ज्यादा निर्भर करता है, न कि वित्तीय मूल्यों पर।

    दो मेट्रिक से सोने की वैल्यू जांची गई

    1. गोल्ड-टू-CPI रेशियो (Gold to cpi ratio)

    दामोदरन ने सोने की कीमत को कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) से जोड़ा। अक्टूबर 2025 में यह रेशियो 17.81 रहा, जबकि इसका ऐतिहासिक औसत लगभग 3 है। यह भारी अंतर बताता है कि सोना संभवतः ओवरवैल्यूड है। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि पिछले दशक में कम ब्याज दरें और धीमी महंगाई इस ऐतिहासिक तुलना को थोड़ा झुका सकती हैं।

    2. गोल्ड-टू-सिल्वर रेशियो (gold to silver ratio)

    अक्टूबर 2025 के अंत तक यह रेशियो 84.73 पर था, जबकि इसका ऐतिहासिक औसत 57.09 है। आम तौर पर सोना और चांदी साथ-साथ चलते हैं, लेकिन यह अंतर बताता है कि सोना चांदी के मुकाबले महंगा हो सकता है, हालांकि यह संकेत पूरी तरह विश्वसनीय नहीं माना जाता।

    तीन कारणों से बदलती है सोने की कीमत

    दामोदरन के अनुसार, सोने की कीमतें तीन बड़े कारणों से बदलती हैं।

    • पहला- मुद्रास्फीति यानी इन्फ्लेशन Inflation: सोना हल्की महंगाई से नहीं, बल्कि अचानक बढ़ती या चरम महंगाई से बचाव करता है।
    • दूसरा- संकट का डर (Crisis Fear): आर्थिक या वित्तीय संकट के वक्त सोना सेफ-हेवन बन जाता है।
    • तीसरा- रीयल ब्याज दरें: जब रीयल ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो सोना महंगा पड़ता है; और जब ये दरें घटती हैं, तो सोना चमकता है।

    दामोदरन का कहना है कि, "सोने को अक्सर महंगाई और संकट से बचाव का जरिया कहा जाता है, लेकिन इतिहास बताता है कि ये रिश्ता बहुत सीधा नहीं है।" उन्होंने कहा कि हालिया उछाल निवेशकों के डर और अनिश्चितता से भी जुड़ा है, कई लोग अब इसे बबल से सुरक्षा के तौर पर खरीद रहे हैं। 2015 में करीब $1,060 प्रति औंस से बढ़कर अब $4,000 पार हो जाना यह दिखाता है कि सोने की डिमांड में स्ट्रक्चरल बदलाव आ सकता है।

    गोल्ड को बीमा की तरह समझें

    दामोदरन के मुताबिक, जो निवेशक सोना सिर्फ सुरक्षा के लिए खरीदते हैं, उन्हें इसे बीमा की तरह समझना चाहिए, जो तब ज्यादा काम आएगा जब आपकी ज्यादातर संपत्ति वित्तीय बाजार में लगी हो। उन्होंने आगे यह भी कहा कि कुछ लोग तो बस किस्मत से सही वक्त पर सही जगह थे, लेकिन कुछ ने 2025 में बाजार के माहौल में आ रहे बदलाव को समय रहते पहचान लिया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जेपी मॉर्गन के जैमी डाइमोन और रे डालियो सच में मानते हैं कि बाजार एक बबल है, तो क्या उनके पास सोना नहीं होना चाहिए?

    MCX और IBJA पर क्या हैं सोने के दाम?

    मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी MCX पर 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 1,21,038 रुपए (Gold Rate Today) प्रति 10 ग्राम पहुंच गई है। तो वहीं इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन यानी IBJA इसकी कीमत 1,20,100 रुपए (Gold Price Today) प्रति 10 ग्राम है। एक्सपर्ट्स का मानना है त्योहारी सीजन के बाद वेडिंग सीजन में इसकी कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है।

     

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