Gold Investment: धनतेरस पर 9 कैरेट गोल्ड खरीदें या नहीं, यह 18 कैरेट से कितना सही? क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
Gold Investment: धरतेरस से पहले 9 कैरेट सोने का चलन बढ़ रहा है, जिसे सरकार ने मान्यता दी है। इसमें 37.5% शुद्ध सोना होता है, जो इसे किफायती बनाता है। विशेषज्ञ इसे निवेश के लिए उपयुक्त नहीं मानते, क्योंकि इसकी रीसेल वैल्यू कम होती है। युवाओं में यह लोकप्रिय है, क्योंकि यह उन्हें बजट में लग्जरी का अहसास कराता है। हॉलमार्किंग से इसकी शुद्धता पर भरोसा बढ़ेगा, जिससे यह कम बजट वाले खरीदारों के लिए एक सुरक्षित विकल्प होगा।

9 कैरेट गोल्ड में निवेश करने पर एक्सपर्स्ट ने अपनी-अपनी राय दी है।
नई दिल्ली| दो दिन बाद यानी 18 अक्टूबर को धरतेरस है। जिसे गोल्ड खरीदने का सबसे शुभ दिन माना जाता है। आमतौर पर लोग 24-22 कैरेट की ज्वैलरी या फिर सिक्के खरीदना पसंद करते हैं। लेकिन इस साल ट्रेंड बदल रहा है और नया कैरेट चर्चा में है। वो है- 9 कैरेट का सोना। केंद्र सरकार ने जुलाई 2025 में इसकी हॉलमार्किंग को मंजूरी दी थी। यानी अब यह भी 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट सोने की तरह आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त है। लेकिन सवाल है कि क्या 9 कैरेट का सोना निवेश के लिहाज से सही विकल्प है या सिर्फ पहनने तक सीमित है? तो इस पर एक्सपर्ट्स ने खास राय दी है।
क्या है 9 कैरेट गोल्ड? What is 9 Carat Gold
9 कैरेट सोने में सिर्फ 37.5% शुद्ध सोना होता है, बाकी हिस्सा तांबा, चांदी, जस्ता जैसे मिश्र धातुओं (Alloys) का होता है। यही वजह है कि यह सस्ता और मजबूत होता है। यानी जो लोग 22K या 24K सोना नहीं खरीद सकते, उनके लिए 9K गोल्ड एक किफायती विकल्प है।
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24-22 कैरेट से कितना अलग है 9 कैरेट गोल्ड ?
कैरेट | शुद्धता (%) | मुख्य उपयोग | निवेश के लिए सही? |
24K | 99.90% | कॉइन, बार, डिजिटल गोल्ड | हां |
22K | 91.60% | ज्वैलरी और इन्वेस्टमेंट | हां |
18K | 75% | ज्वैलरी, डिजाइनर आइटम | सीमित |
14K | 58.30% | फैशन ज्वेलरी | नहीं |
9K | 37.50% | रोजमर्रा की ज्वेलरी | नहीं |
निवेश के लिए सही या नहीं, क्या बोले एक्सपर्ट्स ?
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन यानी IBJA के राष्ट्रीय अध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी ने साफ कहा कि,
"9 कैरेट सोना निवेश के लिए नहीं है। इसकी शुद्धता कम है, इसलिए रीसेल वैल्यू बहुत सीमित होती है। भारत में 22 कैरेट और 18 कैरेट ही असली निवेश माने जाते हैं।"
IBJA की वाइस प्रेसिडेंट अक्षा कंबोज बताती हैं कि,
"24 कैरेट सोने की ऊंची कीमतों के बीच कई लोग सस्ते विकल्प जैसे 14 कैरेट या 9 कैरेट खरीदना पसंद कर रहे हैं। इससे उन्हें गोल्ड एसेट क्लास में एंट्री मिल जाती है।"
इनक्रेड मनी के सीईओ विजय कुप्ता का कहना है कि,
"अगर आप रोज पहनने के लिए टिकाऊ और सस्ता गहना चाहते हैं तो 9 कैरेट या 14 कैरेट गोल्ड ठीक है। लेकिन अगर निवेश या संपत्ति सुरक्षित रखने का मकसद है तो 22K या 24K ही खरीदें।"
ट्रेडजिनी के सीओओ त्रिवेश डी बताते हैं कि,
"22 कैरेट और 24 कैरेट ही असली निवेश हैं। 9 कैरेट या 18 कैरेट सोना फैशन या निजी उपयोग की चीज़ें हैं, न कि वित्तीय संपत्ति।"
युवा 9 कैरेट गोल्ड खरीदें या नहीं?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जनरेशन-Z यानी जेनजी और मिलेनियल्स अब 9 कैरेट और 14 कैरेट गोल्ड की ओर झुक रहे हैं। इसे लेकर अक्षा कंबोज का कहना है कि आज के युवा सोना तिजोरी में नहीं, अपने शरीर पर पहनना चाहते हैं। 9 कैरेट गोल्ड उन्हें लग्जरी का अहसास देता है, वो भी बजट में।
हॉलमार्किंग से लोगों में बढ़ेगा भरोसा
अब जब भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने 9 कैरेट और 14 कैरेट गोल्ड को हॉलमार्किंग की मंजूरी दी है, तो इसकी शुद्धता पर भरोसा बढ़ेगा। इससे कम बजट वाले खरीदारों को सस्ते और सुरक्षित विकल्प मिल सकेंगे।
यानी साफ शब्दों में कहें तो अगर आप निवेश के लिए सोना खरीद रहे हैं, तो 22 कैरेट या फिर 24 कैरेट ही चुनें। लेकिन अगर आप फैशन या रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए गहने लेना चाहते हैं, तो 9 कैरेट गोल्ड एक किफायती और टिकाऊ विकल्प साबित हो सकता है।
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