Copper Price Today: तेजी से भाग रहे कॉपर के दाम, क्या हैं ताजा रेट? एक्सपर्ट ने 2026 के लिए दिया टारगेट प्राइस
Copper Price Today: कॉपर की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। एक्सपर्ट्स ने 2026 के लिए कॉपर के टारगेट प्राइस को लेकर अनुमान जारी किए हैं, जिससे बाजार म ...और पढ़ें
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Copper Price Today: तेजी से भाग रहे कॉपर के दाम, क्या हैं ताजा रेट? एक्सपर्ट ने 2026 के लिए दिया टारगेट प्राइस
Copper Price Today: मजबूत हाजिर मांग के चलते शुक्रवार को वायदा बाजार में तांबा (Copper Price) की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर तांबा वायदा 0.43 प्रतिशत उछलकर 1,127.20 रुपए प्रति किलोग्राम (Copper PriceToday) पर पहुंच गया। बाजार में बढ़ती खरीदारी और कारोबारियों द्वारा सौदों का आकार बढ़ाने से कीमतों को सपोर्ट मिला।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स (MCX) पर रात 9.30 बजे तक 31 दिसंबर 2025 डिलीवरी वाले तांबा अनुबंध में 3.45 रुपए (Copper Rate Hike) की बढ़त दर्ज की गई। ट्रेडिंग के दौरान इसका हाई लेवल 1119.55 रुपए (Copper Rate Today) और लो लेवल 1110.05 रुपए रहा। जबकि पिछले दिन यह 1111.70 रुपए पर बंद हुआ था।
तांबे की कीमतों में क्यों आ रहा उछाल?
इस तेज उछाल के पीछे सबसे बड़ी वजह ग्लोबल सप्लाई की कमी (global copper shortage) है। चीन, जो दुनिया का सबसे बड़ा कॉपर कंज्यूमर है, उसके टॉप स्मेल्टर्स ने 2026 में 10% आउटपुट (China copper smelter cut) कट करने पर सहमति दी है। इससे रिफाइंड कॉपर की उपलब्धता और घटने की आशंका है।
बाजार में तेजी को और हवा दी है बड़े ग्लोबल बैंकों ने। Citi ने कॉपर पर सुपर बुलिश नजरिया रखते हुए कहा है कि 2026 (Copper Price Target 2026) की दूसरी तिमाही में कॉपर का औसत भाव 13,000 डॉलर (करीब 11.64 लाख रुपए यानी 1164 रुपए प्रति किलोग्राम) प्रति टन तक जा सकता है, जबकि बुल टारगेट 15,000 डॉलर (करीब 13.43 लाख रुपए यानी 1343 रुपए प्रति किलोग्राम) रखा गया है।
वहीं Goldman Sachs ने 2026 की पहली छमाही का आउटलुक बढ़ाकर 10,710 डॉलर कर दिया है और कहा कि लंबे समय के फंडामेंटल मजबूत बने हुए हैं।
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चिली में प्रोडक्शन 7% घटा
सप्लाई की तंगी सिर्फ चीन तक सीमित नहीं है। चिली, जो दुनिया का सबसे बड़ा कॉपर उत्पादक है, उसकी प्रोडक्शन 7% घट गई है, जिससे वैश्विक स्तर पर दबाव और बढ़ा है। चीन के SHFE वेयरहाउस में भी कॉपर स्टॉक 9.22% गिर गया है, जो साफ संकेत है कि फिजिकल मार्केट में उपलब्धता तेजी से कम हो रही है।
5 लाख टन की कमी का अनुमान
इसके अलावा, दुनिया भर में कॉपर कंसन्ट्रेट की करीब 5 लाख टन की कमी (copper supply shortage) अगले साल भी जारी रहने का अनुमान है। हालांकि, अमेरिका में Comex इन्वेंटरी बढ़ी है, जिससे वहां सप्लाई की स्थिति अपेक्षाकृत स्थिर दिखती है। आयात की बात करें तो ऊंची कीमतों के कारण चीन के कॉपर इम्पोर्ट लगातार दूसरे महीने घटे हैं। दूसरी ओर, Rio Tinto ने 2025 के लिए प्रोडक्शन आउटलुक बढ़ाकर 8.75 लाख टन तक कर दिया है, जिससे मध्यम अवधि में राहत मिल सकती है।

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