डिजिटल या फिजिकल गोल्ड किसमें निवेश करने में है आपको फायदा, इस दिवाली कहां लगाएं पैसा?
इस समय लोग सबसे ज्यादा सोना और चांदी में निवेश कर रहे हैं। दिवाली से दो दिन पहले देशभर में धनतेरस का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन सोना और चांदी खरीदना सबसे शुभ माना जाता है। आज हर चीज डिजिटलाइज हो चुकी है। आज गोल्ड भी आप डिजिटल तरीके से खरीद सकते हैं। चलिए जानते हैं कि आपके लिए फिजिकल या डिजिटल गोल्ड क्या सही रहेगा?

दिवाली में सोने का निवेश: डिजिटल या फिजिकल, कौन सा है बेहतर?
नई दिल्ली। दिवाली से कुछ दिन पहले जमकर सोना और चांदी में निवेश करते हैं। ये समय सोना और चांदी खरीदने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। आजकल लोग सोने में निवेश के लिए डिजिटल गोल्ड को भी चुनने लगे हैं। सोने में आप डिजिटल और फिजिकल गोल्ड दोनों तरीके से निवेश कर सकते हैं।
अगर आप भी डिजिटल और फिजिकल गोल्ड में कंफ्यूज है कि कौन-सा खरीदा जाए या किसमें निवेश किया जाए, तो ये आर्टिकल आपके लिए बड़े काम का होने वाला है।
Physical vs Digital Gold क्या है बेहतर?
फिजिकल गोल्ड यानी कि गोल्ड ज्वेलरी, सिक्के और बार। इनमें आप सालों से निवेश करते आए हैं। वहीं डिजिटल गोल्ड आप फोन के जरिए ही खरीद सकते हैं। आप फोन के जरिए ही ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। डिजिटल गोल्ड खरीदते वक्त आपको घर में सोना लाने की जरूरत नहीं होती। फिजिकल और डिजिटल गोल्ड दोनों के ही अपने फायदे और नुकसान है। आइए समझते हैं कि आपके लिए क्या बेहतर है?
आपके लिए क्या बेहतर है?
फिजिकल गोल्ड जैसे ज्वेलरी और सिक्के लेने के लिए आपको इसमें मेकिंग चार्ज और जीएसटी यानी टैक्स दोनों ही देना पड़ता है। इससे गोल्ड की कीमत और बढ़ जाती है। हालांकि गोल्ड बार में आपको ऐसा कोई चार्ज नहीं देना होता।
अब बात करते हैं कि डिजिटल गोल्ड की, तो डिजिटल गोल्ड में खरीदते वक्त आपको कोई चार्ज नहीं देना होता। हालांकि इसमें आपको ब्रोकरेज चार्ज और म्यूचुअल फंड से संबंधित चार्ज जैसे एग्जिट और एक्सपेंस रेश्यो देना होगा।
इसमें आपको फिजिकल गोल्ड की तरह सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं रहना पड़ता। हालांकि चाहे आप फिजिकल गोल्ड बेचें या डिजिटल गोल्ड आपका ये कैपिटल गेन टैक्स के अंतर्गत आएगा। आपको गोल्ड बेचने पर जो भी मुनाफा होगा, उस पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।