Gold Record: गोल्ड इंपोर्ट में रिकॉर्ड 3 गुना उछाल, एक साल में कितनी हुई बढ़ोतरी? सामने आई बड़ी वजह
अक्टूबर 2025 में भारत का गोल्ड इंपोर्ट रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग तीन गुना अधिक है। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, यह उछाल त्योहारों और विवाह के मौसम में मांग में वृद्धि के कारण हुआ। इस वृद्धि ने व्यापार घाटे को भी बढ़ाया है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्वर्ण उपभोक्ता है, जिसकी मांग का अधिकांश हिस्सा आयात से पूरा होता है।

गोल्ड इंपोर्ट रिकॉर्ड में 3 गुना उछाल, ₹43.58 हजार करोड़ से ₹1.30 लाख करोड़ पहुंचा; क्यों बढ़ी डिमांड?
Gold Import Record: भारत का गोल्ड इंपोर्ट अक्टूबर में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। कॉमर्स मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, देश ने अक्टूबर 2025 में 14.72 बिलियन डॉलर (करीब 1,30,411 करोड़ रुपए ) का सोना आयात किया, जो पिछले साल अक्टूबर के 4.92 बिलियन डॉलर (करीब 43.58 हजार करोड़ रुपए) के मुकाबले लगभग तीन गुना ज्यादा है। यह उछाल मुख्य रूप से त्योहार और शादी सीजन की भारी मांग के कारण आया।
अप्रैल से अक्टूबर 2025 तक कुल गोल्ड इंपोर्ट 21.44% बढ़कर 41.23 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 34 बिलियन डॉलर था। गोल्ड इंपोर्ट में इस तेज बढ़ोतरी ने देश के ट्रेड डेफिसिट को भी रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचा दिया है। अक्टूबर में देश का ट्रेड डेफिसिट 41.68 बिलियन डॉलर रहा। वहीं दिल्ली में सोने की कीमतें लगभग 1.29 लाख रुपए (Gold Price Today) प्रति 10 ग्राम के आसपास बनी हुई हैं।
कॉमर्स सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल ने कहा कि इंपोर्ट बढ़ने की बड़ी वजह त्योहारों की मांग है। उनके मुताबिक, "त्योहार और शादी सीजन में सोने की मांग बढ़ने से इंपोर्ट में तेजी आई है।"
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दूसरा बड़ा गोल्ड कंज्यूमर है भारत
भारत के गोल्ड इंपोर्ट में स्विट्जरलैंड की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 40% है। इसके बाद यूएई (16%) और दक्षिण अफ्रीका (10%) का नंबर आता है। अक्टूबर में स्विट्जरलैंड से गोल्ड इंपोर्ट 403.67% उछलकर 5.08 बिलियन डॉलर हो गया। अप्रैल-अक्टूबर अवधि में यह 10.54% बढ़कर 15.4 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड कन्ज्यूमर है और ज्वेलरी इंडस्ट्री की मांग का ज्यादा हिस्सा आयात से पूरा होता है। बता दें जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट पिछले महीने 29.5% गिरकर 2.3 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया।
सिल्वर इंपोर्ड में भी दिखा उछाल
करंट अकाउंट डेफिसिट (CAD) अप्रैल-जून 2025-26 में घटकर 0.2% GDP (2.4 बिलियन डॉलर) रह गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 0.9% GDP (8.6 बिलियन डॉलर) था। यह गिरावट सर्विस सेक्टर की बेहतर परफॉर्मेंस की वजह से हुई। अग्रवाल ने साफ कहा कि इस बार गोल्ड इंपोर्ट डेटा में डबल अकाउंटिंग की कोई संभावना नहीं है। जनवरी में सरकार ने नवंबर 2024 के असामान्य उछाल के बाद ऐसा सुधार किया था। सिल्वर इंपोर्ट में भी उछाल दिखा और अक्टूबर में यह 528.71% बढ़कर 2.71 बिलियन डॉलर पहुंच गया। इसे इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो और फार्मा जैसे उद्योगों में इस्तेमाल किया जाता है।

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