"गिरने वाले हैं सोना-चांदी के दाम", 61% तेजी के बाद आ गया मुनाफा वसूली का समय, एक्सपर्ट क्यों बोले- संभलकर खरीदो?
पिछले एक साल में सोना 51% और चांदी 61% बढ़ी है। एक्सपर्ट्स अब निवेशकों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि कीमतों में गिरावट आ सकती है। हालांकि, लंबी अवधि में सोना और चांदी दोनों में तेजी की उम्मीद है। मॉर्गन स्टैनली के अनुसार, जून 2025 तक भारत के पास 34,600 टन सोना है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि चांदी की कीमतों में कुछ हफ्तों तक तेजी रह सकती है, लेकिन बाद में गिरावट आ सकती है।
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एक्सपर्ट ने सलाह दी है कि सोना-चांदी खरीदने से पहले सावधानी बरतें।
नई दिल्ली|पिछले एक साल में सोना 51% और चांदी 61% चढ़ (Gold Silver Record) चुकी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 4,047 डॉलर प्रति औंस और चांदी 50.8 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई है। लेकिन अब एक्सपर्ट्स सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि कीमतों में जल्द ही शॉर्ट-टर्म करेक्शन यानी हल्की गिरावट देखी जा सकती है। हालांकि, लॉन्ग टर्म में विशेषज्ञ अभी भी सोना और चांदी दोनों पर बुलिश यानी सकारात्मक नजरिया रखते हैं। उनका कहना है कि अगर कीमतों में गिरावट आती है तो यह खरीदने का मौका साबित हो सकता है।
कब खरीदें सोना, एक्सपर्ट ने क्या समझाया?
जेफरीज (Jefferies) के ग्लोबल हेड ऑफ इक्विटी स्ट्रैटेजी क्रिस्टोफर वुड ने कहा कि,
"सोने और सोने से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में जो तेज उछाल आया है और मीडिया में जिस तरह चर्चा हो रही है, वह करेक्शन का जोखिम बढ़ाती है। लेकिन निवेशकों को किसी भी तेज गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में देखना चाहिए।"
वुड ने सोने के लिए 6,600 डॉलर प्रति औंस का लॉन्ग टर्म टारगेट दिया है। उनका कहना है कि अमेरिकी डॉलर की गिरती वैल्यू (US dollar debasement) आगे भी सोने को सहारा देगी।
भारत के पास 34600 टन सोना- मॉर्गन स्टैनली
मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2025 तक भारत के पास 34,600 टन सोना है, जिसकी कीमत मौजूदा भाव पर करीब 3,785 अरब डॉलर बैठती है। यह भारत के GDP का 88.8% है। रिपोर्ट बताती है कि भारतीय परिवारों की इक्विटी (शेयरों) में कुल हिस्सेदारी 1,185 अरब डॉलर है, यानी सोने की कीमत उससे तीन गुना अधिक है।
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दुनिया की गोल्ड डिमांड में भारत का 26% हिस्सा
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2025 तक भारत दुनिया की कुल गोल्ड डिमांड का 26% हिस्सा रखता है। यह चीन (28%) के बाद दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। भारत में सोने की मांग का दो-तिहाई हिस्सा ज्वेलरी से आता है। वहीं, गोल्ड बार और कॉइन यानी इन्वेस्टमेंट के लिए सोना खरीदने का हिस्सा पिछले 5 साल में 23.9% से बढ़कर 32% हो गया है। WGC के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 50 सालों में सोने की कीमतें डॉलर के मुकाबले हर साल औसतन 8% बढ़ी हैं। यह रिटर्न शेयर बाजार के बराबर और बॉन्ड्स से बेहतर है।
एक्सपर्ट बोले- अब सस्ती हो सकती है चांदी
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक जी चोक्कालिंगम का कहना है कि हाल में चांदी की कीमतों में आई तेजी स्पेकुलेटिव डिमांड यानी सट्टेबाजी की वजह से है। उन्होंने कहा,
"सोने की कीमतें आने वाले समय में 5-10% गिर सकती हैं, लेकिन सेंट्रल बैंकों की खरीदारी से इसे सपोर्ट मिलेगा। वहीं, चांदी की कीमतों में कुछ हफ्तों तक तेजी रह सकती है, लेकिन ऊंचे दाम सप्लाई बढ़ाएंगे, जिससे 2025 के अंदर 10-15% तक गिरावट हो सकती है।"
FOMO ने बढ़ाई सोना-चांदी की खरीदारी!
SAMCO सिक्योरिटीज के हेड ऑफ मार्केट पर्सपेक्टिव्स अपूर्व शेठ का कहना है कि हाल में सोना और चांदी में आई भारी खरीदारी FOMO (Fear of Missing Out) यानी "मौका छूट जाने के डर" की वजह से है। उन्होंने कहा,
"जब कोई मार्केट (चाहे स्टॉक हो या कमोडिटी) टॉप पर होता है, तब देर से आने वाले निवेशक जोश में खरीदारी करते हैं और पुराने समझदार निवेशक मुनाफा बुक करने लगते हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि चांदी 50 साल के कंसॉलिडेशन से निकल रही है। अगले 5-10 साल में यह 100 डॉलर से 200 डॉलर तक जा सकती है। सोना तुलनात्मक रूप से स्थिर रहेगा, लेकिन अगले 3-4 साल में 6000 डॉलर से 6,500 डॉलर के स्तर तक पहुंच सकता है। 50-60% उछाल के बाद 10-20% की गिरावट चिंता की बात नहीं है, क्योंकि लॉन्ग टर्म ट्रेंड अभी भी पॉजिटिव है।"
आज क्या हैं सोना-चांदी के रेट?
इंडिया बुलियन ज्वैलर्स एंड एसोसिएशन यानी IBJA पर सोमवार को शाम 6 बजे 24 कैरेट सोने की कीमत (Gold Price Hike) 1,24,155 रुपए प्रति 10 ग्राम रही। इसमें 3310 रुपए की जबरदस्त तेजी देखने को मिली। वहीं चांदी 1,75,325 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई। जिसमें 10 अक्टूबर के मुकाबले 13,182 रुपए की बढ़ोतरी (Silver Price Hike) दर्ज हुई। इस बीच एक्सपर्ट्स की सलाह है कि निवेशक संभलकर ही सोना-चांदी में निवेश करें।
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