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    AI का कमाल : ट्रैक्टर स्टार्ट कर दो, फिर खुद करेगा खेत की जुताई-बिजाई, जानें कैसे?

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 10:27 PM (IST)

    Digital Agriculture पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PU) ने डिजिटल एग्रीकल्चर की ओर कदम बढ़ाते हुए सोमवार को ऐसे ट्रैक्टर को प्रदर्शित किया जिसने पूरे खेत की जुताई बिना ड्राइवर के कर दी। उसमें लगे जीपीएस सेंसर आइपैड कंप्यूटर-आधारित टच स्क्रीन कंट्रोल पैनल में खेत के आकार के साथ-साथ उसकी जुताई कैसे करनी है यह जानकारी फीड की गई।

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    ट्रैक्टर ने पूरे खेत की जुताई बिना ड्राइवर के कर दी।

    नई दिल्ली| Digital Agriculture : पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PU) ने 'डिजिटल एग्रीकल्चर' की ओर कदम बढ़ाते हुए सोमवार को ऐसे ट्रैक्टर को प्रदर्शित किया जिसने पूरे खेत की जुताई बिना ड्राइवर के कर दी। उसमें लगे जीपीएस, सेंसर, आइपैड कंप्यूटर-आधारित टच स्क्रीन कंट्रोल पैनल में खेत के आकार के साथ-साथ उसकी जुताई कैसे करनी है, यह जानकारी फीड की गई। 

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    ड्राइवर ने केवल ट्रैक्टर को स्टार्ट किया और उतर गया। इसके बाद ट्रैक्टर चलता रहा और पूरे खेत की जुताई बेहतर तरीके से कर दी। माना जा रहा है कि इससे किसानों का काम आसान होगा और उत्पादकता में सुधार आएगा।

    पीएयू के वीसी डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने बताया कि विदेश में बिना ड्राइवर के ही खेतों में ट्रैक्टर व दूसरे वाहन चलते हैं, लेकिन अपने देश में ऐसे वाहन स्वीकृत नहीं है। पीएयू ने भी जो आटो-स्टीयरिंग सिस्टम ट्रैक्टर प्रदर्शित किया है, उसमें ड्राइवर का सीट पर बैठना जरूरी है।

    पीएयू की ओर से प्रदर्शित ट्रैक्टर ग्लोबल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) वाले आटो-स्टीयरिंग सिस्टम पर आधारित है। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का कहना है कि इस तकनीक को अमेरिका से लाया गया है, लेकिन यह पूरी तरह ड्राइवर-लेस ट्रैक्टर नहीं था।

    एआई के जरिये आटो-स्टीयरिंग सिस्टम टेक्नोलाजी पर आधारित ड्राइवर-असिस्टेड ट्रैक्टर भविष्य की खेती को बहुत आसान कर देगा। 

    कैसे करते हैं इस्तेमाल?

    वीसी डॉ. गोसल ने बताया कि आटो-स्टीयरिंग सिस्टम एक सैटेलाइट निर्देशित कंप्यूटर-सहायता प्राप्त उपकरण है जिसे ट्रैक्टर चलाने के दौरान स्टीयरिंग को स्वचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है। कई उपग्रह समूहों से प्राप्त संकेतों को सेंसर व एक टच स्क्रीन कंट्रोल कंसोल से जोड़कर यह सिस्टम ट्रैक्टर का सटीक व पूर्वनिर्धारित पथों पर मार्गदर्शन करता है।

    स्टीयरिंग खुद आपरेट होता है, जो कम रोशनी में भी काम करता है। जीएनएसएस से ट्रैक्टर में लगे आइपैड से कमांड दी जाती है कि ट्रैक्टर को किस पोजिशन में कहां तक चलना है, यह अपने आप आगे अंतिम पड़ाव पर मुड़ता है। ट्रैक्टर जुताई के साथ बिजाई भी कर सकता है।

    यह बीज बिलकुल सीधी रेखा में गिराता है। पीएयू स्मार्ट सीडर जैसे उपकरणों ने किया अच्छा प्रदर्शन पीएयू के प्रयोगों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, आटो स्टीयरिंग सिस्टम किसी भी एचपी वाले आटो स्टीयरिंग नए पुराने ट्रैक्टर पर लगाया जा सकता है। 

    इसके साथ डिस्क हैरो, कल्टीवेटर, रोटावेटर व पीएयू स्मार्ट सीडर जैसे उपकरणों ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। ये मैनुअल स्टीयरिंग वाले कृषि उपकरणों में तीन से 12 प्रतिशत के बीच ओवरलैप देखा गया। आटो स्टीयरिंग प्रणाली के साथ ओवरलैप घटकर एक प्रतिशत रह गया।